यह ख़बर 05 जनवरी, 2013 को प्रकाशित हुई थी

पाक के खिलाफ प्रतिष्ठा बचाने के लिए भारत की निगाह बल्लेबाजों पर

खास बातें

  • भारतीय टीम रविवार को तीसरे और आखिरी एकदिवसीय मैच में प्रतिष्ठा बचाने और पाकिस्तान की 3-0 से शृंखला जीतने की उम्मीदों पर पानी फेरने के लिए फिरोजशाह कोटला मैदान पर उतरेगी।
नई दिल्ली:

लगातार दो मैचों में शर्मनाक हार झेलने के बाद क्लीनस्वीप का दंश झेलने के कगार पर खड़ी भारतीय टीम रविवार को तीसरे और आखिरी एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में प्रतिष्ठा बचाने और पाकिस्तान की 3-0 से शृंखला जीतने की उम्मीदों पर पानी फेरने के लिए फिरोजशाह कोटला मैदान पर उतरेगी।

चेन्नई में आठ विकेट और कोलकाता में 85 रन से हार झेलने वाले भारत को यदि अपनी सरजमी पर किसी द्विपक्षीय शृंखला के सभी मैच गंवाने की लज्जा से बचना है, तो उसके बल्लेबाजों को अच्छा प्रदर्शन करना होगा।

भारत के नामी बल्लेबाजों ने पिछले दो मैचों में लचर खेल दिखाकर कप्तान महेंद्र सिंह धोनी सहित देश के करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों को भी निराश किया। भारत को इससे पहले 1983 में अपनी धरती पर वेस्टइंडीज से 0-5 से शिकस्त झेलनी पड़ी थी।

पाकिस्तान के भी कुछ बल्लेबाज विशेषकर नासिर जमशेद लगातार अच्छा प्रदर्शन कर पाए हैं, लेकिन उसकी तेज गेंदबाजी की तिकड़ी जुनैद खान, मोहम्मद इरफान और उमर गुल ने अंतर पैदा किया है। इन तीनों ने अब तक भारतीय शीर्ष क्रम को झकझोरने में अहम भूमिका निभाई है।

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पाकिस्तानी आक्रमण के सामने कप्तान धोनी को छोड़कर कोई भी भारतीय बल्लेबाज क्रीज पर ज्यादा देर तक नहीं टिक पाया। दिल्ली के चोटी के तीन बल्लेबाजों वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर और विराट कोहली ने अब तक दो मैचों में क्रमश: 35, 19 और छह रन बनाए हैं। इन तीनों से टीम ही नहीं भारतीय क्रिकेट प्रेमियों को भी अपने घरेलू मैदान पर अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद रहेगी। धोनी ने भी माना है कि शीर्ष क्रम के इन तीनों बल्लेबाजों में कम से कम किसी एक को मध्यक्रम के बल्लेबाजों का साथ देना होगा।