लंदन:
अपनी धमाकेदार और दिलकश बल्लेबाजी के लिए मशहूर केविन पीटरसन ने गुरुवार को एकदिवसीय और ट्वेंटी-20 क्रिकेट से संन्यास ले लिया। वह विशेषज्ञ टेस्ट खिलाड़ी के तौर पर इंग्लैंड की तरफ खेलते रहेंगे।
पीटरसन ने अपने इस फैसले की घोषणा करके अपने प्रशसंकों को हैरत में डाल दिया। उन्होंने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के व्यस्त कार्यक्रम और मेरे शरीर पर बढ़ते बोझ को देखते हुए मैं समझता हूं कि यह संन्यास लेने का सही समय है। इससे अगली पीढ़ी के खिलाड़ियों को विश्व कप 2015 से अनुभव हासिल करने का मौका भी मिलेगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे एकदिवसीय क्रिकेट में अपनी उपलब्धियों पर बहुत गर्व है लेकिन मैं अब भी चाहता हूं कि इंग्लैंड की तरफ से टेस्ट क्रिकेट में चयन के लिये मेरे नाम पर विचार किया जाए।’’ दक्षिण अफ्रीका में 27 जून 1980 को जन्में पीटरसन ने ऐसे समय में वनडे और ट्वेंटी-20 से संन्यास लिया है जबकि इंग्लैंड सितंबर में श्रीलंका में होने वाले ट्वेंटी-20 विश्व कप में अपने खिताब के बचाव की तैयारियां कर रहा है।
इससे उसे करारा झटका लगा है। हाल में इंडियन प्रीमियर लीग में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले पीटरसन ने स्वीकार किया है कि वह ट्वेंटी-20 विश्व कप में खेलना चाहते हैं लेकिन इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड के नियम उन्हें इसकी इजाजत नहीं देते।
पीटरसन ने कहा, ‘‘यदि चयन के लिये मानदंड नहीं होते तो मैं इंग्लैंड की तरफ से आगामी ट्वेंटी-20 विश्व कप में खेलने के लिये तैयार रहता।’’
ईसीबी के नियमों के अनुसार यदि कोई खिलाड़ी एकदिवसीय या ट्वेंटी-20 में किसी एक के लिये उपलब्ध नहीं रहता है तो स्वत: ही वह दूसरे प्रारूप से भी बाहर हो जाएगा और चयन के लिये उसके नाम पर विचार नहीं किया जाएगा। पीटरसन के फैसले पर ईसीबी ने निराशा जतायी।
ईसीबी के प्रबंध निदेशक ह्यूज मौरिस ने कहा, ‘‘ईसीबी आईसीसी विश्व ट्वेंटी-20 में हमारे खिताब बचाने के अभियान से चार महीने पहले केविन के इस फैसले से निराश है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘केविन विश्वस्तरीय खिलाड़ी है और मैं उनके प्रयासों के लिये मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं। हमें टेस्ट मैचों में उनका योगदान मिलता रहेगा।’’
पीटरसन हालांकि आईपीएल में खेलते रहेंगे। उन्होंने आईपीएल पांच में दिल्ली डेयरडेविल्स की तरफ से अपनी धमाकेदार बल्लेबाजी से दर्शकों को काफी रोमांचित किया था। उन्होंने दिल्ली को लीग चरण में शीर्ष पर पहुंचाने में अहम भूमिका निभायी थी लेकिन इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच टेस्ट श्रृंखला के कारण उन्हें आईपीएल के बीच में ही स्वदेश लौटना पड़ा था। इसके बाद दिल्ली प्लेआफ में दोनों मैच हार गया था। पीटरसन ने क्रिकेट खेलने की शुरुआत दक्षिण अफ्रीका में की थी लेकिन वहां की चयननीति के कारण वह इंग्लैंड आ गये। उन्होंने 2004 में जिम्बाब्वे के खिलाफ हरारे में एकदिवसीय क्रिकेट में पदार्पण किया तथा 127 मैच में 41.84 की औसत से 4184 रन बनाये जिसमें नौ शतक और 23 अर्धशतक शामिल हैं। मध्यक्रम के इस धांसू बल्लेबाज ने इसके अलावा 36 ट्वेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय में 37.93 की औसत से 1176 रन बनाये।
पीटरसन ने अपने इस फैसले की घोषणा करके अपने प्रशसंकों को हैरत में डाल दिया। उन्होंने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के व्यस्त कार्यक्रम और मेरे शरीर पर बढ़ते बोझ को देखते हुए मैं समझता हूं कि यह संन्यास लेने का सही समय है। इससे अगली पीढ़ी के खिलाड़ियों को विश्व कप 2015 से अनुभव हासिल करने का मौका भी मिलेगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे एकदिवसीय क्रिकेट में अपनी उपलब्धियों पर बहुत गर्व है लेकिन मैं अब भी चाहता हूं कि इंग्लैंड की तरफ से टेस्ट क्रिकेट में चयन के लिये मेरे नाम पर विचार किया जाए।’’ दक्षिण अफ्रीका में 27 जून 1980 को जन्में पीटरसन ने ऐसे समय में वनडे और ट्वेंटी-20 से संन्यास लिया है जबकि इंग्लैंड सितंबर में श्रीलंका में होने वाले ट्वेंटी-20 विश्व कप में अपने खिताब के बचाव की तैयारियां कर रहा है।
इससे उसे करारा झटका लगा है। हाल में इंडियन प्रीमियर लीग में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले पीटरसन ने स्वीकार किया है कि वह ट्वेंटी-20 विश्व कप में खेलना चाहते हैं लेकिन इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड के नियम उन्हें इसकी इजाजत नहीं देते।
पीटरसन ने कहा, ‘‘यदि चयन के लिये मानदंड नहीं होते तो मैं इंग्लैंड की तरफ से आगामी ट्वेंटी-20 विश्व कप में खेलने के लिये तैयार रहता।’’
ईसीबी के नियमों के अनुसार यदि कोई खिलाड़ी एकदिवसीय या ट्वेंटी-20 में किसी एक के लिये उपलब्ध नहीं रहता है तो स्वत: ही वह दूसरे प्रारूप से भी बाहर हो जाएगा और चयन के लिये उसके नाम पर विचार नहीं किया जाएगा। पीटरसन के फैसले पर ईसीबी ने निराशा जतायी।
ईसीबी के प्रबंध निदेशक ह्यूज मौरिस ने कहा, ‘‘ईसीबी आईसीसी विश्व ट्वेंटी-20 में हमारे खिताब बचाने के अभियान से चार महीने पहले केविन के इस फैसले से निराश है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘केविन विश्वस्तरीय खिलाड़ी है और मैं उनके प्रयासों के लिये मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं। हमें टेस्ट मैचों में उनका योगदान मिलता रहेगा।’’
पीटरसन हालांकि आईपीएल में खेलते रहेंगे। उन्होंने आईपीएल पांच में दिल्ली डेयरडेविल्स की तरफ से अपनी धमाकेदार बल्लेबाजी से दर्शकों को काफी रोमांचित किया था। उन्होंने दिल्ली को लीग चरण में शीर्ष पर पहुंचाने में अहम भूमिका निभायी थी लेकिन इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच टेस्ट श्रृंखला के कारण उन्हें आईपीएल के बीच में ही स्वदेश लौटना पड़ा था। इसके बाद दिल्ली प्लेआफ में दोनों मैच हार गया था। पीटरसन ने क्रिकेट खेलने की शुरुआत दक्षिण अफ्रीका में की थी लेकिन वहां की चयननीति के कारण वह इंग्लैंड आ गये। उन्होंने 2004 में जिम्बाब्वे के खिलाफ हरारे में एकदिवसीय क्रिकेट में पदार्पण किया तथा 127 मैच में 41.84 की औसत से 4184 रन बनाये जिसमें नौ शतक और 23 अर्धशतक शामिल हैं। मध्यक्रम के इस धांसू बल्लेबाज ने इसके अलावा 36 ट्वेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय में 37.93 की औसत से 1176 रन बनाये।
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