पहले क्रिकेट को चुना, फिर 15 साल की उम्र में पाकिस्तान के लिए टी20 करियर आगाज किया. और अब जब आसमान में उड़ने के लिए जगह ही जगह थी, तब 18 साल की आयशा नसीम (ayesha naseen) ने क्रिकेट को अलविदा कहने का फैसला लिया. इस फैसले से फैंस ही नहीं, बल्कि उनकी साथी खिलाड़ी भी बहुत ही हैरान हैं. समझाने की तमाम कोशिशें हुई जरूर, लेकिन सभी बेकार हो गईं. एक समय ने वसीम अकरम ने उन्हें काफी प्रतिभाशाली करार दिया था लेकिन अब वह क्रिकेट नहीं खेलना चाहतीं.
इस वजह से लिया यह फैसला
बोर्ड के एक सूत्र ने पुष्टि की कि आयशा ने पीसीबी को फरवरी मार्च में ही सूचित कर दिया था कि वह क्रिकेट खेलना छोड़ चुकी हैं. आयशा नसीम ने इस्लाम की सेवा के लिये अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया.आक्रामक बल्लेबाज आयशा ने उस उम्र में खेल से नाता तोड़ा जब अधिकांश खिलाड़ी कैरियर की शुरुआत करते हैं. पाकिस्तानी महिला टीम की कप्तान निदा दर और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने उन्हें मनाने की काफी कोशिशें की जो नाकाम रहीं.
Earlier this year, Ayesha Naseem smashed 43* in just 25 Balls against India in the Women's T20 World Cup. #CricketTwitter pic.twitter.com/5LJNuiCARr
— Female Cricket (@imfemalecricket) July 20, 2023
साथी खिलाड़ियों ने यह कहकर की खूब मनाने की कोशिश
पीसीबी के एक सूत्र कहा कि आयशा ने साफ तौर पर कहा कि यह उसका निजी फैसला है और वह इस्लाम के सिद्धांतों के हिसाब से अपनी जिंदगी जीना चाहती है. सूत्र ने कहा, ‘‘निदा दर और कुछ पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने उसे मनाने की कोशिश की कि वह खेलते हुए भी अच्छी मुसलमान बनी रह सकती है, लेकिन आयशा ने अपने फैसले पर पुनर्विचार से इनकार कर दिया.'
इस बात ने भी फैसले पर डाला बड़ा असर
रूढ़िवादी परिवार से ताल्लुक रखने वाली आयशा के बारे में एक सूत्र ने बताया कि उसे क्रिकेट खेलने की इजाजत बहुत मुश्किल से मिली थी.और पाकिस्तानी टीम के साथ दौरा करने पर घर में उसे परेशानियां आने लगी. उन्होंने कहा, ‘‘आखिरकार उसने क्रिकेट छोड़कर इस्लाम के सिद्धांतों के अनुरूप एक मुकम्मल मुसलमान के तौर पर जीने का फैसला किया'
ये पाक पुरुष क्रिकेटर भी कर चुके हैं ऐसा
इससे पहले पाकिस्तान के पुरुष क्रिकेटर सईद अनवर, इंजमाम उल हक, मोहम्मद युसूफ, सकलेन मुश्ताक और मुश्ताक अहमद भी मजहब की ओर मुड़े थे, लेकिन अनवर ने 2002 में अपनी बेटी की मौत के बाद क्रिकेट खेलना छोड़ दिया था. इंजमाम, युसूफ, मुश्ताक और सकलेन तबलीगी जमात से जुड़ने के बाद भी क्रिकेट से जुड़े रहे हैं.
कुछ ऐसा रहा आयशा का करियर
शीर्ष क्रम की बल्लेबाज रहीं आयशा ने पाकिस्तान के लिए चार वनडे और 30 टी20 मैच खेले. वनडे में उनका औसत 8.25 का ही रहा, लेकिन टी-20 मैचों में आय़सा ने 18.45 का औसत निकाला. और उन्हें भविष्य का खिलाड़ी बताया जा रहा था, लेकिन उनके इस फैसले के बाद अब आयशा नसीम की पाकिस्तान में ही नहीं, बल्कि पूरे क्रिकेट जगत में चर्चा हो रही है.
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