मुंबई:
कप्तान मनोज तिवारी और निचले क्रम के बल्लेबाज पंकज शॉ के शतक भी बंगाल को आज यहां पांच दिवसीय रणजी ट्राफी क्वार्टरफाइनल में मध्य प्रदेश के खिलाफ मिली 355 रन की करारी शिकस्त से नहीं बचा सके। मध्य प्रदेश अब 13 फरवरी को कटक में शुरू हो रहे पांच दिवसीय सेमीफाइनल में 40 बार की चैम्पियन मुंबई से भिड़ेगा।
बंगाल ने 788 का असंभव लक्ष्य का पीछा करते हुए अंतिम दिन तीन विकेट पर 113 रन से आगे खेलना शुरू किया, उसने तिवारी (124), शॉ (118) और अशोक डिंडा (52) की बदौलत चाय के सत्र तक चुनौती बनाए रखी, लेकिन फिर पूरी टीम 432 रन पर सिमट गई।
ईश्वर पांडे ने फिर मध्य प्रदेश के लिए गेंदबाजी की अगुवाई की और 93 रन देकर चार विकेट हासिल किए। उन्होंने पहली पारी में 45 रन देकर चार विकेट प्राप्त किए थे जबकि आगाज कर रहे तेज गेंदबाज चंद्रकांत साकुरे ने 6 विकेट चटकाए, जिसमें दूसरी पारी के 114 रन पर तीन विकेट भी शामिल हैं। मध्य प्रदेश ने इस तरह टूर्नामेंट में बंगाल के खिलाफ नौ मुकाबलों में दूसरी जीत दर्ज की।
जब अंतिम दिन का खेल शुरू हुआ तो सभी की दिलचस्पी इस बात पर थी कि क्या बंगाल पिछले साल का परिणाम प्राप्त कर सकता है, जिसमें उन्होंने मध्य प्रदेश को जीत से रोक दिया था। लगातार ओवरों में दो विकेट गिरने से उन्हें झटका, लेकिन तिवारी (161 गेंद में 14 चौके और तीन छक्के) और शॉ (137 गेंद में 13 चौके और चार छक्के) ने छठे विकेट के लिए 108 रन की भागीदारी निभाकर चुनौती जारी रखी। शॉ आउट होने वाले अंतिम बल्लेबाज रहे।
तिवारी लंच से सात मिनट पहले पांडे की गेंद को हिट करने के प्रयास में मिड-ऑफ पर कैच देकर पवेलियन लौटे। उन्होंने बीती शाम इसी गेंदबाज की लगातार गेंदों पर दो गगनचुंबी छक्के जड़े थे।
लंच के बाद शॉ ने एक छोर संभाले रखा, उन्होंने प्रज्ञान ओझा (27) के साथ सातवें विकेट के लिये 58 रन तथा डिंडा के साथ अगले विकेट के लिये 78 रन की भागीदारी की। डिंडा ने 42 गेंद की पारी में 10 चौके जड़े।
पांडे ने डिंडा को आउट करके शॉ की पारी का अंत किया जबकि साकुरे ने वीरप्रताप सिंह का विकेट हासिल किया।
बंगाल ने 788 का असंभव लक्ष्य का पीछा करते हुए अंतिम दिन तीन विकेट पर 113 रन से आगे खेलना शुरू किया, उसने तिवारी (124), शॉ (118) और अशोक डिंडा (52) की बदौलत चाय के सत्र तक चुनौती बनाए रखी, लेकिन फिर पूरी टीम 432 रन पर सिमट गई।
ईश्वर पांडे ने फिर मध्य प्रदेश के लिए गेंदबाजी की अगुवाई की और 93 रन देकर चार विकेट हासिल किए। उन्होंने पहली पारी में 45 रन देकर चार विकेट प्राप्त किए थे जबकि आगाज कर रहे तेज गेंदबाज चंद्रकांत साकुरे ने 6 विकेट चटकाए, जिसमें दूसरी पारी के 114 रन पर तीन विकेट भी शामिल हैं। मध्य प्रदेश ने इस तरह टूर्नामेंट में बंगाल के खिलाफ नौ मुकाबलों में दूसरी जीत दर्ज की।
जब अंतिम दिन का खेल शुरू हुआ तो सभी की दिलचस्पी इस बात पर थी कि क्या बंगाल पिछले साल का परिणाम प्राप्त कर सकता है, जिसमें उन्होंने मध्य प्रदेश को जीत से रोक दिया था। लगातार ओवरों में दो विकेट गिरने से उन्हें झटका, लेकिन तिवारी (161 गेंद में 14 चौके और तीन छक्के) और शॉ (137 गेंद में 13 चौके और चार छक्के) ने छठे विकेट के लिए 108 रन की भागीदारी निभाकर चुनौती जारी रखी। शॉ आउट होने वाले अंतिम बल्लेबाज रहे।
तिवारी लंच से सात मिनट पहले पांडे की गेंद को हिट करने के प्रयास में मिड-ऑफ पर कैच देकर पवेलियन लौटे। उन्होंने बीती शाम इसी गेंदबाज की लगातार गेंदों पर दो गगनचुंबी छक्के जड़े थे।
लंच के बाद शॉ ने एक छोर संभाले रखा, उन्होंने प्रज्ञान ओझा (27) के साथ सातवें विकेट के लिये 58 रन तथा डिंडा के साथ अगले विकेट के लिये 78 रन की भागीदारी की। डिंडा ने 42 गेंद की पारी में 10 चौके जड़े।
पांडे ने डिंडा को आउट करके शॉ की पारी का अंत किया जबकि साकुरे ने वीरप्रताप सिंह का विकेट हासिल किया।
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