फाइल फोटो
नई दिल्ली:
भारत दौरे पर आई दक्षिण अफ्रीकी टीम दो अक्टूबर को धर्मशाला में होने वाले मैच की तैयारियों में व्यस्त है। उसे मंगलवार से एकमात्र टी-20 अभ्यास मैच भी खेलना है। इस बीच उनके टी-20 कप्तान फाफ डु प्लेसिस ने टीम इंडिया के वनडे और टी-20 कप्तान की जमकर प्रशंसा की है। उन्होंने कहा है कि आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स की ओर से धोनी की कप्तानी में खेलने से उनके क्रिकेट में काफी निखार आया है। हालांकि अब चेन्नई सुपरकिंग्स पर दो साल के निलंबन के कारण इंडियन प्रीमियर लीग में उसका भविष्य अनिश्चत बना हुआ है।
'मैं उनसे पूछता हूं कि इतने कूल कैसे रहते हैं'
जब डु प्लेसिस से पूछा गया कि सीएसके के साथ रहते हुए भारत के सीमित ओवरों के कप्तान का उन पर किस तरह का प्रभाव पड़ा, तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं हमेशा उनसे (धोनी) पूछता हूं कि वह इतने कूल कैसे रहते हैं। मैं धोनी के बारे में दो बातें कह सकता हूं। मैं भाग्यशाली रहा कि उनकी कप्तानी में खेला और मैं उनका बहुत सम्मान करता हूं। दूसरी बात मैं जानता हूं कि वह क्या कर सकते हैं। वह शांतचित कप्तान हैं और जानते हैं कि दबाव की परिस्थितियों को कैसे झेलना है। आप अपने ही साथी से काफी कुछ सीख सकते हो।’’
अपनाएंगे सीएसके मॉडल
गौरतलब है कि दक्षिण अफ्रीकी टीम में काफी खिलाड़ी हैं जो सीएसके की तरफ से खेल चुके हैं। सीएसके के सलामी बल्लेबाज माइकल हसी खिलाड़ियों को रविचंद्रन अश्विन की कैरम बॉल खेलने के गुर सिखा रहे हैं, तो पूर्व तेज गेंदबाज क्रिस मॉरिस और एल्बी मॉर्कल के पास जानकारी है कि डेथ ओवरों में सुरेश रैना को किस लेंथ की गेंद करनी है। डु प्लेसिस स्वयं धोनी एंड कंपनी से पार पाने के लिये ‘सीएसके मॉडल’ पर भरोसा करेंगे।
हसी सिखा रहे गुर
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज हसी भी ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में विश्व कप के दौरान दक्षिण अफ्रीका के सहयोगी स्टाफ में शामिल थे और डु प्लेसिस का मानना है कि बाएं हाथ के इस बल्लेबाज से युवा खिलाड़ियों को काफी कुछ सीखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने माइकल के साथ चेन्नई में भी काफी क्रिकेट खेली है। वह एक अच्छा इंसान है और उन्होंने काफी क्रिकेट खेली है। युवा बल्लेबाजों के लिये वह सर्वश्रेष्ठ है जिससे सीख ली जा सकती है। वह फिट खिलाड़ी है और हम भाग्यशाली हैं कि वह हमारे साथ रहा।’’
'मैं उनसे पूछता हूं कि इतने कूल कैसे रहते हैं'
जब डु प्लेसिस से पूछा गया कि सीएसके के साथ रहते हुए भारत के सीमित ओवरों के कप्तान का उन पर किस तरह का प्रभाव पड़ा, तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं हमेशा उनसे (धोनी) पूछता हूं कि वह इतने कूल कैसे रहते हैं। मैं धोनी के बारे में दो बातें कह सकता हूं। मैं भाग्यशाली रहा कि उनकी कप्तानी में खेला और मैं उनका बहुत सम्मान करता हूं। दूसरी बात मैं जानता हूं कि वह क्या कर सकते हैं। वह शांतचित कप्तान हैं और जानते हैं कि दबाव की परिस्थितियों को कैसे झेलना है। आप अपने ही साथी से काफी कुछ सीख सकते हो।’’
अपनाएंगे सीएसके मॉडल
गौरतलब है कि दक्षिण अफ्रीकी टीम में काफी खिलाड़ी हैं जो सीएसके की तरफ से खेल चुके हैं। सीएसके के सलामी बल्लेबाज माइकल हसी खिलाड़ियों को रविचंद्रन अश्विन की कैरम बॉल खेलने के गुर सिखा रहे हैं, तो पूर्व तेज गेंदबाज क्रिस मॉरिस और एल्बी मॉर्कल के पास जानकारी है कि डेथ ओवरों में सुरेश रैना को किस लेंथ की गेंद करनी है। डु प्लेसिस स्वयं धोनी एंड कंपनी से पार पाने के लिये ‘सीएसके मॉडल’ पर भरोसा करेंगे।
हसी सिखा रहे गुर
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज हसी भी ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में विश्व कप के दौरान दक्षिण अफ्रीका के सहयोगी स्टाफ में शामिल थे और डु प्लेसिस का मानना है कि बाएं हाथ के इस बल्लेबाज से युवा खिलाड़ियों को काफी कुछ सीखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने माइकल के साथ चेन्नई में भी काफी क्रिकेट खेली है। वह एक अच्छा इंसान है और उन्होंने काफी क्रिकेट खेली है। युवा बल्लेबाजों के लिये वह सर्वश्रेष्ठ है जिससे सीख ली जा सकती है। वह फिट खिलाड़ी है और हम भाग्यशाली हैं कि वह हमारे साथ रहा।’’
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