विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने इस रणजी सीजन में रनों का अंबार लगाया है (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
टीम इंडिया के चयनकर्ता हैरतअंगेज फैसलों के लिए जाने जाते हैं. भारत और इंग्लैंड के बीच मोहाली में 26 नवंबर से होने वाले तीसरे टेस्ट के लिए चोटिल विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा के स्थान पर गुजरात के पार्थिव पटेल का चयन ऐसा ही फैसला माना जा रहा है.
पार्थिव के चयन पर हैरानी इसलिए जताई जा रही है क्योंकि नमन ओझा, दिनेश कार्तिक और दिल्ली के होनहार ऋषभ पंत के दावे को दरकिनार करते हुए उन्हें टीम इंडिया की टेस्ट टीम में जगह दी गई है. मजे की बात यह है कि 31 साल के पार्थिव ने अपना आखिरी टेस्ट अगस्त 2008 में श्रीलंका के खिलाफ कोलंबो में खेला था. अपना आखिरी इंटरनेशनल मैच ही उन्होंने, वनडे के रूप में चार साल से अधिक समय पहले, फरवरी 2012 में श्रीलंका के खिलाफ ब्रिस्बेन में खेला था.
वैसे भी मौजूदा रणजी सीजन में पार्थिव का प्रदर्शन कोई 'असाधारण' नहीं रहा है. इस सीजन में जहां दिल्ली के 19 साल के ऋषभ पंत ने 6 मैचों में 100 से ऊपर के बल्लेबाजी औसत से एक तिहरे शतक सहित 800 से ज्यादा रन बना डाले हैं, वहीं पार्थिव के खाते में पांच मैचों में 60 के आसपास के औसत से 400 से अधिक रन ही दर्ज हैं. पंत इस समय 2016-17 रणजी सीजन के न सिर्फ टॉप स्कोरर हैं बल्कि झारखंड के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच में केवल 48 गेंदों पर शतक ठोककर वे भारत की तरफ से प्रथम श्रेणी मैचों में सबसे तेज बनाने वाले बल्लेबाज भी बने हैं. ऋषभ अंडर-19 वर्ल्डकप में भी अपनी विकेटकीपिंग और बल्लेबाजी से हर किसी को प्रभावित कर चुके हैं.
टेस्ट टीम में जगह पाने के एक और दावेदार तमिलनाडु के दिनेश कार्तिक ने भी रणजी और दिलीप ट्रॉफी में इस सीजन में पार्थिव से अधिक रन स्कोर किए हैं. कार्तिक ने इस सीजन में रणजी की 9 पारियों में 574 रन बनाए हैं जबकि दिलीप ट्रॉफी में उनकी रनसंख्या पांच पारियों में 211 रन हैं. पार्थिव ने दिलीप ट्रॉफी में चार पारियों में 109 रन बनाए हैं. 31 वर्षीय कार्तिक को पार्थिव की तुलना में बेहतर विकेटकीपर माना जाता है. पार्थिव की तुलना में उन्होंने टेस्ट, वनडे और टी20 अधिक खेले हैं. दिनेश ने 23 टेस्ट, 71 वनडे और 9 टी20 में टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व किया है. टेस्ट मैचों में एक शतक भी दिनेश कार्तिक के नाम पर दर्ज है.
संभव है कि ऋषभ की कम उम्र और उनकी बल्लेबाजी शैली को वनडे के माफिक मानते हुए उन्हें टेस्ट टीम में मौका नहीं दिया गया हो, लेकिन दो अन्य विकेटकीपर बल्लेबाज नमन ओझा और दिनेश कार्तिक के दावे को भी चयनकर्ताओं ने क्यों नजरअंदाज कर दिया, यह समझ से परे है. टीम इंडिया का हिस्सा रह चुके नमन ओझा ने ऋद्धिमान साहा की गैरमौजूदगी में 2015 में श्रीलंका के खिलाफ एक टेस्ट खेला था जिसमें उन्होंने 28 के औसत से 56 रन बनाए थे.
33 वर्षीय नमन ने इससे पहले ऑस्ट्रेलिया में भारत 'ए' टीम का प्रतिनिधित्व करते हुए लगातार तीन शतक जमाकर हर किसी को प्रभावित किया था. जाहिर है कि पंत, कार्तिक और नमन से बेहतर आंके गए पार्थिव को अब मोहाली में बेहतर प्रदर्शन कर आलोचकों का मुंह बंद करना होगा...
पार्थिव के चयन पर हैरानी इसलिए जताई जा रही है क्योंकि नमन ओझा, दिनेश कार्तिक और दिल्ली के होनहार ऋषभ पंत के दावे को दरकिनार करते हुए उन्हें टीम इंडिया की टेस्ट टीम में जगह दी गई है. मजे की बात यह है कि 31 साल के पार्थिव ने अपना आखिरी टेस्ट अगस्त 2008 में श्रीलंका के खिलाफ कोलंबो में खेला था. अपना आखिरी इंटरनेशनल मैच ही उन्होंने, वनडे के रूप में चार साल से अधिक समय पहले, फरवरी 2012 में श्रीलंका के खिलाफ ब्रिस्बेन में खेला था.
वैसे भी मौजूदा रणजी सीजन में पार्थिव का प्रदर्शन कोई 'असाधारण' नहीं रहा है. इस सीजन में जहां दिल्ली के 19 साल के ऋषभ पंत ने 6 मैचों में 100 से ऊपर के बल्लेबाजी औसत से एक तिहरे शतक सहित 800 से ज्यादा रन बना डाले हैं, वहीं पार्थिव के खाते में पांच मैचों में 60 के आसपास के औसत से 400 से अधिक रन ही दर्ज हैं. पंत इस समय 2016-17 रणजी सीजन के न सिर्फ टॉप स्कोरर हैं बल्कि झारखंड के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच में केवल 48 गेंदों पर शतक ठोककर वे भारत की तरफ से प्रथम श्रेणी मैचों में सबसे तेज बनाने वाले बल्लेबाज भी बने हैं. ऋषभ अंडर-19 वर्ल्डकप में भी अपनी विकेटकीपिंग और बल्लेबाजी से हर किसी को प्रभावित कर चुके हैं.
टेस्ट टीम में जगह पाने के एक और दावेदार तमिलनाडु के दिनेश कार्तिक ने भी रणजी और दिलीप ट्रॉफी में इस सीजन में पार्थिव से अधिक रन स्कोर किए हैं. कार्तिक ने इस सीजन में रणजी की 9 पारियों में 574 रन बनाए हैं जबकि दिलीप ट्रॉफी में उनकी रनसंख्या पांच पारियों में 211 रन हैं. पार्थिव ने दिलीप ट्रॉफी में चार पारियों में 109 रन बनाए हैं. 31 वर्षीय कार्तिक को पार्थिव की तुलना में बेहतर विकेटकीपर माना जाता है. पार्थिव की तुलना में उन्होंने टेस्ट, वनडे और टी20 अधिक खेले हैं. दिनेश ने 23 टेस्ट, 71 वनडे और 9 टी20 में टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व किया है. टेस्ट मैचों में एक शतक भी दिनेश कार्तिक के नाम पर दर्ज है.
संभव है कि ऋषभ की कम उम्र और उनकी बल्लेबाजी शैली को वनडे के माफिक मानते हुए उन्हें टेस्ट टीम में मौका नहीं दिया गया हो, लेकिन दो अन्य विकेटकीपर बल्लेबाज नमन ओझा और दिनेश कार्तिक के दावे को भी चयनकर्ताओं ने क्यों नजरअंदाज कर दिया, यह समझ से परे है. टीम इंडिया का हिस्सा रह चुके नमन ओझा ने ऋद्धिमान साहा की गैरमौजूदगी में 2015 में श्रीलंका के खिलाफ एक टेस्ट खेला था जिसमें उन्होंने 28 के औसत से 56 रन बनाए थे.
33 वर्षीय नमन ने इससे पहले ऑस्ट्रेलिया में भारत 'ए' टीम का प्रतिनिधित्व करते हुए लगातार तीन शतक जमाकर हर किसी को प्रभावित किया था. जाहिर है कि पंत, कार्तिक और नमन से बेहतर आंके गए पार्थिव को अब मोहाली में बेहतर प्रदर्शन कर आलोचकों का मुंह बंद करना होगा...
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