चेतेश्वर पुजारा (फाइल फोटो)
पुणे:
पुणे में गुरुवार से शुरू हुए रणजी ट्रॉफी फाइनल में मुंबई ने पहले दिन अपने गेंदबाजों के दम पर शानदार शुरुआत की। टॅास जीतने के बाद मुंबई के कप्तान आदित्य तारे ने सौराष्ट्र को बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया। मुंबई के तेज गेंदबाजों ने अपने कप्तान के निर्णय को सही साबित करते हुए सौराष्ट्र के टॉप ऑर्डर को जल्द ही पैवेलियन लौटा दिया। खबर लिखे जाने तक सौराष्ट्र ने अपने सबसे भरोसेमंद और टीम इंडिया की नई ‘दीवार’ कहे जाने वाले चेतेश्वर पुजारा का भी विकेट खो दिया था। पुजारा केवल 4 रन बनाकर धवल कुलकर्णी की गेंद पर सूर्यकुमार यादव को कैच दे बैठे। सौराष्ट्र ने 8 विकेट के नुकसान पर 192 रन बना लिए थे। प्रेरक मांकड़ (58) खेल रहे हैं।
मुंबई टीम 41वें खिताब के लिए उतरी
गौरतलब है कि मुंबई इस मैच में 41वें खिताब के लिए मैदान में उतरी है, वहीं सौराष्ट्र की निगाह भी घरेलू क्रिकेट की इस सबसे बड़ी ट्रॉफी पर टिकी हुई है। मुंबई इस चोटी के घरेलू टूर्नामेंट में 45वीं बार फाइनल खेल रही है, जबकि सौराष्ट्र का यह केवल दूसरा फाइनल है। यह भी संयोग है कि सौराष्ट्र का 2012-13 में पहला खिताब जीतने का सपना मुंबई ने ही चकनाचूर किया था। रणजी के इतिहास में तब सौराष्ट्र टीम पहली बार खिताब के करीब पहुंची थी।
1990-91 के बाद मुंबई ने खेले 10 फाइनल
गौरतलब है कि 1990-91 के बाद मुंबई ने 10 फाइनल खेले हैं और इनमें से किसी में भी उसे हार नहीं मिली है। मुंबई की टीम में पांच ऐसे खिलाड़ी हैं, जो इससे पहले फाइनल में खेल चुके हैं। इनमें आदित्य तारे, अभिषेक नायर, धवल कुलकर्णी, शादरुल ठाकुर और विशाल दाभोलकर शामिल हैं। सौराष्ट्र की अंतिम एकादश में कम से कम सात खिलाड़ी ऐसे हो सकते हैं जिन्होंने पिछली बार फाइनल में शिरकत की थी।
मुंबई टीम 41वें खिताब के लिए उतरी
गौरतलब है कि मुंबई इस मैच में 41वें खिताब के लिए मैदान में उतरी है, वहीं सौराष्ट्र की निगाह भी घरेलू क्रिकेट की इस सबसे बड़ी ट्रॉफी पर टिकी हुई है। मुंबई इस चोटी के घरेलू टूर्नामेंट में 45वीं बार फाइनल खेल रही है, जबकि सौराष्ट्र का यह केवल दूसरा फाइनल है। यह भी संयोग है कि सौराष्ट्र का 2012-13 में पहला खिताब जीतने का सपना मुंबई ने ही चकनाचूर किया था। रणजी के इतिहास में तब सौराष्ट्र टीम पहली बार खिताब के करीब पहुंची थी।
1990-91 के बाद मुंबई ने खेले 10 फाइनल
गौरतलब है कि 1990-91 के बाद मुंबई ने 10 फाइनल खेले हैं और इनमें से किसी में भी उसे हार नहीं मिली है। मुंबई की टीम में पांच ऐसे खिलाड़ी हैं, जो इससे पहले फाइनल में खेल चुके हैं। इनमें आदित्य तारे, अभिषेक नायर, धवल कुलकर्णी, शादरुल ठाकुर और विशाल दाभोलकर शामिल हैं। सौराष्ट्र की अंतिम एकादश में कम से कम सात खिलाड़ी ऐसे हो सकते हैं जिन्होंने पिछली बार फाइनल में शिरकत की थी।
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