Ishan Kishan: पिछले कुछ दिनों से ईशान किशन (Ishan Kishan) के रवैये और इरफान पठान के बड़ा सवाल उठाने बाद अब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) "सितारों" के पर कतरने की तैयारी में है. दरअसल दक्षिण अफ्रीका दौरे में ईशान किशन मानसिक थकावट की बात कहकर बीच दौरे से वापस लौटे थे, लेकिन जब वह KBC में दिखे और दुबई में पार्टी करते दिखे, तो चर्चा हो हुई, लेकिन इसे ज्यादा तूल नहीं मिला, लेकिन जब ईशान झारखंड के लिए रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy 2024) में न खेलकर पांड्या बंधुओं के साथ फिटनेस ट्रेनिंग करते दिखाई पड़े, तो यह बात पूर्व क्रिकेटरों और BCCI के आला अधिकारियों को खटक गई. खासकर यह देखते हुए कि हेड कोच राहुल द्रविड़ के कहने के बावजूद सितारा खिलाड़ी रणजी ट्रॉफी में राज्यों को सेवा नहीं दे रहे हैं. इनमें श्रेयस अय्यर (Shryeas Iyer) भी शामिल हैं. इसी के बाद इस तरह की रिपोर्ट भी आई कि ईशान किशन के वार्षिक अनुबंध पर भी गाज गिर सकती है.
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इतने पैसे मिलते हैं BCCI से ईशान को
वार्षिक अनुबंध के तहत ईशान किशन "सी' कैटेगिरी में हैं. और उन्हें सालाना एक करोड़ रुपये मिलते हैं. रिपोर्ट ऐसी चल रही हैं कि बोर्ड ईशान का अनुबंध रद्द कर सकता है, लेकिन BCCI के अधिकारी ने इस विषय पर किसी मीटिंग से इनकार कर दिया है. बहरहाल, बोर्ड ने ईशान को झारखंड के आखिरी रणजी ट्रॉफी मुकाबले में खेलने का निर्देश जरूर दिया है.
यह नियम लागू कर सकता है BCCI
ईशान किशन के मामले के बाद बोर्ड अब एक नियम लागू कर सकता है. ईशान के रवैये के बाद इरफान पठान के सवाल, पूर्व क्रिकेटरों के बीच विमर्श और मीडिया द्वारा उठाए गए सवालों के बाद बोर्ड पर कुछ बड़ा फैसला लेने का दबाव जरूर है. बहस इस बात को लेकर चल रही है कि सितारा खिलाड़ियों को अनिवार्य रूप से रणजी मैच खेलने चाहिए. और यही वजह है कि BCCI जल्द ही इसको लेकर नियम बना सकता है. इसके तहत बोर्ड आईपीएल में खेलने की पात्रता हासिल करने के लिए हर सीजन में खिलाड़ियों के लिए कम से कम कुछ रणजी मैच खेलने का नियम बना सकता है. रिपोर्ट के अनुसार अधिकारियों के बीच इसको लेकर चिंतन-मनन जारी है. यह पात्रता पूरी करने के बाद ही खिलाड़ी नीलामी में हिस्सा लेने या आईपीएल में खेलने के लिए क्वालीफाई कर पाएंगे.
कोई "स्टार" नहीं कर पाएगा ईशान जैसा
एक अधिकारी के अनुसार, बीसीसीआई इस बात से वाकिफ है कि कुछ खिलाड़ी किसी भी तरह की रेड-बॉल क्रिकेट नहीं खेलना चाहते. अगर खिलाड़ी भारतीय टीम को सेवा नहीं दे रहे हैं, तो सर्वश्रेष्ठ बात यही है कि वे मुश्ताक अली टी20 ट्रॉफी के कुछ मैच खेलें. और अगर ऐसा विकल्प भी नहीं है, तो वह सत्र के दौरान राज्य के लिए रेड-बॉल क्रिकेट खेलें. अधिकार ने कहा कि ऐसे ही खिलाड़ियों को नियंत्रित करने के लिए बोर्ड अनिवार्य रूप से कम से कम 3-4 रणजी ट्रॉफी मैच खेलने का नियम बना सकता है. और फ्रेंचाइजी के रिलीज करने के बाद अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो खिलाड़ी न नीलामी में हिस्सा ले पाएंगे, और न हीं आईपीएल खेल पाएंगे.
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