पाकिस्तानी और भारतीय क्रिकेट फैन (फाइल फोटो)
कराची:
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) एक तरफ तो यह कहता है कि भारत को उसके साथ सीरीज खेलनी है कि नहीं यह भारत को ही तय करना है, दूसरी तरफ वह बार-बार टीम इंडिया के साथ सीरीज खेलने की बात करता रहता है. अब एक फिर पीसीबी चेयरमैन शहरयार खान ने कहा है कि वह भारत के खिलाफ खेलने की ‘भीख’ नहीं मांग रहे, लेकिन उनका कहना है कि पीसीबी अपने अधिकार के तहत बीसीसीआई को दोनों देशों के बीच छह द्विपक्षीय सीरीज खेलने के लिए किए गए सहमति पत्र का सम्मान करने के लिए ‘जोर' देगा.
शहरयार ने खेलों पर राष्ट्रीय स्थायी समिति के साथ बैठक के बाद इस्लामाबाद में मीडिया से कहा, ‘‘हम उनसे हमसे खेलने के लिए भीख नहीं मांग रहे हैं. कृपया ऐसा मत समझिए, लेकिन उन्होंने (बीसीसीआई) ने हमसे 2015 से 2023 के बीच छह द्विपक्षीय सीरीज खेलने के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं, लेकिन वे अपनी प्रतिबद्धता पर खरे नहीं उतरे.’’
उन्होंने कहा, ‘‘क्रिकेट का देश होने के नाते यह हमारा अधिकार है कि हम उन्हें सहमति पत्र का सम्मान करने के लिए जोर दें. उन्हें हमसे तुंरत दो घरेलू सीरीज खेलनी चाहिए, क्योंकि अंतिम पूर्ण द्विपक्षीय सीरीज भारत में 2007 में खेली गई थी. सहमति पत्र में पाकिस्तान को 2015 से 2023 के बीच चार पूर्ण सीरीज की मेजबानी करनी थी.’’ यह सहमति पत्र 2014 में आईसीसी बैठक के दौरान रखा गया था और शहरयार ने कहा कि सहमति पत्र के अनुसार दोनों देशों को द्विपक्षीय क्रिकेट खेलना होगा क्योंकि पीसीबी वित्तीय लाभ के लिए इन सीरीज पर निर्भर है.
उन्होंने कहा, ‘‘हम समझौते पत्र के मुद्दे पर अपने वकीलों से सलाह मश्विरा कर रहे हैं और इस महीने होने वाली एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) की बैठक में हम द्विपक्षीय सीरीज का यह मामला उठाएंगे.’’ शहरयार को हाल में एसीसी का चेयरमैन चुना गया था और वह 17 दिसंबर को कोलंबो में अगली बैठक की अध्यक्षता करेंगे.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
शहरयार ने खेलों पर राष्ट्रीय स्थायी समिति के साथ बैठक के बाद इस्लामाबाद में मीडिया से कहा, ‘‘हम उनसे हमसे खेलने के लिए भीख नहीं मांग रहे हैं. कृपया ऐसा मत समझिए, लेकिन उन्होंने (बीसीसीआई) ने हमसे 2015 से 2023 के बीच छह द्विपक्षीय सीरीज खेलने के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं, लेकिन वे अपनी प्रतिबद्धता पर खरे नहीं उतरे.’’
उन्होंने कहा, ‘‘क्रिकेट का देश होने के नाते यह हमारा अधिकार है कि हम उन्हें सहमति पत्र का सम्मान करने के लिए जोर दें. उन्हें हमसे तुंरत दो घरेलू सीरीज खेलनी चाहिए, क्योंकि अंतिम पूर्ण द्विपक्षीय सीरीज भारत में 2007 में खेली गई थी. सहमति पत्र में पाकिस्तान को 2015 से 2023 के बीच चार पूर्ण सीरीज की मेजबानी करनी थी.’’ यह सहमति पत्र 2014 में आईसीसी बैठक के दौरान रखा गया था और शहरयार ने कहा कि सहमति पत्र के अनुसार दोनों देशों को द्विपक्षीय क्रिकेट खेलना होगा क्योंकि पीसीबी वित्तीय लाभ के लिए इन सीरीज पर निर्भर है.
उन्होंने कहा, ‘‘हम समझौते पत्र के मुद्दे पर अपने वकीलों से सलाह मश्विरा कर रहे हैं और इस महीने होने वाली एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) की बैठक में हम द्विपक्षीय सीरीज का यह मामला उठाएंगे.’’ शहरयार को हाल में एसीसी का चेयरमैन चुना गया था और वह 17 दिसंबर को कोलंबो में अगली बैठक की अध्यक्षता करेंगे.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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