बर्मिंघम में खेले गए शृंखला के चौथे वन-डे इंटरनेशनल मैच में मेजबान इंग्लैंड को हराते ही भारतीय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी देश के सबसे कामयाब वन-डे कप्तान भी बन गए। यह धोनी की कप्तानी में भारत की 91वीं वन-डे जीत थी, जबकि टेस्ट मैचों और टी-20 इंटरनेशनल मैचों के सबसे कामयाब भारतीय कप्तान का तमगा वह पहले ही हासिल कर चुके हैं।
अब आंकड़ों के लिहाज़ से महेंद्र सिंह धोनी ने टीम इंडिया के पूर्व कप्तान मोहम्मद अज़हरुद्दीन के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है, जिन्होंने अपनी कप्तानी में भारतीय टीम को कुल 90 मैचों में जीत दिलवाई थी। अब इस मामले में मौजूदा समय में खेल रहे दुनिया के सभी कप्तानों में धोनी भले ही अव्वल हो गए हैं, लेकिन सर्वकालिक सफलतम वन-डे कप्तानों की सूची में अभी उनका नंबर छठा है।
ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज रिकी पॉन्टिंग इस सूची में शीर्ष पर हैं, जिन्होंने 230 मैचों में कप्तानी कर 165 मैचों में अपनी टीम को जीत दिलवाई। उनके बाद ऑस्ट्रेलिया के ही एलन बॉर्डर का नाम है, जिनकी कप्तानी में कंगारुओं ने 107 मैच जीते, हालांकि बॉर्डर ने कुल 178 मैचों में टीम की कप्तानी का दायित्व निभाया।
सूची में तीसरा नाम दक्षिण अफ्रीका के दिवंगत कप्तान हैन्सी क्रोन्ये का नाम आता है, जिन्होंने 138 मैचों में कप्तानी की, और 99 मैचों में अपनी टीम को जिताया। चौथे नंबर पर न्यूज़ीलैंड के स्टीफन फ्लेमिंग का नाम दर्ज है, जिनकी कप्तानी में खेले गए 218 मैचों में से कीवी टीम ने 98 मैचों में जीत दर्ज की। पांचवें स्थान पर दक्षिण अफ्रीका के ग्रीम स्मिथ का नाम है, जो 150 वन-डे इंटरनेशनल मैचों में कप्तान रहे, और उनकी टीम को उनमें से 92 में जीत हासिल हुई।
सो, मौजूदा रफ्तार से खेलते और जीतते रहे तो 'मिस्टर कूल' के नाम से मशहूर महेंद्र सिंह धोनी जल्द ही रिकी पॉन्टिंग के अलावा सभी अन्य कप्तानों को पीछे छोड़ते दिखाई दे सकते हैं, लेकिन धोनी अपनी इस कामयाबी को टीम की कामयाबी से जोड़कर ही देखते हैं। उनका कहना है, "जब मुझे कप्तानी सौंपी गई थी, तब वह एक शानदार टीम थी, और मेरे पास अब भी एक शानदार टीम है... मैं उन सबका शुक्रिया अदा करना चाहता हूं, जिनकी वजह से यह मुमकिन हो पाया..."
वैसे, सफल भारतीय कप्तानों की सूची बनाई जाए, तो धोनी ने बर्मिंघम में जीतकर पूर्व कप्तान मोहम्मद अज़हरुद्दीन को पीछे छोड़ा है, जिन्होंने 174 वन-डे मैचों में कप्तानी कर 90 में जीत हासिल की थी, जबकि अब धोनी ने 162 वन-डे मैचों में कप्तानी का दायित्व संभालकर 91 में जीत दर्ज की है। वैसे, धोनी ने अपनी कप्तानी में 57 मैच हारे भी हैं, जबकि चार मैच टाई रहे और 10 मैचों का परिणाम नहीं निकल सका।
सफलतम कप्तानों की सूची में धोनी और अज़हर के बाद सौरव गांगुली का नाम आता है, जिन्होंने अपने दौर में 146 मैचों में कप्तान रहकर 76 जीते। उनके बाद राहुल द्रविड़ हैं, जो 79 वन-डे मैचों में कप्तान रहे, और 42 में जीत हासिल की, और सूची में पांचवें स्थान पर भारत के पहले विश्वकप विजेता कप्तान कपिल देव हैं, जिन्होंने 74 मैचों में कप्तानी कर 39 में जीत हासिल की।
वैसे, अब अगर कुल मिलाकर देखा जाए, तो महेंद्र सिंह धोनी के नाम काफी सफलताएं दर्ज हैं - वह भारत के सर्वाधिक सफल टेस्ट कप्तान हैं, जिसने 22 मैचों में टीम को जिताया। वही अब भारत के सर्वाधिक सफल वन-डे कप्तान भी हैं। धोनी ही भारत के सर्वाधिक सफल टी-20 कप्तान भी हैं, जिसकी कप्तानी में टीम इंडिया ने 26 मैचों में जीत हासिल की है। धोनी ने ही वर्ष 2007 का टी-20 वर्ल्डकप खिताब अपनी कप्तानी में जिताया था, और उन्हीं की कप्तानी में टीम इंडिया ने वर्ष 2011 का वन-डे वर्ल्डकप खिताब जीता था।
भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की कामयाबी की यह फेहरिस्त बेहद लंबी है, लेकिन ऊपर लिखी कुछ कामयाबियां ऐसी हैं, जो दुनिया के किसी भी क्रिकेट कप्तान और टीम का सपना होती हैं। खास बात यह है कि धोनी अपनी कामयाबी को दोहराने का फन जानते हैं। वह बाकी सबसे कुछ जुदा हैं, और उनके खेलने का तरीका और भी अलग है।
महेंद्र सिंह धोनी कहते हैं, "मैं जो करता हूं, वह करता हूं... मैं योजना बनाता हूं, वह चल जाती है, तो ठीक... नहीं चल पाती, तो भी कोई बात नहीं... मैं अपनी योजना पर कायम रहता हूं... कई बार आपको विकेट मिल जाती हैं, कई बार नहीं मिलती, लेकिन इसका असर होता है, जिसके बारे में मैं और नहीं बताना चाहता..."
धोनी बार-बार यह इशारा भी कर चुके हैं कि वर्ष 2015 का वर्ल्डकप उनके लिए एक बड़ा मिशन है, और अगर टीम इंडिया को अगले साल फिर वर्ष 2011 वाली कामयाबी हासिल हो जाती है तो भारतीय क्रिकेट में एक ऐसा इतिहास लिखा जा सकेगा, जिसे क्रिकेट के प्रशंसक पीढ़ी-दर-पीढ़ी याद रखेंगे।
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