नई दिल्ली:
जिम्बाब्वे दौरे के लिए टीम इंडिया की घोषणा कर दी गई है। चयनकर्ताओं के मुताबिक टीम के सात सीनियर खिलाड़ियों को उनके आराम मांगे जाने पर आराम दिया गया है और युवा खिलाड़ियों की टीम को जिम्बाब्वे भेजा जा रहा है। अजिंक्य रहाणे की कप्तानी में चुनी इस टीम इंडिया पर कई सवाल उठ रहे हैं। एक नज़र 7 सनसनाते सवालों पर-
1. रहाणे को कप्तानी
अजिंक्य रहाणे को हाल फिलहाल तक टेस्ट का बल्लेबाज़ माना जाता रहा है। बांग्लादेश दौरे पर भी रहाणे को कप्तान एमएस धोनी ने दूसरे और तीसरे वनडे में ड्रॉप किया था। ऐसे में रहाणे को कप्तानी सौंपे जाना सवालिया निशान उठाता है कि कहीं चयनकर्ता धोनी को संकेत तो नहीं दे रहे हैं कि उनके दबदबे का दौर खत्म हो चुका है।
2. एमएस धोनी को आराम
इस दौरे के लिए धोनी को आराम दिया जाना भी आसानी से पच नहीं रहा है। आखिर धोनी टेस्ट मैचों से संन्यास ले चुके हैं। ऐसे में जिम्बाब्वे दौरे के बाद धोनी को आराम मिलना तय ही था, श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरीज के दौरान धोनी आराम कर सकते थे। वनडे स्पेशलिस्ट और कैप्टन कूल ने खुद से आराम मांगा था तो भी चयनकर्ता उन्हें कप्तान बनाए रख सकते थे।
3. नंबर वन ऑलराउंडर जडेजा का क्या होगा
रविंद्र जडेजा को धोनी का करीबी माना जाता रहा है, उन्हें पर्याप्त मौके भी मिलते रहे है। लेकिन अब उनकी टीम में वापसी मुश्किल दिख रही है। कंधे की चोट के बाद वे पहले की तरह गेंदबाज़ी नहीं कर पा रहे हैं। वनडे टीम में आराम दिए जाने की सूरत से उनके भविष्य पर सवालिया निशान लग गया है। टेस्ट टीम में वैसे भी उनका दावा कमजोर है और अब तो टेस्ट के कप्तान विराट कोहली हैं।
4. स्पेशलिस्ट विकेटकीपर कौन?
जिम्बाब्वे दौरे के लिए जो टीम चुनी गई है, उसमें तीन-तीन विकेटकीपर बल्लेबाज़ हैं। केदार जाधव, रॉबिन उथप्पा और अंबाति रायडू। ये तीनों विकेटकीपिंग कर सकते हैं, लेकिन चयनकर्ताओं ने इस चयन के साथ साफ कर दिया है कि रिद्धिमान साहा, नमन ओझा और संजू सैमसन जैसे स्पेशलिस्ट विकेटकीपर चयनकर्ताओं का भरोसा अब तक नहीं जीत पाए हैं।
5. ये युवा टीम तो नहीं?
चयनकर्ता जिस टीम को युवा टीम कह रहे हैं, जरा उस पर एक नजर डालिए। केदार जाधव 30 साल के हैं, रॉबिन उथप्पा भी 29 साल के हो चुके हैं। अंबाति रायडू भी 29 साल के हैं। मुरली विजय 31 साल के हैं। आप इसमें हरभजन सिंह की वापसी को भी जोड़कर देख सकते हैं। ऐसे में ये समझना मुश्किल है कि चयनकर्ता युवा चेहरों की तरफ देख रहे हैं या अब तक रिजेक्टेड खिलाड़ियों को मौका दे रहे हैं।
6. बेंच स्ट्रेंथ कहां है?
बेंच स्ट्रेंथ के नाम पर दो चेहरे मनीष पांडेय और संदीप शर्मा टीम में हैं। कर्नाटक के बल्लेबाज मनीष पांडेय और पंजाब के स्विंग गेंदबाज़ संदीप शर्मा दोनों आईपीएल से निकले सितारे हैं। हालांकि ये दोनों अपनी-अपनी रणजी टीम से भी खेलते रहे हैं लेकिन आईपीएल ने इन्हें ज्यादा कामायबी दी। लेकिन सवाल यही है कि क्या भारतीय क्रिकेट के पास नए चेहरों के नाम पर दो ही खिलाड़ी मौजूद हैं।
7. घरेलू क्रिकेट पर सवाल
जिम्बाब्वे दौरे के लिए टीम में कोई एकदम नया चेहरा नहीं दिख रहा है। रणजी ट्रॉफी और दिलीप ट्रॉफी जैसे टूर्नामेंटों में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाला ना तो कोई तेज गेंदबाज़ नजर आ रहा है, ना कोई स्पिनर और ना ही कोई बल्लेबाज़। मुश्किल भी यही है कि घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंटों में कोई नया सितारा पहले से मौजूद खिलाड़ियों की टक्कर का प्रदर्शन नहीं कर पा रहा है। यही सबसे बड़ी चिंता का विषय है।
1. रहाणे को कप्तानी
अजिंक्य रहाणे को हाल फिलहाल तक टेस्ट का बल्लेबाज़ माना जाता रहा है। बांग्लादेश दौरे पर भी रहाणे को कप्तान एमएस धोनी ने दूसरे और तीसरे वनडे में ड्रॉप किया था। ऐसे में रहाणे को कप्तानी सौंपे जाना सवालिया निशान उठाता है कि कहीं चयनकर्ता धोनी को संकेत तो नहीं दे रहे हैं कि उनके दबदबे का दौर खत्म हो चुका है।
2. एमएस धोनी को आराम
इस दौरे के लिए धोनी को आराम दिया जाना भी आसानी से पच नहीं रहा है। आखिर धोनी टेस्ट मैचों से संन्यास ले चुके हैं। ऐसे में जिम्बाब्वे दौरे के बाद धोनी को आराम मिलना तय ही था, श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरीज के दौरान धोनी आराम कर सकते थे। वनडे स्पेशलिस्ट और कैप्टन कूल ने खुद से आराम मांगा था तो भी चयनकर्ता उन्हें कप्तान बनाए रख सकते थे।
3. नंबर वन ऑलराउंडर जडेजा का क्या होगा
रविंद्र जडेजा को धोनी का करीबी माना जाता रहा है, उन्हें पर्याप्त मौके भी मिलते रहे है। लेकिन अब उनकी टीम में वापसी मुश्किल दिख रही है। कंधे की चोट के बाद वे पहले की तरह गेंदबाज़ी नहीं कर पा रहे हैं। वनडे टीम में आराम दिए जाने की सूरत से उनके भविष्य पर सवालिया निशान लग गया है। टेस्ट टीम में वैसे भी उनका दावा कमजोर है और अब तो टेस्ट के कप्तान विराट कोहली हैं।
4. स्पेशलिस्ट विकेटकीपर कौन?
जिम्बाब्वे दौरे के लिए जो टीम चुनी गई है, उसमें तीन-तीन विकेटकीपर बल्लेबाज़ हैं। केदार जाधव, रॉबिन उथप्पा और अंबाति रायडू। ये तीनों विकेटकीपिंग कर सकते हैं, लेकिन चयनकर्ताओं ने इस चयन के साथ साफ कर दिया है कि रिद्धिमान साहा, नमन ओझा और संजू सैमसन जैसे स्पेशलिस्ट विकेटकीपर चयनकर्ताओं का भरोसा अब तक नहीं जीत पाए हैं।
5. ये युवा टीम तो नहीं?
चयनकर्ता जिस टीम को युवा टीम कह रहे हैं, जरा उस पर एक नजर डालिए। केदार जाधव 30 साल के हैं, रॉबिन उथप्पा भी 29 साल के हो चुके हैं। अंबाति रायडू भी 29 साल के हैं। मुरली विजय 31 साल के हैं। आप इसमें हरभजन सिंह की वापसी को भी जोड़कर देख सकते हैं। ऐसे में ये समझना मुश्किल है कि चयनकर्ता युवा चेहरों की तरफ देख रहे हैं या अब तक रिजेक्टेड खिलाड़ियों को मौका दे रहे हैं।
6. बेंच स्ट्रेंथ कहां है?
बेंच स्ट्रेंथ के नाम पर दो चेहरे मनीष पांडेय और संदीप शर्मा टीम में हैं। कर्नाटक के बल्लेबाज मनीष पांडेय और पंजाब के स्विंग गेंदबाज़ संदीप शर्मा दोनों आईपीएल से निकले सितारे हैं। हालांकि ये दोनों अपनी-अपनी रणजी टीम से भी खेलते रहे हैं लेकिन आईपीएल ने इन्हें ज्यादा कामायबी दी। लेकिन सवाल यही है कि क्या भारतीय क्रिकेट के पास नए चेहरों के नाम पर दो ही खिलाड़ी मौजूद हैं।
7. घरेलू क्रिकेट पर सवाल
जिम्बाब्वे दौरे के लिए टीम में कोई एकदम नया चेहरा नहीं दिख रहा है। रणजी ट्रॉफी और दिलीप ट्रॉफी जैसे टूर्नामेंटों में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाला ना तो कोई तेज गेंदबाज़ नजर आ रहा है, ना कोई स्पिनर और ना ही कोई बल्लेबाज़। मुश्किल भी यही है कि घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंटों में कोई नया सितारा पहले से मौजूद खिलाड़ियों की टक्कर का प्रदर्शन नहीं कर पा रहा है। यही सबसे बड़ी चिंता का विषय है।
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