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This Article is From May 28, 2018

क्या सचिन तेंदुलकर की तरह अब क्रिकेट के भगवान होते जा रहे महेंद्र सिंह धोनी...

क्या सचिन तेंदुलकर की तरह अब क्रिकेट के भगवान होते जा रहे महेंद्र सिंह धोनी...
भारत में एमएस धोनी का दर्जा हर जीत के साथ बढ़ता जा रहा है
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
धोनी की कप्‍तानी में तीसरी बार IPL चैंपियन बनी CSK
हर जीत के साथ एमएस धोनी का दर्जा बढ़ता जा रहा है
कोई उनकी बैटिंग का कायल तो कोई शांत स्‍वभाव का मुरीद

चेन्नई सुपर किंग्स ने तीसरी बार आईपीएल का खिताब जीत लिया है. इस जीत के साथ एक बार फिर महेंद्र सिंह धोनी हर ख़बर, हर चर्चा का हिस्सा बन गए हैं. पिछली जीतों की तुलना में इस बार एक अंतर ज़रूर था. धोनी की गोद में चैंपियनशिप ट्रॉफी नहीं, बल्कि हर पल उनकी बेटी जीवा थीं. एमएस धोनी वैसे तो विश्व क्रिकेट के महान खिलाड़ियों में शुमार हैं, लेकिन भारत में उनका दर्जा हर एक जीत के साथ बढ़ता जा रहा है. कोई उनके क्रिकेट और बल्लेबाज़ी का कायल है, कोई उन्हें प्रेरणास्रोत मानता है तो कोई उनके शांत स्वभाव और लीडरशिप में अपना आईडल के रूप में देखता है. कुछ क्रिकेटप्रेमियों के लिए तो सचिन तेंदुलकर की ही तरह धोनी भी अब क्रिकेट के भगवान होते जा रहे हैं. ये बात कुछ लोगों को भले हजम न हो लेकिन यह सच है...और इसके सच होने के पीछे वजहें हैं

- 3 बार आईपीएल चैंपियन (2010,2011,2018)
-1 T20 वर्ल्ड कप टाइटल (2007)
-1 वनडे वर्ल्ड कप ख़िताब (2011)
-1 चैंपियन्स ट्रॉफ़ी टाइटल (2013)
-2 चैंपियन्स लीग ख़िताब

 

इसके अलावा भी बहुत से टूर्नामेंट और सीरीज़ में बतौर कप्तान धोनी के नाम जीत दर्ज है. लेकिन तर्क तो हमेशा ये रहा है कि कप्तान अपनी टीम जितना ही अच्छा होता है. कुछ जानकार इस तर्क से सहमत नहीं हैं. उनका मानना है कि धोनी बाकियों से अलग हैं, बेहतर हैं. NDTV से IPL फ़ाइनल के बाद बात करते हुए वरिष्ठ खेल पत्रकार राकेश राव ने कहा कि धोनी की टीम को आईपीएल की शुरुआत में ही डैडीज आर्मी (Daddy's Army) क़रार दिया गया, लेकिन एक बार आप रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू टीम पर नज़र डालिए.अगर धोनी के पास इस तरह के खिलाड़ी होते, इस तरह की टीम होती तो सोचिए वे क्या और करिश्मा कर देते.

महेंद्र सिंह धोनी हमेशा से ही मर्जीके मालिक रहे हैं. टेस्ट क्रिकेट से संन्यास हो, या फिर वनडे और टी20 टीमों की कप्तानी छोड़ने का फ़ैसला..उन्‍होंने वही किया जो उन्हें उस समय पर ठीक लगा.लोगों ने समझा कि वे संन्यास लेने की राह पर हैं. हालांकि धोनी ने साफ किया है कि कि वो 2019 वर्ल्‍डकप खेलेंगे और विश्व क्रिकेट के बेस्ट खिलाड़ियों में शुमार रहकर खेलेंगे. पिछले एक साल में उनके रिकॉर्ड अपनी कहानी खुद बयां करते हैं. फ़िटनेस में उनका कोई सानी नहीं है. रेस में वे टीम के युवा और फ़िट खिलाड़ी हार्दिक पंड्या को भी पीछे छोड़ते हैं. क्रिकेट अब ज्यादा खेलते नहीं लेकिन जब खेलते हैं तो छाप छोड़ते हैं. कुछ उसी तरह जिस तरह उन्होंने अपने फैंस के दिलोदिमाग़ पर एक के बाद एक ख़िताब जीतकर छाप छोड़ दी है. धोनी अब एक नाम नहीं,  वो महज़ एक खिलाड़ी नहीं...धोनी अब एक जज़्बा हैं.

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