शशांक मनोहर की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष शशांक मनोहर ने आईपीएल की बदनामी के लिए एन श्रीनिवासन को ज़िम्मेदार ठहराया है। मनोहर ने कहा कि बीसीसीआई ने सही समय पर क्रिकेट को साफ़ करने की कोशिश नहीं की जिसकी वजह से लोढ़ा कमेटी को कड़ा कदम उठाने पर मज़बूर होना पड़ा।
मनोहर ने कहा, 'श्रीनिवासन को 2013 में ही पद छोड़ देना चाहिए था और जो भी विवाद आईपीएल में हुए उसकी जड़ श्रीनिवासन है। कोई भी अधिकारी बोर्ड से बढ़कर नहीं हो सकता, उन्हें तुरंत आईसीसी चैयरमैन पद से इस्तीफ़ा दे देना चाहिए।'
पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष मनोहर शुक्रवार को कोलकाता में बीसीसीआई अध्यक्ष जगमोहन डालमिया से मिलने गए। हालांकि इस बैठक में क्या हुआ इस बारे में कोई ठोस जानकारी सामने नहीं आई है। मनोहर ने मुलाकात के बाद कहा कि डालमिया से क्रिकेट से करपश्न को साफ़ करने पर बात हुई है।
माना जा रहा है कि डालमिया ने पूरे मामले पर अपनी राय बताने के लिए पहले आईपीएल चैयरमैन राजीव शुक्ला और फिर मनोहर से मिले हैं।
मनोहर ने आईपीएल के सीओओ सुंदर रमन को भी तुरंत प्रभाव से हटाने की मांग की है। उनके मुताबिक, रमन को हटाकर सीबीआई से पूरे मामले की जांच से ही लोगों के बीच खेल पर भरोसा वापस पाया जा सकता है।
2008 से 2011 तक बीसीसीआई के अध्यक्ष रहे मनोहर ने कहा कि बोर्ड क्रिकेट को साफ़ करने में नाकाम रही है और जो काम बोर्ड को करना चाहिए वो कोर्ट कर रही है। राजस्थान और चेन्नई के भविष्य पर बोलते हुए मनोहर ने कहा कि आईपीएल के नियम के मुताबिक फ़ैसला होना चाहिए।
रविवार को आईपीएल गवर्निंग काउंसिल की बैठक मुंबई में होनी है उससे पहले एक पूर्व अध्यक्ष का दूसरे पूर्व अध्यक्ष पर इस तरह आरोप लगाना साबित करता है कि बोर्ड के भीतर सबकुछ अच्छा नहीं है।
मनोहर के बयान से ये भी साफ़ हो जाता है कि बीसीसीआई के गलियारों में श्रीनिवासन अलग-थलग पड़ गए हैं। इसी के साथ ये भी धीरे-धीरे सामने आ रहा है कि श्रीनिवासन खेमे के लोग विरोधी खेमे से हाथ मिलाने से परहेज़ नहीं कर रहे हैं।
मनोहर ने कहा, 'श्रीनिवासन को 2013 में ही पद छोड़ देना चाहिए था और जो भी विवाद आईपीएल में हुए उसकी जड़ श्रीनिवासन है। कोई भी अधिकारी बोर्ड से बढ़कर नहीं हो सकता, उन्हें तुरंत आईसीसी चैयरमैन पद से इस्तीफ़ा दे देना चाहिए।'
पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष मनोहर शुक्रवार को कोलकाता में बीसीसीआई अध्यक्ष जगमोहन डालमिया से मिलने गए। हालांकि इस बैठक में क्या हुआ इस बारे में कोई ठोस जानकारी सामने नहीं आई है। मनोहर ने मुलाकात के बाद कहा कि डालमिया से क्रिकेट से करपश्न को साफ़ करने पर बात हुई है।
माना जा रहा है कि डालमिया ने पूरे मामले पर अपनी राय बताने के लिए पहले आईपीएल चैयरमैन राजीव शुक्ला और फिर मनोहर से मिले हैं।
मनोहर ने आईपीएल के सीओओ सुंदर रमन को भी तुरंत प्रभाव से हटाने की मांग की है। उनके मुताबिक, रमन को हटाकर सीबीआई से पूरे मामले की जांच से ही लोगों के बीच खेल पर भरोसा वापस पाया जा सकता है।
2008 से 2011 तक बीसीसीआई के अध्यक्ष रहे मनोहर ने कहा कि बोर्ड क्रिकेट को साफ़ करने में नाकाम रही है और जो काम बोर्ड को करना चाहिए वो कोर्ट कर रही है। राजस्थान और चेन्नई के भविष्य पर बोलते हुए मनोहर ने कहा कि आईपीएल के नियम के मुताबिक फ़ैसला होना चाहिए।
रविवार को आईपीएल गवर्निंग काउंसिल की बैठक मुंबई में होनी है उससे पहले एक पूर्व अध्यक्ष का दूसरे पूर्व अध्यक्ष पर इस तरह आरोप लगाना साबित करता है कि बोर्ड के भीतर सबकुछ अच्छा नहीं है।
मनोहर के बयान से ये भी साफ़ हो जाता है कि बीसीसीआई के गलियारों में श्रीनिवासन अलग-थलग पड़ गए हैं। इसी के साथ ये भी धीरे-धीरे सामने आ रहा है कि श्रीनिवासन खेमे के लोग विरोधी खेमे से हाथ मिलाने से परहेज़ नहीं कर रहे हैं।
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