विज्ञापन
This Article is From Sep 05, 2012

दबाव में अच्छा प्रदर्शन करने की क्षमता मेरा मजबूत पक्ष : लक्ष्मण

दबाव में अच्छा प्रदर्शन करने की क्षमता मेरा मजबूत पक्ष : लक्ष्मण
नई दिल्ली: हाल में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने वाले स्टार बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण का मानना है कि दबाव की स्थिति में अच्छा प्रदर्शन करने की उनकी क्षमता एक बल्लेबाज के रूप में उनका ‘सबसे मजबूत पक्ष’ थी।

लक्ष्मण ने कहा कि उन्हें मुश्किल हालात में खेलने में मजा आता था और विपरीत परिस्थितियों में उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे मुश्किल हालात में खेलने में मजा आता है जब टीम दबाव में होती है। विपरीत हालात में मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। मुझे लगता है कि ऐसा इसलिए था क्योंकि युवावस्था से ही मैं हैदराबाद का मुख्य बल्लेबाज था।’’

लक्ष्मण ने बीसीसीआई की आधिकारिक वेबसाइट से कहा, ‘‘मैं उस समय अधिक जिम्मेदारी निभाता था जब टीम मुश्किल में होती थी। मुझे लगता है कि तकनीक और कौशल से अधिक दबाव की स्थिति में अच्छा प्रदर्शन करने की मेरी क्षमता बल्लेबाज के रूप में मेरा सबसे मजबूत पक्ष थी।’’

लक्ष्मण ने कहा कि वह खुद को हमेशा एक ऐसा बल्लेबाज मानते हैं जिसे देश के लिए रन बनाने हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं हमेशा से खुद को एक बल्लेबाज मानता हूं जिसे देश के लिए रन बनाने हैं। प्रत्येक व्यक्ति की अलग शैली होती है। लेकिन आपकी भूमिका टीम के लिए नतीजे हासिल करना होती है। मेरी भूमिका रन बनाना और क्षेत्ररक्षण के दौरान कैच लपकना थी।’’

लक्ष्मण ने कहा, ‘‘इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप ये रन बनाने के लिए कौन से शॉट खेलते हो और यह देखने में अच्छे लगते हैं या नहीं। आप टीम के लिए जो भी हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं ये उसका हिस्सा है। मैं भगवान का शुक्रिया अदा करता हूं कि उन्होंने मुझे ऐसी प्रतिभा दी जिससे मुझे बल्लेबाजी करते हुए देखने वालों की आंखों को संतोष मिला।’’

करियर में सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और अनिल कुंबले जैसे सीनियर खिलाड़ियों की भूमिका के बारे में पूछने पर लक्ष्मण ने कहा कि इन सभी ने उन्हें काफी प्रेरित किया। उन्होंने कहा, ‘‘इन सभी ने मुझे प्रेरित किया और मैं खुशनसीब हूं कि मैंने इन शीर्ष खिलाड़ियों के साथ ड्रेसिंग रूम साझा किया। हम सभी का एक समान लक्ष्य था जो भारतीय क्रिकेट की निरंतर प्रगति था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा इन सभी में एक और चीज समान थी कि ये सभी कप्तान थे। इन सभी ने विभिन्न चरणों पर देश की अगुआई की और मैं इनके नेतृत्व में खेला।’’

टीम के साथियों की विशेषताओं के बारे में पूछने पर लक्ष्मण ने कहा, ‘‘तेंदुलकर का संतुलन शानदार है। मैंने जिन्हें खेलते हुए देखा उनमें उनका स्टांस सबसे संतुलित था। राहुल काफी पेशेवर और धैर्यवान थे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कुंबले कभी हार नहीं मानते थे और वह जुझारू थे। सौरव में शिष्टता और विरोधी को चुनौती देने की हिम्मत के अलावा खुद के और टीम के गौरव की रक्षा करने का हौसला था।’’

सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग की तारीफ करते हुए लक्ष्मण ने कहा कि लोग अधिकतर सहवाग के ‘अविश्वसनीय’ शॉट के बारे में बात करते हैं लेकिन उनका मानसिक पक्ष काफी मजबूत है। उन्होंने कहा, ‘‘सहवाग ऐसा बल्लेबाज है जिसे खेलते हुए देखना मुझे पसंद है। उसके कुछ शॉट अविश्वसनीय होते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लोग अधिकतर गेंद को खेलने के सहवाग के कौशल और क्षमता की बात करते हैं लेकिन उसका मानसिक पक्ष अहम है। वह फार्म में हो या नहीं, वह अपनी रणनीति पर कायम रहता है और खुद पर विश्वास रखता है। कभी-कभी मुझे लगता है कि हम सभी उसी की तरह क्यों नहीं खेल सकते।’’

लक्ष्मण ने अपनी कुछ शानदार पारियां ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली और उन्होंने कहा कि इस टीम ने कभी उनके साथ छींटाकशी नहीं की क्योंकि उन्हें पता था कि यह रणनीति उनके खिलाफ काम नहीं करेगी।

लक्ष्मण ने कहा कि युवावस्था में सुनील गावस्कर और कपिल देव उनके आदर्श थे और उन्हें मोहम्मद अजहरूद्दीन से भी काफी प्रेरणा मिली। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे काफी हीरो रहे। मेरे बचपन में भारत के दो सबसे बड़े मैच विजेता सुनील गावस्कर और कपिल देव थे और मैं उन्हें आदर्श मानता था। जब मैं 16-17 बरस का था तो पहली बार मोहम्मद अजहरूद्दीन से मिला। वह हैदराबाद से था और भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान था। मैंने उन्हें करीब से खेलते हुए देखा और काफी प्रेरणा ली।’’

उन्होंने कहा, ‘‘बचपन में मैंने टीवी पर काफी क्रिकेट देखा और सर विवियन रिचर्ड्स, डेविड गावर और ग्रेग चैपल जैसे खिलाड़ियों को देखता था। मैं इन्हें खेलते हुए देखने का काफी लुत्फ उठाता था।’’

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com