
वनडे सीरीज में अश्विन के साथ रवींद्र जडेजा भी बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं (फाइल फोटो)
- धोनी के कप्तानी छोड़ने के बाद वनडे में अगुवाई कर रहे हैं कोहली
- अश्विन ने कहा, कई मौकों पर कोहली ज्यादा आक्रामक होते हैं
- इसके साथ मुझे सहज होने की कोशिश करनी पड़ेगी
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पुणे:
भारतीय क्रिकेट टीम के ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने इंग्लैंड के खिलाफ आगामी वनडे सीरीज में विराट कोहली की कप्तानी के साथ तालमेल बनाने को टीम के लिए बेहद जरूरी बताया है. अश्विन के अनुसार, वनडे और इसके बाद टी20 सीरीज में सबसे जरूरी विराट की आक्रामक तरीके की कप्तानी और संपर्क के विभिन्न तरीकों की समझ बनाए रखना बेहद महत्वपूर्ण होगा. महेंद्र सिंह धोनी के शॉर्टर फॉर्मेट की कप्तानी छोड़ने के बाद कोहली के पास वनडे और टी20 टीम की अगुवाई करने का जिम्मा है.
वेबसाइट www.espncricinfo.com के अनुसार हर तरह के फॉर्मेट में टीम इंडिया के स्ट्राइक बॉलर अश्विन ने कहा, "संपर्क के संदर्भ में चीजें थोड़ी अलग होंगी. विकेटकीपर होने के कारण धोनी के साथ गेंदबाज के रूप में हमारा सीधा संपर्क होता था, लेकिन अब विराट के कप्तान होने पर ऐसी स्थिति नहीं होगी."
उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर विराट मिडविकेट के आसपास होंगे, लेकिन उनसे संपर्क करने के स्तर पर चीजें थोड़ी अलग होंगी. हमें जल्द से जल्द इसकी आदत डालनी होगी. विराट की आक्रामकता के बारे में अश्विन ने कहा, "कई अवसरों पर विराट ज्यादा आक्रामक होते हैं और यहीं एक चीज है, जिसके साथ मुझे सहज होने की कोशिश करनी पड़ेगी." उन्होंने कहा कि विराट का जोर ज्यादातर समय विपक्षी टीम के विकेट हासिल करने पर होता है, भले ही इसके लिए गेंदबाज को कुछ रन 'खर्च करने' पड़ें.
भारत की इग्लैंड के खिलाफ तीन वनडे मैचों की सीरीज 15 जनवरी से प्रारंभ होने जा रही है. इसका पहला मुकाबला पुणे में खेला जाएगा. गौरतलब है कि वर्ष 2010 में करियर की शुरुआत करने वाले अश्विन ने क्रिकेट के सीमित प्रारूपों के अधिकतर मैच धोनी के नेतृत्व में खेले हैं. वैसे, टेस्ट क्रिकेट में पिछले दो साल में वह कोहली की कप्तानी में खेल रहे हैं.
वेबसाइट www.espncricinfo.com के अनुसार हर तरह के फॉर्मेट में टीम इंडिया के स्ट्राइक बॉलर अश्विन ने कहा, "संपर्क के संदर्भ में चीजें थोड़ी अलग होंगी. विकेटकीपर होने के कारण धोनी के साथ गेंदबाज के रूप में हमारा सीधा संपर्क होता था, लेकिन अब विराट के कप्तान होने पर ऐसी स्थिति नहीं होगी."
उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर विराट मिडविकेट के आसपास होंगे, लेकिन उनसे संपर्क करने के स्तर पर चीजें थोड़ी अलग होंगी. हमें जल्द से जल्द इसकी आदत डालनी होगी. विराट की आक्रामकता के बारे में अश्विन ने कहा, "कई अवसरों पर विराट ज्यादा आक्रामक होते हैं और यहीं एक चीज है, जिसके साथ मुझे सहज होने की कोशिश करनी पड़ेगी." उन्होंने कहा कि विराट का जोर ज्यादातर समय विपक्षी टीम के विकेट हासिल करने पर होता है, भले ही इसके लिए गेंदबाज को कुछ रन 'खर्च करने' पड़ें.
भारत की इग्लैंड के खिलाफ तीन वनडे मैचों की सीरीज 15 जनवरी से प्रारंभ होने जा रही है. इसका पहला मुकाबला पुणे में खेला जाएगा. गौरतलब है कि वर्ष 2010 में करियर की शुरुआत करने वाले अश्विन ने क्रिकेट के सीमित प्रारूपों के अधिकतर मैच धोनी के नेतृत्व में खेले हैं. वैसे, टेस्ट क्रिकेट में पिछले दो साल में वह कोहली की कप्तानी में खेल रहे हैं.
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