बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन का आज यहां मोतियाबिंद का ऑपरेशन हुआ, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की इस सलाह पर उन्होंने चुप्पी साध रखी है कि आईपीएल फिक्सिंग मामले की निष्पक्ष जांच के लिए उन्हें पद छोड़ देना चाहिए।
श्रीनिवासन के वकील पीएस रमन ने उनसे उनके निवास पर मुलाकात की, लेकिन इस मसले पर बात करने से इनकार कर दिया।
उन्होंने पत्रकारों से कहा, श्रीनिवासन का आज सुबह मोतियाबिंद का ऑपरेशन हुआ है। मैं इसी वजह से उनसे मिलने आया था। यह शिष्टाचार भेट थी। यह पूछने पर कि क्या सुप्रीम कोर्ट की सलाह के बाद श्रीनिवासन पद से हटने की सोच रहे हैं, उन्होंने टिप्पणी से इनकार कर दिया।
समझा जाता है कि आईपीएल के इंतजामों का जायजा लेने संयुक्त अरब अमीरात गए बीसीसीआई सचिव संजय पटेल भी बीच में लौट आए हैं और आज श्रीनिवासन से मिलेंगे।
श्रीनिवासन की खामोशी से इन अटकलों को बल मिला है कि वह तुरंत इस्तीफा नहीं देंगे बल्कि अंतिम फैसला लेने से पहले कल सुनवाई शुरू होने का इंतजार करेंगे ।
कोर्ट ने मंगलवार को श्रीनिवासन को इस्तीफा देने के लिए 48 घंटे का समय दिया था। उसने कहा था कि यदि श्रीनिवासन इस्तीफा नहीं देते तो वह उनकी बर्खास्तगी का फैसला सुना देगा।
स्पॉट फिक्सिंग मामले की जांच करने वाली समिति द्वारा सीलबंद लिफाफे में दी गई रिपोर्ट को पढ़ने के बाद न्यायमूर्ति एके पटनायक की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा कि रिपोर्ट में काफी गंभीर आरोप लगाये गए हैं और बीसीसीआई अध्यक्ष जब तक पद नहीं छोड़ते, निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती। बोर्ड के तीन उपाध्यक्षों शिवलाल यादव, रवि सावंत और चित्रक मित्रा ने उन्हें उच्चतम न्यायालय की सलाह मानने को कहा है।
श्रीनिवासन ने आईपीएल फिक्सिंग मामले में अपने दामाद गुरूनाथ मयप्पन का नाम उजागर होने के बाद जून 2013 में इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद बोर्ड के पूर्व प्रमुख जगमोहन डालमिया को अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया, लेकिन सितंबर 2013 में बोर्ड की एजीएम में श्रीनिवासन फिर अध्यक्ष बन गए।
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