यह ख़बर 01 फ़रवरी, 2012 को प्रकाशित हुई थी

एक बार फिर लक्ष्य से भटकी टीम इंडिया

खास बातें

  • एक के बाद एक चार टेस्ट मैचों में शिकस्त खाने वाली महेंद्र सिंह धोनी की टीम को एएनजेड स्टेडियम में खेले गए पहले ट्वेंटी-20 मुकाबले में 31 रनों से हार मिली।
सिडनी:

ऑस्ट्रेलिया में जीत हासिल करने की भारतीय टीम की ख्वाहिश बुधवार को भी पूरी नहीं हो सकी। एक के बाद एक चार टेस्ट मैचों में शिकस्त खाने वाली महेंद्र सिंह धोनी की टीम को एएनजेड स्टेडियम में खेले गए पहले ट्वेंटी-20 मुकाबले में 31 रनों से हार मिली।

इस जीत के साथ मेजबान टीम ने दो मैचों की श्रृंखला में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली है। श्रृंखला का दूसरा मैच तीन फरवरी को खेला जाएगा। यह मैच शायद भारतीय टीम के लिए उम्मीद की किरण लेकर आए।

भारतीय कप्तान ने पहले मैच के बाद कहा कि हर किसी की जिंदगी में 'कल' आता है और वह उसे अपना बनाना चाहता है।

ऐसे में भारतीय टीम से कम से कम तीन फरवरी को बेहतर खेल की उम्मीद की जा सकती है। वैसे जिन युवाओं के बूते भारतीय टीम ने सीमित ओवरों के क्रिकेट का अभियान शुरू किया, वे बुरी तरह नाकाम रहे।

पहले ट्वेंटी-20 मैच में सबसे अधिक रन धोनी ने बनाए लेकिन रोहित शर्मा, रवींद्र जडेजा और सुरेश रैना जैसे बड़े नाम फ्लाप रहे।

दूसरी ओर, मेजबान टीम के चार खिलाड़ियों ने पर्दापण किया और अपने पहले ही मैच मे छाप छोड़ने में सफल रहे। कप्तान जॉर्ज बैले ने कप्तान और खिलाड़ी के तौर पर अपना पहला मैच खेला और टीम के लिए काफी भाग्यशाली रहे।

विकेटकीपर बल्लेबाज मैथ्यू वेड ने नियमित स्थान बनाने और ब्रैड हेडिन को पीछे छोड़ने की दौड़ में 72 रनों की शानदार पारी खेलकर मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार जीता।

मैच की बात करें तो टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए मेजबान टीम ने भारत के सामने 172 रनों का लक्ष्य रखा। वीरेंद्र सहवाग (4) का विकेट सस्ते में गिरने के बाद गौतम गम्भीर (20) और विराट कोहली (22) ने एक उम्मीद जगाई थी लेकिन कम रनों के अंतराल पर मध्यक्रम में कई विकेट गंवाने के कारण भारतीय टीम निर्धारित 20 ओवरों के पूरा होने के बाद लक्ष्य से 31 रन दूर रह गई।

छह विकेट गंवाकर 140 रन बनाने वाले भारतीय टीम की ओर से धोनी ने सबसे अधिक 48 रन बनाए लेकिन उनकी यह पारी टीम के किसी काम नहीं आई। रविचंद्रन अश्विन 15 रनों पर नाबाद लौटे। धोनी ने अपनी 43 गेंदों की पारी में एक चौका और तीन छक्के लगाए।

धोनी और अश्विन ने सातवें विकेट के लिए 59 रन जोड़े। डेविड हसी और डेनियल क्रिस्टियन को दो-दो सफलता हाथ लगी। ब्रेट ली और ब्रैड हॉग ने भी एक-एक विकेट प्राप्त किया।

सहवाग का विकेट छह रन के कुल योग पर गिरा था। इसके बाद गम्भीर और कोहली ने दूसरे विकेट के लिए 41 रन जोड़कर स्थिति को सम्भालने का प्रयास किया था लेकिन इसके बाद भारतीय टीम ने छह रन के अंतराल पर तीन विकेट गंवा दिए।

गम्भीर का विकेट 47 रन के कुल योग पर गिरा जबकि कोहली और रोहित (0) के विकेट 53 रन के कुल योग पर गिरे। कोहली ने 21 गेंदों पर एक छक्का लगाया।

गम्भीर ने 14 गेंदों पर तीन चौके लगाए। गम्भीर और शर्मा का विकेट डेविड हसी ने लिया जबकि सहवाग को ब्रेट ली ने आउट किया। कोहली ब्रैड हॉग का शिकार हुए।

इसके बाद रैना (14) और धोनी ने पांचवें विकेट के लिए 19 रन जोड़े। रैना का विकेट 72 रन के कुल योग पर गिरा। रैना की विदाई के बाद रवींद्र जडेजा (7) 81 रन के कुल योग पर आउट हुए।

इससे पहले, टॉस हारने के बाद बल्लेबाजी करने उतरी मेजबान टीम ने निर्धारित 20 ओवरों की समाप्ति तक चार विकेट पर 171 रन बनाए। इसमें मैथ्यू वेड के सबसे अधिक 72 रन शामिल हैं। वेड ने 43 गेंदों पर पांच चौके और तीन छक्के लगाए। वेड और ट्राविस बिर्ट (17) ने दूसरे विकेट के लिए 41 रन जोड़े।

इसके बाद वेड और डेविड हसी (42) ने तीसरे विकेट के लिए 56 रनों की साझेदारी की। यह साझेदारी सिर्फ 5.4 ओवर में हुई। वेड ने डेविड वार्नर (25) के साथ पहले विकेट के लिए 38 रन जोड़े थे।

वार्नर का विकेट 38 रन के कुल योग पर गिरा था जबकि बिर्ट 79 रन के कुल योग पर पवेलियन लौटे। वेड का विकेट 135 रन के कुल योग पर गिरा। वार्नर ने अपनी 14 गेंदों की पारी में दो छक्के और एक चौका लगाया।

हसी ने अपना पहला मैच खेल रहे कप्तान जॉर्ज बैले के साथ चौथे विकेट के लिए 25 ओवरों में 35 रन जोड़े। हसी का विकेट 170 रन के कुल योग पर गिरा। हसी ने अपनी 30 गेंदों की तेज पारी में तीन छक्के और एक चौका लगाया।

बैले ने 11 गेंदों का सामना करते हुए एक चौके की मदद से नाबाद 12 रन बनाए। भारत की ओर से रविचंद्रन अश्विन, विनय कुमार, सुरेश रैना और राहुल शर्मा ने एक-एक सफलता हासिल की।

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पारी के 15वें ओवर के दौरान बारिश के कारण खेल 20 मिनट के लिए रुका था लेकिन इसके बावजूद ओवर कम नहीं किए गए।