जोहानिसबर्ग:
पहले अनुभवी जैक्स कैलिस और युवा बल्लेबाज कोलिन इनग्राम की अगुआई में दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों ने रनों की बारिश की। बाद में जब भारतीय बल्लेबाज गति पकड़ रहे थे, तब असली बारिश ने व्यवधान डालकर शुक्रवार को यहां एकमात्र ट्वेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच में डकवर्थ-लुइस पद्धति से दक्षिण अफ्रीका को 11 रन से जीत दिला दी।
कैलिस [42 गेंद पर पांच चौकों और दो छक्कों की मदद से 61 रन] और इनग्राम [50 गेंद पर आठ चौकों और तीन छक्कों की मदद से 78 रन] के बीच 119 रन की रिकॉर्ड साझेदारी तथा आखिरी चार ओवर में 71 रन ठोकने से दक्षिण अफ्रीका ने टॉस गंवाने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए चार विकेट पर 219 रन बनाए।
भारतीय सलामी बल्लेबाजों ने सकारात्मक शुरुआत की। गौतम गंभीर ने 28 गेंद पर सात चौकों और एक छक्के की मदद से तूफानी 49 रन बनाए, लेकिन रॉबिन उथप्पा [19 गेंद पर 18] का धीमा खेल भारत को महंगा पड़ा। जब बारिश ने व्यवधान डाला, तब भारत ने 7.5 ओवर में बिना किसी नुकसान के 71 रन बनाए थे, जबकि डकवर्थ-लुइस पद्वति से उसे तब बराबरी के लिए 82 रन चाहिए थे।
ऑस्ट्रेलिया के बेहद खराब दौरे के बाद भारतीय टीम बांग्लादेश में एशिया कप के फाइनल में पहुंचने में नाकाम रही थी। दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों के बसने के 150 साल पूरे होने के अवसर पर पिछले साल से आयोजित किए जा रहे फ्रेंडशिप कप के कारण भारत यह मैच खेलने के लिए दक्षिण अफ्रीका पहुंचा, लेकिन इसमें भी भाग्य ने उसका साथ नहीं दिया।
गंभीर शुरू से गेंदबाजों को बख्शने के मूड में नहीं थे। उन्होंने पारी के दूसरे ओवर में एल्बी मोर्कल पर दो चौके और थर्ड मैन पर छक्का लगाया। उन्होंने रस्टी थेरोन का स्वागत दो चौकों से किया। उथप्पा दूसरे छोर से धीमा खेल रहे थे, लेकिन गंभीर के प्रयास से भारत पावरप्ले के छह ओवर में 51 रन बना गया।
आसमान में बिजली कड़क रही थी और गंभीर डकवर्थ-लुइस को ध्यान में रखकर तेजी अपना रहे थे। उन्होंने वेन पर्नेल पर लगातार दो चौके जमाए, लेकिन यह ओवर पूरा भी नहीं हो पाया कि बारिश आ गई, जिसने थमने का नाम नहीं लिया और आखिर में लगभग सवा घंटे के इंतजार के बाद अंपायरों ने मैच समाप्त घोषित करने का फैसला किया।
इससे पहले रिचर्ड लेवी [आठ गेंद पर 19] से तूफानी शुरुआत करने वाले दक्षिण अफ्रीका ने पारी के अंत में जमकर रन बटोरे। अपना पहला मैच खेल रहे ंफरहान बेहरदीन [नाबाद 20], जस्टिन ओनटोंग [22] और एल्बी मोर्कल [तीन गेंद पर नाबाद 16 रन] ने भी दक्षिण अफ्रीका के लिए उपयोगी योगदान दिया। भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने अपने कामचलाऊ गेंदबाजों पर अधिक भरोसा दिखाया। उन्होंने रिकॉर्ड आठ गेंदबाजों का उपयोग किया।
सुरेश रैना ने दो विकेट लिए, लेकिन इसके लिए उन्होंने 49 रन लुटाए।
कैलिस [42 गेंद पर पांच चौकों और दो छक्कों की मदद से 61 रन] और इनग्राम [50 गेंद पर आठ चौकों और तीन छक्कों की मदद से 78 रन] के बीच 119 रन की रिकॉर्ड साझेदारी तथा आखिरी चार ओवर में 71 रन ठोकने से दक्षिण अफ्रीका ने टॉस गंवाने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए चार विकेट पर 219 रन बनाए।
भारतीय सलामी बल्लेबाजों ने सकारात्मक शुरुआत की। गौतम गंभीर ने 28 गेंद पर सात चौकों और एक छक्के की मदद से तूफानी 49 रन बनाए, लेकिन रॉबिन उथप्पा [19 गेंद पर 18] का धीमा खेल भारत को महंगा पड़ा। जब बारिश ने व्यवधान डाला, तब भारत ने 7.5 ओवर में बिना किसी नुकसान के 71 रन बनाए थे, जबकि डकवर्थ-लुइस पद्वति से उसे तब बराबरी के लिए 82 रन चाहिए थे।
ऑस्ट्रेलिया के बेहद खराब दौरे के बाद भारतीय टीम बांग्लादेश में एशिया कप के फाइनल में पहुंचने में नाकाम रही थी। दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों के बसने के 150 साल पूरे होने के अवसर पर पिछले साल से आयोजित किए जा रहे फ्रेंडशिप कप के कारण भारत यह मैच खेलने के लिए दक्षिण अफ्रीका पहुंचा, लेकिन इसमें भी भाग्य ने उसका साथ नहीं दिया।
गंभीर शुरू से गेंदबाजों को बख्शने के मूड में नहीं थे। उन्होंने पारी के दूसरे ओवर में एल्बी मोर्कल पर दो चौके और थर्ड मैन पर छक्का लगाया। उन्होंने रस्टी थेरोन का स्वागत दो चौकों से किया। उथप्पा दूसरे छोर से धीमा खेल रहे थे, लेकिन गंभीर के प्रयास से भारत पावरप्ले के छह ओवर में 51 रन बना गया।
आसमान में बिजली कड़क रही थी और गंभीर डकवर्थ-लुइस को ध्यान में रखकर तेजी अपना रहे थे। उन्होंने वेन पर्नेल पर लगातार दो चौके जमाए, लेकिन यह ओवर पूरा भी नहीं हो पाया कि बारिश आ गई, जिसने थमने का नाम नहीं लिया और आखिर में लगभग सवा घंटे के इंतजार के बाद अंपायरों ने मैच समाप्त घोषित करने का फैसला किया।
इससे पहले रिचर्ड लेवी [आठ गेंद पर 19] से तूफानी शुरुआत करने वाले दक्षिण अफ्रीका ने पारी के अंत में जमकर रन बटोरे। अपना पहला मैच खेल रहे ंफरहान बेहरदीन [नाबाद 20], जस्टिन ओनटोंग [22] और एल्बी मोर्कल [तीन गेंद पर नाबाद 16 रन] ने भी दक्षिण अफ्रीका के लिए उपयोगी योगदान दिया। भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने अपने कामचलाऊ गेंदबाजों पर अधिक भरोसा दिखाया। उन्होंने रिकॉर्ड आठ गेंदबाजों का उपयोग किया।
सुरेश रैना ने दो विकेट लिए, लेकिन इसके लिए उन्होंने 49 रन लुटाए।