
- कर्नाटक सरकार ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के सम्मान समारोह में हुई भगदड़ के लिए फ्रेंचाइजी को जिम्मेदार ठहराते हुए हाईकोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की है
- भगदड़ में 11 लोगों की मौत हुई और 50 से अधिक फैंस घायल हुए, जिसके बाद जस्टिस माइकल डी कुन्हा आयोग ने जांच कर रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी
- रिपोर्ट में फ्रेंचाइजी और आयोजक डीएनए द्वारा अनुमति न लेने और पुलिस की अनुमति के बावजूद सार्वजनिक रूप से इवेंट का प्रचार करने की गंभीर खामियां पाई गईं
पिछले दिनों खिताब जीतने के बाद रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के चिन्नास्वामी स्टेडियम में आयोजित सम्मान समारोह के दौरान मची भगदड़ में कर्नाटक सरकार ने स्टेटस रिपोर्ट हाईकोर्ट में दाखिल कर दी है. रिपोर्ट में भगदड़ के लिए सीधे-सीधे फ्रेंचाइजी को जिम्मेदार ठहराया गया है. इस भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 50 से ज्यादा फैंस घायल हो गए थे. कर्नाटक सरकार ने हादसे के बाद इसकी विस्तृत रिपोर्ट के लिए जस्टिस माइकल डी कुन्हा आयोग का गठन किया था और जांच के लिए एक महीने का समय दिया था. आयोग ने अपनी रिपोर्ट 11 जुलाई को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को सौंपी. कर्नाटक सरकार ने डी कुन्हा आयोग की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है और आरसीबी मैनेजमेंट और कर्नाटक राज्य क्रिकेट एसोसिएशन पर आपराधिक मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है. साथ ही पुलिस अधिकारियों के निलंबन का समर्थन किया है.
दाखिल रिपोर्ट में सरकार ने फ्रेंचाइजी की तरफ से गंभीर खामियों और कुप्रबंधन की ओर इशारा किया है. इसमें साफ कहा गया है कि इस इवेंट के आयोजक (डीएनए) ने औपचारिक रूप से कोई अनुमति नहीं ली थी. इसने पुलिस को सिर्फ आरसीबी की विक्ट्री परेड के बारे में 3 जून को सूचित किया था. लेकिन पुलिस ने अनुमति देने से इनकार कर दिया था
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि पुलिस के अनुमति न देने के बावजूद आरसीबी ने सार्वजनिक रूप से इस इवेंट का प्रचार-प्रसार किया. वहीं, 4 जून को फ्रेंचाइजी ने सोशल मीडिया पर सार्वनजिक रूप से निमंत्रण बांटे. इसके तहत पूर्व कप्तान की अपील वाला एक वीडियो भी शामिल है, जो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया. इसमें कोहली ने फैंस से फ्री-इंट्री से आयोजित जश्न में शामिल होने की अपील की.
इस कार्यक्रम में 3 लाख से ज्यादा लोगों की भारी भीड़ उमड़ी, जो उम्मीदों और भीड़ प्रबंधन क्षमताओं से कहीं ज्यादा थी. कार्यक्रम वाले दिन दोपहर 3:14 बजे, आयोजकों ने अचानक घोषणा की कि स्टेडियम में प्रवेश के लिए पास की आवश्यकता होगी, जो पहले के संदेशों का खंडन करता है और भ्रम, दहशत का कारण बना. आरसीबी, डीएनए और केएससीए प्रभावी ढंग से समन्वय करने में विफल रहे. प्रवेश द्वारों पर कुप्रबंधन और देरी से खुलने के कारण भगदड़ मच गई, जिससे सात पुलिसकर्मी घायल हो गए.
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