नई दिल्ली:
टीम इंडिया को अफगानिस्तान के खिलाफ मैच में लड़खड़ाते हुए हर किसी ने देखा। अफगान टीम अगर फील्डिंग में मुस्तैद होती, तो आईसीसी टी−20 वर्ल्ड कप का पहले बड़ा उलटफेर हमारे सामने होता। मगर शुक्र है ऐसा हुआ नहीं। अब भारत का अगला मैच इंग्लैंड से है। मौजूदा चैंपियन इंग्लैंड को हराने के लिए टीम इंडिया को पांच बातों का खास ध्यान रखना होगा।
ओपनर्स बरसाएं रन
क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट में टीम इंडिया के लिए गौतम गंभीर और वीरेंद्र सहवाग की जोड़ी कितनी अहमीयत रखती है, यह इससे ही पता चलता है कि 2007 टी−20 वर्ल्ड कप में इस जोड़ी ने 50 से ज्यादा की औसत से रन बनाए थे और टीम इंडिया लगातार बड़े-बड़े स्कोर बनाने में कामयाब रही।
2009 और 2010 के वर्ल्ड कप में यह जोड़ी फिटनेस की फांस के चलते नहीं बनाई जा सकी और भारत दोनों वर्ल्ड कप में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाया। इसके अलावा अगर टीम इंडिया को कोहली को खुलकर खेलने का मौका देना है, तो भी इस जोड़ी का फटाफट 50−60 रन की ओपनिंग साझेदारी करनी होगी।
जागो जहीर जागो
जहीर खान टीम इंडिया के गेंदबाजी विभाग के सबसे अनुभवी गेंदबाज़ है। जहीर का मैदान पर अच्छा प्रदर्शन करना इसलिए जरूरी है कि सीनियर गेंदबाज को अच्छा करते देख जूनियर का भी हौसला बढ़ता है।
लंकाई पिचों पर जहां दूसरी टीमों के गेंदबाज स्विंग और बाउंस हासिल करने में कामयाब हो रहे हैं, जहीर ऐसा नहीं कर पा रहे। वैसे साल 2012 में सीमित ओवर के फॉर्मेट में जहीर का प्रदर्शन बेहद औसत रहा है। जहीर ने नौ वन-डे मैचों में सिर्फ नौ विकेट झटके हैं। ऐसे में टीम इंडिया की जीत के लिए जहीर को जागना ही होगा।
फील्डिंग में मुस्तैदी
टीम इंडिया की फील्डिंग पर हमेशा से थोड़ा सवालिया निशान रहा है। भारतीय टीम हालांकि फील्डिंग में बहुत ज्यादा मुस्तैद कभी नहीं समझी गई, मगर फिर भी युवा खिलाड़ियों के बूते अगर टीम मैदान पर 25 से 30 रन भी बचाने में कामयाब रहती है, तो यह बड़ी कामयाबी मानी जाएगी। इंग्लैंड जैसी मजबूत टीम के साथ मुकाबले में ये 20−25 रन निर्णायक साबित हो सकते हैं।
स्पिन पर भरोसा
इतिहास गवाह है कि स्पिनर्स को खेलने में इंग्लैंड के बल्लेबाजों को हमेशा से परेशानी होती रही है। धोनी को इस बात को ध्यान में रखना होगा। अपने फैसलों से सबको चौंकाने वाले कप्तान महेंद्र सिंह धोनी अगर स्पिनगर्स की तिकड़ी इंग्लैंड के खिलाफ मैदान पर उतारें, तो यह दांव काम भी कर सकता है। चावला की लेग स्पिन, अश्विन की सोडुकु गेंद और भज्जी का 'दूसरा' इंग्लैंड के लिए घातक सिद्ध हो सकता है।
पार्ट−टाइमर पर दांव
माही अगर चार गेंदबाजों के साथ ही मैदान पर उतरने का फैसला करते हैं, तो एक बार फिर पांचवें पार्ट टाइमर का चुनाव सबसे अहम होगा। धोनी को सहवाग, युवी और रैना से काम निकलवाना होगा। युवराज ने अफगानिस्तान के खिलाफ तीन विकेट लिए थे। उनका हौसला भी बढ़ा है, इसलिए ऐसी परिस्थिति में युवराज का बेहद चालाकी से इस्तेमाल करना टीम इंडिया की जीत और हार पर बहुत बड़ा फर्क डालेगा।
ओपनर्स बरसाएं रन
क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट में टीम इंडिया के लिए गौतम गंभीर और वीरेंद्र सहवाग की जोड़ी कितनी अहमीयत रखती है, यह इससे ही पता चलता है कि 2007 टी−20 वर्ल्ड कप में इस जोड़ी ने 50 से ज्यादा की औसत से रन बनाए थे और टीम इंडिया लगातार बड़े-बड़े स्कोर बनाने में कामयाब रही।
2009 और 2010 के वर्ल्ड कप में यह जोड़ी फिटनेस की फांस के चलते नहीं बनाई जा सकी और भारत दोनों वर्ल्ड कप में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाया। इसके अलावा अगर टीम इंडिया को कोहली को खुलकर खेलने का मौका देना है, तो भी इस जोड़ी का फटाफट 50−60 रन की ओपनिंग साझेदारी करनी होगी।
जागो जहीर जागो
जहीर खान टीम इंडिया के गेंदबाजी विभाग के सबसे अनुभवी गेंदबाज़ है। जहीर का मैदान पर अच्छा प्रदर्शन करना इसलिए जरूरी है कि सीनियर गेंदबाज को अच्छा करते देख जूनियर का भी हौसला बढ़ता है।
लंकाई पिचों पर जहां दूसरी टीमों के गेंदबाज स्विंग और बाउंस हासिल करने में कामयाब हो रहे हैं, जहीर ऐसा नहीं कर पा रहे। वैसे साल 2012 में सीमित ओवर के फॉर्मेट में जहीर का प्रदर्शन बेहद औसत रहा है। जहीर ने नौ वन-डे मैचों में सिर्फ नौ विकेट झटके हैं। ऐसे में टीम इंडिया की जीत के लिए जहीर को जागना ही होगा।
फील्डिंग में मुस्तैदी
टीम इंडिया की फील्डिंग पर हमेशा से थोड़ा सवालिया निशान रहा है। भारतीय टीम हालांकि फील्डिंग में बहुत ज्यादा मुस्तैद कभी नहीं समझी गई, मगर फिर भी युवा खिलाड़ियों के बूते अगर टीम मैदान पर 25 से 30 रन भी बचाने में कामयाब रहती है, तो यह बड़ी कामयाबी मानी जाएगी। इंग्लैंड जैसी मजबूत टीम के साथ मुकाबले में ये 20−25 रन निर्णायक साबित हो सकते हैं।
स्पिन पर भरोसा
इतिहास गवाह है कि स्पिनर्स को खेलने में इंग्लैंड के बल्लेबाजों को हमेशा से परेशानी होती रही है। धोनी को इस बात को ध्यान में रखना होगा। अपने फैसलों से सबको चौंकाने वाले कप्तान महेंद्र सिंह धोनी अगर स्पिनगर्स की तिकड़ी इंग्लैंड के खिलाफ मैदान पर उतारें, तो यह दांव काम भी कर सकता है। चावला की लेग स्पिन, अश्विन की सोडुकु गेंद और भज्जी का 'दूसरा' इंग्लैंड के लिए घातक सिद्ध हो सकता है।
पार्ट−टाइमर पर दांव
माही अगर चार गेंदबाजों के साथ ही मैदान पर उतरने का फैसला करते हैं, तो एक बार फिर पांचवें पार्ट टाइमर का चुनाव सबसे अहम होगा। धोनी को सहवाग, युवी और रैना से काम निकलवाना होगा। युवराज ने अफगानिस्तान के खिलाफ तीन विकेट लिए थे। उनका हौसला भी बढ़ा है, इसलिए ऐसी परिस्थिति में युवराज का बेहद चालाकी से इस्तेमाल करना टीम इंडिया की जीत और हार पर बहुत बड़ा फर्क डालेगा।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
ICC T20 World Cup, Twenty-20 World Cup, Team India In Sri Lanka, India Vs England, आईसीसी टी20 विश्वकप, ट्वेंटी-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप, भारत बनाम इंग्लैंड