
हरमनप्रीत कौर ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नाबाद 171 रन की तूफानी पारी खेली (फाइल फोटो)
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कहा-शुरुआती दिनों में लड़कों के साथ खेलने से आई यह क्षमता
उनके 171* रन की हो रही हैं कपिल की उस खास पारी से तुलना
बचपन से हरमनप्रीत को पसंद है आक्रामक बल्लेबाजी करना
कई लोगों ने इस पारी की तुलना महान बल्लेबाज कपिल देव की वर्ल्डकप 1983 में जिम्बाब्वे के खिलाफ खेली ऐतिहासिक पारी से की. इस स्टार बल्लेबाज की यह पारी हालांकि उनके सामान्य अंदाज से अलग नहीं थी क्योंकि बचपन से ही उन्हें आक्रामक बल्लेबाजी करना पसंद है.हरमनप्रीत ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘मुझे बचपन से ही इस तरह बल्लेबाजी करना पसंद है. मैंने इस तरह खेलना सीखा है और लड़कों के साथ क्रिकेट खेला है जो छक्के मारा करते थे और मुझे भी छक्के जड़ना पसंद है.’
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उन्होंने कहा, ‘फाइनल में (जिसमें भारत इंग्लैंड से हार गया), हमें रनों की जरूरत थी और मैं रन बनाने की कोशिश कर रही थी. मैंने यह सोचकर शॉट खेला कि यह सुरक्षित होगा लेकिन यह फील्डर के हाथों में चला गया. मैं काफी निराश थी.’ लीग चरण में हरमनप्रीत का बल्ला खामोश ही रहा था और उनसे टीम को नॉकआउट में बड़ी पारी की उम्मीद थी जो उन्होंने सेमीफाइनल में खेली.
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उन्होंने कहा, ‘मैंने घरेलू क्रिकेट में इस तरह की पारियां खेली हैं. मुझे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में मौका मिला लेकिन मैंने कभी बड़ा स्कोर नहीं बनाया. इस मैच का प्रसारण हुआ और लोगों ने इसे देखा, हमारे अंदर उस मैच को जीतने की भूख थी और मैं खुश थी कि मैंने उस समय वह पारी खेली जब टीम को जरूरत थी और टीम जीती.’ (एजेंसी से इनपुट)
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