भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री.
नई दिल्ली:
भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री जहीर खान के बजाय भरत अरुण को बॉलिंग सहायक बॉलिंग कोच बनाना चाहते हैं. शास्त्री ने सहायक स्टॉफ चुनने के अधिकार को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित प्रशासकों की समिति (सीओए) को संतुष्ट करने में भी सफल रहे हैं. अपनी पसंद का सहायक स्टॉफ चुने जाने के लिए शास्त्री ने सीओए का रुख किया है और इसके लिए क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) को नजरअंदाज किया गया है. सीएसी में सौरव गांगुली, वीवीएस लक्ष्मण और सचिन तेंदुलकर शामिल हैं. इस समिति ने राहुल द्रविड़ को विदेशी दौरे के बल्लेबाजी कोच और जहीर खान को गेंदबाजी कोच बनाए जाने की सिफारिश की है. ऐसे में हम क्रिकेटप्रेमियों के सामने जहीर खान और भरत अरुण के क्रिकेट करियर पर ध्यान दिलाना चाहते हैं.
टेस्ट में जहीर खान vs भरत अरुण
पहले बात रवि शास्त्री की पसंद भरत अरुण के टेस्ट करियर पर नजर डालते हैं. भरत अरुण ने अपने एक साल के करियर में दो टेस्ट मैच खेले, जिसमें उन्होंने चार विकेट लिए. जहीर खान ने 92 टेस्ट मैचों में टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व किया, जिसमें उन्होंने 311 खिलाड़ियों को पवेलियन भेजा. जहीर लंबे समय तक भारतीय गेंदबाजी का नेतृत्व भी करते रहे.
वनडे में जहीर खान vs भरत अरुण
अगर वनडे मैचों की बात की जाए तो भरत अरुण को चार बार भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला, जिसमें उन्होंने एक विकेट लिए हैं. वहीं जहीर खान ने 200 वनडे मैचों में खेले और 282 विकेट झटके. गेंदबाजी में जहीर की शानदार गेंदबाजी के दम पर टीम इंडिया ने कई बार जीत दर्ज की. इसके अलावा जहीर खान ने टीम इंडिया के लिए 17 टी20 मैच भी खेले, जिसमें उन्होंने 17 विकेट लिए.
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अरुण-जहीर में उम्र का बड़ा अंतर
जहीर खान फिलहाल 38 साल के हैं. साथ ही उन्हें टीम से अलग हुए कुछ साल ही हुए हैं. पहले और आज की कोचिंग प्रक्रिया में काफी बदलाव हो चुका है. जहीर क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में खेल चुके हैं, जिसके चलते उन्हें हर परिस्थिति का अनुभव है. जहीर फिलहाल आईपीएल में भी डेयरडेविल्स के लिए खेल रहे हैं. इस वजह से उनका युवा खिलाड़ियों के साथ सीधा जुड़ाव है.
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वहीं भरत अरुण की उम्र 54 साल से ज्यादा है. उनके दौर और अब के क्रिकेट में काफी बदलाव आ चुका है. अरुण को विदशी पिचों पर खेलने का अनुभव नहीं है. टीम इंडिया के हालिया टूर पर नजर डालें तो ज्यादातर टूर्नामेंट विदेशी पिचों पर खेलने हैं.
मालूम हो कि मीडिया में ये भी चर्चा है कि रवि शास्त्री और सौरव गांगुली के बीच व्यक्तिगत रिश्ते अच्छे नहीं हैं, शायद इसलिए वे जहीर खान को बॉलिंग कोच के रूप में सहायक नहीं रखना चाहते हैं.
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मंगलवार को गांगुली, सचिन, लक्ष्मण की तीन सदस्यीय सीएसी ने शास्त्री को मुख्य कोच नियुक्त करने के साथ ही द्रविड़ को विदेशी दौरों (टेस्ट) पर टीम का बल्लेबाजी सलाहकार और जहीर को गेंदबाजी सलाहकार नियुक्त किया था.
शास्त्री अपना अलग सहयोगी स्टाफ चाहते हैं. उन्होंने जहीर की जगह अपने करीबी दोस्त भरत अरुण को गेंदबाजी कोच बनाए जाने की पुरजोर वकालत की है. शास्त्री का कहना है कि जहीर एक अच्छा चयन हैं लेकिन भारतीय टीम को ऐसा कोई व्यक्ति गेंदबाजी कोच के तौर पर नहीं चाहिए, जो सिर्फ 150 दिन का करार चाहता है. उसे तो ऐसा व्यक्ति चाहिए, जो 365 दिन उसके साथ रह सके.
टेस्ट में जहीर खान vs भरत अरुण
पहले बात रवि शास्त्री की पसंद भरत अरुण के टेस्ट करियर पर नजर डालते हैं. भरत अरुण ने अपने एक साल के करियर में दो टेस्ट मैच खेले, जिसमें उन्होंने चार विकेट लिए. जहीर खान ने 92 टेस्ट मैचों में टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व किया, जिसमें उन्होंने 311 खिलाड़ियों को पवेलियन भेजा. जहीर लंबे समय तक भारतीय गेंदबाजी का नेतृत्व भी करते रहे.
वनडे में जहीर खान vs भरत अरुण
अगर वनडे मैचों की बात की जाए तो भरत अरुण को चार बार भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला, जिसमें उन्होंने एक विकेट लिए हैं. वहीं जहीर खान ने 200 वनडे मैचों में खेले और 282 विकेट झटके. गेंदबाजी में जहीर की शानदार गेंदबाजी के दम पर टीम इंडिया ने कई बार जीत दर्ज की. इसके अलावा जहीर खान ने टीम इंडिया के लिए 17 टी20 मैच भी खेले, जिसमें उन्होंने 17 विकेट लिए.
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अरुण-जहीर में उम्र का बड़ा अंतर
जहीर खान फिलहाल 38 साल के हैं. साथ ही उन्हें टीम से अलग हुए कुछ साल ही हुए हैं. पहले और आज की कोचिंग प्रक्रिया में काफी बदलाव हो चुका है. जहीर क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में खेल चुके हैं, जिसके चलते उन्हें हर परिस्थिति का अनुभव है. जहीर फिलहाल आईपीएल में भी डेयरडेविल्स के लिए खेल रहे हैं. इस वजह से उनका युवा खिलाड़ियों के साथ सीधा जुड़ाव है.
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वहीं भरत अरुण की उम्र 54 साल से ज्यादा है. उनके दौर और अब के क्रिकेट में काफी बदलाव आ चुका है. अरुण को विदशी पिचों पर खेलने का अनुभव नहीं है. टीम इंडिया के हालिया टूर पर नजर डालें तो ज्यादातर टूर्नामेंट विदेशी पिचों पर खेलने हैं.
मालूम हो कि मीडिया में ये भी चर्चा है कि रवि शास्त्री और सौरव गांगुली के बीच व्यक्तिगत रिश्ते अच्छे नहीं हैं, शायद इसलिए वे जहीर खान को बॉलिंग कोच के रूप में सहायक नहीं रखना चाहते हैं.
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मंगलवार को गांगुली, सचिन, लक्ष्मण की तीन सदस्यीय सीएसी ने शास्त्री को मुख्य कोच नियुक्त करने के साथ ही द्रविड़ को विदेशी दौरों (टेस्ट) पर टीम का बल्लेबाजी सलाहकार और जहीर को गेंदबाजी सलाहकार नियुक्त किया था.
शास्त्री अपना अलग सहयोगी स्टाफ चाहते हैं. उन्होंने जहीर की जगह अपने करीबी दोस्त भरत अरुण को गेंदबाजी कोच बनाए जाने की पुरजोर वकालत की है. शास्त्री का कहना है कि जहीर एक अच्छा चयन हैं लेकिन भारतीय टीम को ऐसा कोई व्यक्ति गेंदबाजी कोच के तौर पर नहीं चाहिए, जो सिर्फ 150 दिन का करार चाहता है. उसे तो ऐसा व्यक्ति चाहिए, जो 365 दिन उसके साथ रह सके.
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