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This Article is From Aug 18, 2024

''मैदान में कोई भी शख्स धोनी को छू नहीं सकता'', एन श्रीनिवासन ने बताई वर्ल्ड कप 2011 की अनसुनी कहानी, VIDEO

N Srinivasan Big Statement: बीसीसीआई के पूर्व कोषाध्यक्ष एन. श्रीनिवासन ने वर्ल्ड कप 2011 की एक अनसुनी कहानी साझा की है.

''मैदान में कोई भी शख्स धोनी को छू नहीं सकता'', एन श्रीनिवासन ने बताई वर्ल्ड कप 2011 की अनसुनी कहानी, VIDEO
MS Dhoni

N. Srinivasan Big Statement: बीसीसीआई के पूर्व कोषाध्यक्ष एन. श्रीनिवासन ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने वर्ल्ड कप 2011 के एक वाक्ये को लोगों के साथ साझा किया है. @ChakriDhonii नाम के आईडी से शेयर किए गए वीडियो में उन्हें कहते हुए सुना जा सकता है, ''वर्ल्ड कप 2011 भारत में खेला जा रहा था. गैरी कर्स्टन भारतीय क्रिकेट टीम के कोच और मैं कोषाध्यक्ष था.'' श्रीनिवासन के मुताबिक कर्स्टन ने कहा, ''सर. चिंता नहीं कीजिए. मैदान में कोई भी शख्स एमएस धोनी को छू नहीं सकता है.''

बता दें एमएस धोनी वर्ल्ड कप 2011 में भारतीय टीम के कप्तान थे. उस दौरान टीम इंडिया ने इतिहास रचते हुए दूसरी बार प्रतिष्ठित खिताब पर कब्जा जमाया था. फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम की भिड़ंत श्रीलंकाई टीम से हुई थी. दोनों टीमों के बीच निर्णायक जंग का गवाह मुंबई स्थित वानखेड़े स्टेडियम बना था. यहां श्रीलंकाई टीम टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवरों में 6 विकेट के नुकसान पर 274 रन बनाने में कामयाब हुई थी. 

विपक्षी टीम की तरफ से फाइनल मुकाबले में पूर्व क्रिकेटर महेला जयवर्धने जबर्दस्त लय में नजर आए थे. उन्होंने अपनी टीम के लिए चौथे क्रम पर बल्लेबाजी करते हुए 88 गेंदों में नाबाद 103 रन की शतकीय पारी खेली थी. इस बीच उनके बल्ले से 13 बेहतरीन चौके निकले. उनके अलावा तीसरे क्रम पर बल्लेबाजी करते हुए कुमार संगाकारा 67 गेंद में 48 रन बनाने में कामयाब हुए थे. 

विपक्षी टीम की तरफ से मिले 275 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए वीरेंद्र सहवाग बिना खाता खोले आउट हो गए थे. टीम अभी इस बड़े झटके से उबर भी नहीं पाई थी कि सचिन तेंदुलकर भी 14 गेंद में 18 रन बनाकर पवेलियन चलते बने. हालांकि, इसके बाद मैदान में उतरे विराट कोहली ने गंभीर का बखूबी साथ दिया. मगर 35 रन के व्यक्तिगत स्कोर पर वह भी आउट हो गए.

तीन विकेट गिर जाने के बाद युवराज सिंह को मैदान में उतारने के बजाय धोनी ने खुद कमान संभाली और अंत में टीम को जीत दिलाके ही वापस लौटे. फाइनल मुकाबले में उन्होंने 5वें क्रम पर बल्लेबाजी करते हुए 79 गेंद में 8 चौके और 2 छक्के की मदद से नाबाद 91 रन की पारी खेली. जिसके लिए उन्हें 'प्लेयर ऑफ द मैच' चुना गया.

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