श्रीलंका के पूर्व क्रिकेट कप्तान अर्जुन रणतुंगा को डर है कि एक-दिवसीय क्रिकेट के नियमों में बार-बार होने वाले बदलाव के कारण बल्लेबाजों को इतना फायदा मिल रहा है कि भविष्य में युवा खिलाड़ी गेंदबाज बनना ही नहीं चाहेंगे।
श्रीलंका को 1996 विश्वकप दिलाने वाले कप्तान ने यहां उस टीम के 14 सदस्यों द्वारा 'विल्स रीयल्टर्स' के गठन के मौके पर गुरुवार रात कहा, कई लोगों का कहना है कि नए नियम खेल के लिए अच्छे हैं, लेकिन जहां तक मेरा सवाल है, ऐसा नहीं है। आठ से 10 साल के बच्चे अब गेंद नहीं, बल्कि बल्ला उठाएंगे।
रणतुंगा ने कहा, कई लोगों को लगता है कि क्रिकेट बल्लेबाजों का खेल है, लेकिन मुझे लगता है कि यह अनुपात 50-50 नहीं तो 60-40 होना चाहिए, अन्यथा गेंदबाजों के लिए कुछ नहीं रहेगा। कई अच्छे गेंदबाजों की टी-20 क्रिकेट में धुनाई हो रही है। अब मुझे लगता है कि खेल बल्लेबाजों के पक्ष में 95-5 हो गया है। उनका मानना है कि दुनिया भर में गेंदबाजी का स्तर तेजी से गिरा है।
उन्होंने कहा, पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका के अलावा बाकी देशों में गेंदबाजी का स्तर गिरा है। दक्षिण अफ्रीका को देखें, तो हमारे दौर में उनकी गेंदबाजी का स्तर उनकी मौजूदा गेंदबाजी से बेहतर था। मेरा मानना है कि एक या दो टीमों को छोड़कर सभी की गेंदबाजी का स्तर गिरा है। अधिकांश जगहों पर विकेट भी सपाट है, ताकि बल्लेबाजों को मदद मिल सके।
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