पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने कहा कि मौजूदा भारतीय क्रिकेट टीम के सदस्यों को अगले साल होने वाले विश्वकप के लिए टीम के अपनी जगह पक्की नहीं समझनी चाहिए।
उन्होंने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि न्यूजीलैंड में करारी हार ने अनुभवी और प्रतिभावान खिलाड़ियों के लिए टीम में जगह बनाने के दरवाजे खोल दिए हैं।
समान खिलाड़ियों के समूह के साथ उतरने के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के नजरिये से सहमति नहीं जताने वाले गावस्कर ने कहा, बेशक आप खिलाड़ियों (जो मौजूदा समूह का हिस्सा नहीं हैं) को नजरअंदाज नहीं कर सकते। आप मौजूदा खिलाड़ियों को क्या संदेश दे रहे हैं। आप 5, 10 या 20 और कभी-कभी शतक बनाकर अगले साल विश्वकप की टीम में रह सकते हैं... आप इस तरह अपने विश्व खिताब की रक्षा नहीं कर सकते।
गावस्कर ने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के उम्रदराज क्रिकेटर ब्रेड हॉज का उदाहरण देते हुए कहा कि गौतम गंभीर, युवराज सिंह और हरभजन सिंह जैसे 30 साल से अधिक उम्र के खिलाड़ियों के लिए सब कुछ समाप्त नहीं हुआ है।
भारत की 0-4 से शर्मनाक हार के बाद गावस्कर ने कहा, मैं विकेट के हिसाब से खिलाड़ी चुनने के पक्ष हूं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि खिलाड़ी की उम्र क्या है। ब्रेड हॉज 39 बरस का है और ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड के खिलाफ टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच में उसकी वापसी कराई। चयन के लिए आयु नहीं फॉर्म योग्यता होनी चाहिए। ऐसा तुरंत करने की जरूरत है, क्योंकि जब तक आप ऐसा करने के बारे में सोचेंगे, तब तक काफी देर हो जाएगी।
गावस्कर का मानना है कि प्रतिभावान युवा खिलाड़ियों को भी आजमाया जा सकता है। गावस्कर को हैरानी है कि लेग स्पिनर अमित मिश्रा को एक भी मैच खेलने को मौका नहीं मिला, क्योंकि उनका मानना है कि मोहम्मद शमी को आराम दिया जाना चाहिए था।
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