खास बातें
- भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने मंगलवार को स्वीकार किया कि उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में दोहरा शतक जमाना तो दूर, कभी यह भी नहीं सोचा था कि वह देश के लिए खेल सकेंगे।
चेन्नई: भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने मंगलवार को स्वीकार किया कि उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में दोहरा शतक जमाना तो दूर, कभी यह भी नहीं सोचा था कि वह देश के लिए खेल सकेंगे।
धोनी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट में 265 गेंद में 224 रन बनाए और आठ विकेट से मिली जीत में मैन ऑफ द मैच रहे।
अपनी चमत्कारिक पारी के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं टेस्ट क्रिकेट में दोहरा शतक बना सकूंगा। मैंने तो कभी यह भी नहीं सोचा था कि देश के लिए खेल सकूंगा।’’ धोनी के करियर का यह पहला दोहरा शतक है जबकि कुल मिलाकर छठा शतक है।
मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार जीतने वाले धोनी ने कहा, ‘‘कुछ शाट्स खेलना जरूरी थे। यदि आपके सामने कैच लपकने को तत्पर अतिरिक्त फील्डर हों तो एक गलती से आपकी पारी खत्म हो सकती है। मुझे कुछ शाट खेलने थे और मैं यह सोचकर ही उतरा था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पहली साझेदारी अहम थी। सचिन और पुजारा ने उस समय अच्छी बल्लेबाजी की। विराट और सचिन की साझेदारी भी अहम थी जिसने गेंदबाजों को थकाया।’’ धोनी ने ऑफ स्पिनर आर अश्विन की खास तौर पर तारीफ की जिसने 198 रन देकर 12 विकेट लिये।
उन्होंने कहा, ‘‘अश्विन ने जबर्दस्त गेंदबाजी की। उसने सही दिशा में गेंद डाली और लगातार अच्छा प्रदर्शन किया। दूसरी पारी में हरभजन सिंह ने उसका बखूबी साथ दिया।’’