
महेंद्र सिंह धोनी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
एमएस धोनी के लिए नया साल भी मायूसी लेकर आया है। धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया साल की पहली सीरीज़ हार गई है। कप्तान का हर दांव और गेंदबाज़ों का हर पैंतरा उल्टा पड़ा। पिछले 26 सालों में पहली बार टीम इंडिया पांच मैच की सीरीज़ में 0-3 से पिछड़ी है।
पिछले साल धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया एक भी सीरीज़ नहीं जीती थी। ये सच है कि अकेला कप्तान जीत नहीं दिला सकता, मगर सही वक्त पर सही फैसला धोनी इस सीरीज़ में नहीं ले पाए, मेलबर्न में खेले वनडे की ही बात करें तो आर अश्विन को मेलबर्न में ना खिलाना ग़लत फैसला था। मेलबर्न में जडेजा को ग़लत वक्त पर अटैक से हटाया भी गया वहीं भुवनेश्वर को ड्रेसिंग रूम में बिठाना से भी कोई फ़ायदा नहीं हुआ।
कप्तानी के अलावा धोनी की बल्लेबाज़ी भी सवालों के घेरे में है, धोनी में मैच फ़िनिश करने का वह दम नज़र नहीं आ रहा, जिसके लिए वह जाने जाते हैं। पिछले एक साल में धोनी का औसत 52.00 से गिरकर 41.00 हो गया है। इस सीरीज़ के 3 वनडे मैचों में धोनी 52 रन ही जोड़ सके
धोनी से जब उनके प्रदर्शन के बारे में सवाल भी किया गया तो माही ने बड़े ही अटपटे अंदाज़ में कहा कि " मैं खुद अपने प्रदर्शन का आकलन नहीं कर सकता क्योंकि वह हितों के टकराव का मामला बन जाएगा, इसके लिए PIL करनी होगी शायद।
ज़ाहिर है जिस कप्तान की तूती बोलती थी, अब उसके पास जवाब नहीं है। ज़िंदगी की तरह क्रिकेट में भी किस्मत बहुत मायने रखती है और बड़ा सवाल यही है कि क्या धोनी का मैजिकल टच अब चला गया है?
पिछले साल धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया एक भी सीरीज़ नहीं जीती थी। ये सच है कि अकेला कप्तान जीत नहीं दिला सकता, मगर सही वक्त पर सही फैसला धोनी इस सीरीज़ में नहीं ले पाए, मेलबर्न में खेले वनडे की ही बात करें तो आर अश्विन को मेलबर्न में ना खिलाना ग़लत फैसला था। मेलबर्न में जडेजा को ग़लत वक्त पर अटैक से हटाया भी गया वहीं भुवनेश्वर को ड्रेसिंग रूम में बिठाना से भी कोई फ़ायदा नहीं हुआ।
कप्तानी के अलावा धोनी की बल्लेबाज़ी भी सवालों के घेरे में है, धोनी में मैच फ़िनिश करने का वह दम नज़र नहीं आ रहा, जिसके लिए वह जाने जाते हैं। पिछले एक साल में धोनी का औसत 52.00 से गिरकर 41.00 हो गया है। इस सीरीज़ के 3 वनडे मैचों में धोनी 52 रन ही जोड़ सके
धोनी से जब उनके प्रदर्शन के बारे में सवाल भी किया गया तो माही ने बड़े ही अटपटे अंदाज़ में कहा कि " मैं खुद अपने प्रदर्शन का आकलन नहीं कर सकता क्योंकि वह हितों के टकराव का मामला बन जाएगा, इसके लिए PIL करनी होगी शायद।
ज़ाहिर है जिस कप्तान की तूती बोलती थी, अब उसके पास जवाब नहीं है। ज़िंदगी की तरह क्रिकेट में भी किस्मत बहुत मायने रखती है और बड़ा सवाल यही है कि क्या धोनी का मैजिकल टच अब चला गया है?
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