यह ख़बर 21 सितंबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

योजना में कोई फेरबदल नहीं, लड़ूंगा चुनाव : श्रीनिवासन

एन श्रीनिवासन की फाइल तस्वीर

खास बातें

  • भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन ने शनिवार को स्पष्ट तौर पर कह दिया कि बोर्ड के अध्यक्ष पद के लिए अगले चुनाव में खड़े होने के उनके निर्णय में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
चेन्नई:

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन ने शनिवार को स्पष्ट तौर पर कह दिया कि बोर्ड के अध्यक्ष पद के लिए अगले चुनाव में खड़े होने के उनके निर्णय में कोई बदलाव नहीं हुआ है। श्रीनिवासन ने कहा कि बोर्ड की वार्षिक आम सभा में वह बोर्ड अध्यक्ष के रूप में अगले कार्यकाल के लिए खड़े होंगे।

मुंबई पुलिस द्वारा शनिवार को मुंबई की एक महानगर दंडाधिकारी के समक्ष दाखिल आरोपपत्र में अपने दामाद गुरुनाथ मय्यप्पन को आरोपित किए जाने के बाद श्रीनिवासन ने कहा, "मैंने अपने पद की योग्यता नहीं खोई है। मैं बोर्ड अध्यक्ष पद के चुनाव में खड़ा होने वाला हूं तथा लोग मेरे समर्थन में आगे आए हैं।"

मुंबई पुलिस ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के छठे संस्करण में स्पॉट फिक्सिंग एवं सट्टेबाजी मामले में शनिवार को मुंबई के महानगर दंडाधिकारी के समक्ष श्रीनिवासन के दामाद और चेन्नई सुपर किंग्स के मुख्य अधिकारी मय्यप्पन, बॉलीवुड अभिनेता बिंदू दारा सिंह, पाकिस्तानी अंपायर असद रऊफ के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है।

आईपीएल की फ्रेंचाईजी सुपर किंग्स पर सीमेंट की अग्रणी कंपनी इंडिया सीमेंट्स का स्वामित्व है, तथा श्रीनिवासन इंडिया सीमेंट्स के उपाध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक हैं।

श्रीनिवासन ने कहा, "यदि मय्यप्पन ने कुछ गलत किया है तो उस पर कोई निर्णय और कार्रवाई कानून करेगा। उसे निलंबित कर दिया गया है तथा अब वह खेल और टीम से किसी तरह संबद्ध नहीं है।"

श्रीनिवासन के अनुसार मय्यप्पन के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल होने का उनके बोर्ड का एक वर्ष और अध्यक्ष बने रहने पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

श्रीनिवासन ने कहा कि दो सदस्यीय जांच समिति से संबंधित मामला न्यायालय में है और वह इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे।

श्रीनिवासन ने इससे पहले कहा था कि वह बीसीसीआई के अध्यक्ष के अगले कार्यकाल में भी पद पर बने रहना चाहेंगे। उन्होंने आगे कहा, "यह पूरा मामला सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष पहुंच चुका है। मैंने आरोपपत्र नहीं देखा है। दुर्भाग्य से मीडिया इसे मुद्दे से एक अलग मामला ही बनाना चाहती है। मैंने इससे पहले जो कहा था, उससे पलटूंगा नहीं। मैं अयोग्य नहीं हुआ हूं। न्यायालय को अपना फैसला करने दीजिए।"

11,500 से भी अधिक पृष्ठों में तैयार किए गए आरोपपत्र में पुलिस ने आरोपियों को भारतीय दंड संहिता, मुंबई पुलिस अधिनियम, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और जुआ अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपित किया है।

पुलिस ने आरोपपत्र में लगभग 200 गवाहों के नाम दिए हैं और आरोपपत्र के साथ लगभग आधा दर्जन फोरेंसिक रिपोर्ट संलग्न किए हैं। इसके अलावा मामले में अब तक बरामद किए गए 181 वस्तुओं की सूची भी इस आरोपपत्र में शामिल है।

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पुलिस ने आरोपपत्र में फोन रिकॉर्ड्स, सीसीटीवी फुटेज, सिम कार्ड के ब्यौरे एवं अन्य प्रमाण भी प्रस्तुत किए हैं।