मुंबई:
महान बल्लेबाज और राज्यसभा सांसद सचिन तेंदुलकर ने खेलों को शिक्षण व्यवस्था में शामिल करने के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जताई है।
तेंदुलकर ने मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल को पिछले सप्ताह लिखे पत्र में कहा कि युवा पीढ़ी में प्रतिभाओं को तलाशने और तराशने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों में खेलों की अनदेखी की जा रही है।
तेंदुलकर ने कॉलेज और यूनिवर्सिटी स्तर पर खेलों के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए एक रोडमैप भी दिया है। मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि उन्हें विस्तार से बातचीत के लिये बुलाया गया है। खेलों को शैक्षणिक पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने के उनके सुझाव पर एनसीईआरटी और सीबीएसई गौर करेंगे।
अधिकारी ने कहा कि सिब्बल इस प्रस्ताव पर तेंदुलकर से बात करेंगे। सिब्बल ने कहा, ‘‘हम सचिन तेंदुलकर के प्रस्ताव का स्वागत करते हैं और मैने उन्हें बातचीत के लिये न्यौता भेज दिया है।’’ मंत्रालय के अधिकारियों ने खेलों को अनिवार्य गतिविधि बनाने के सचिन के प्रस्ताव पर भी सहमति जताई। फिलहाल शैक्षणिक पाठ्यक्रम में खेल पाठ्येत्तर गतिविधि है।
तेंदुलकर ने मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल को पिछले सप्ताह लिखे पत्र में कहा कि युवा पीढ़ी में प्रतिभाओं को तलाशने और तराशने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों में खेलों की अनदेखी की जा रही है।
तेंदुलकर ने कॉलेज और यूनिवर्सिटी स्तर पर खेलों के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए एक रोडमैप भी दिया है। मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि उन्हें विस्तार से बातचीत के लिये बुलाया गया है। खेलों को शैक्षणिक पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने के उनके सुझाव पर एनसीईआरटी और सीबीएसई गौर करेंगे।
अधिकारी ने कहा कि सिब्बल इस प्रस्ताव पर तेंदुलकर से बात करेंगे। सिब्बल ने कहा, ‘‘हम सचिन तेंदुलकर के प्रस्ताव का स्वागत करते हैं और मैने उन्हें बातचीत के लिये न्यौता भेज दिया है।’’ मंत्रालय के अधिकारियों ने खेलों को अनिवार्य गतिविधि बनाने के सचिन के प्रस्ताव पर भी सहमति जताई। फिलहाल शैक्षणिक पाठ्यक्रम में खेल पाठ्येत्तर गतिविधि है।
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