यह ख़बर 14 मई, 2013 को प्रकाशित हुई थी

सुप्रीम कोर्ट ने दी चेपक स्टेडियम के इस्तेमाल की अनुमति

खास बातें

  • तमिलनाडु क्रिकेट संघ ने उच्चतम न्यायालय को आश्वासन दिया कि 12000 सीटों वाली तीन दीर्घायें बिना उसकी अनुमति के किसी और मैच में इस्तेमाल नहीं की जाएंगी। इससे पहले पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने सभी दीर्घाओं के लिए ‘स्टेबिलिटी सर्टिफिकेट’ वापस ले लिया था।
चेन्नई:

सुप्रीम कोर्ट ने चेन्नई नगरपालिका को निर्देश दिया हे कि चेन्नई सुपरकिंग्स और दिल्ली डेयरडेविल्स के बीच आज होने वाले आईपीएल मैच के लिए एमए चिदंबरम स्टेडियम की 12000 सीटों वाली तीन दीर्घाओं पर से सील हटाए।

न्यायमूर्ति बीएस चौहान और दीपक मिश्रा की पीठ ने कहा कि दीर्घायें बाकी मैचों के लिए बंद रहेगी और बिना न्यायालय की अनुमति के नहीं खोली जा सकेंगी।

इन तीन दीर्घाओं का निर्माण वैध था या नहीं, इस बहस में पड़ने की बजाय पीठ ने उनके प्रयोग की अनुमति यह कहकर दे दी कि इन दीर्घाओं के टिकट बिक चुके हैं और यदि लोगों को मैच देखने नहीं मिला तो कानून और व्यवस्था की समस्या खड़ी हो जाएगी।

न्यायालय तमिलनाडु क्रिकेट संघ की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसने दीर्घाओं पर से सील हटाने की मांग की है। टीएनसीए ने कहा कि न्यायालय की अनुमति के बिना दीर्घाओं का इस्तेमाल किसी मैच के लिए नहीं किया जाएगा।

टीएनसीए ने तीन दीर्घाओं आई, जे और के को सील करने की चेन्नई नगरपालिका की कार्रवाई को चुनौती दी थी। चेन्नई नगरपालिका का कहना था कि संबंधित अधिकारियों से पूर्व अनुमति लिये बिना इनका निर्माण किया गया था।

तीनों दीर्घाओं से सील हटाने की मांग करते हुए टीएनसीए ने कहा कि ये तीनों दीर्घाएं स्टेडियम में चल रहे मरम्मत के काम का हिस्सा थी और निगम ने छह दीर्घाओं को पहले ही मंजूरी दे दी है।

यह भी कहा गया कि चूंकि इस मैच के टिकट बिक चुके हैं, लिहाजा दीर्घाओं पर से सील हटानी जरूरी है। इससे पहले भी आईपीएल छह के सात मैच बिना किसी बाधा के यहां हो चुके हैं। चेन्नई नगरपालिका ने 12 मई को स्टेडियम की तीन दीर्घाएं यह कहकर सील कर दी कि इन दीर्घाओं के लिए अभी संबंधित अधिकारियों से जरूरी अनुमति नहीं ली गई है।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट के 6 फरवरी के फैसले पर रोक लगा दी थी।

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हाईकोर्ट ने 2011 और 2012 में तमिलनाडु आवासन और शहरी विकास विभाग, चेन्नई मेट्रोपोलिटन विकास अधिकरण, चेन्नई नगरपालिका और पुलिस अतिरिक्त आयुक्त के फैसले को दरकिनार कर दिया था, जिन्होंने टीएनसीए को स्टेडियम के पुनर्निमित दीर्घाओं के इस्तेमाल से रोक दिया था।