पाकिस्तान के खिलाफ 2003 विश्व कप का मैच मेरे जीवन का सर्वश्रेष्ठ : सचिन तेंदुलकर

सचिन तेंदुलकर की फाइल तस्वीर

नई दिल्ली:

छह विश्व कप खेल चुके चैम्पियन क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने शनिवार को कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ 2011 विश्वकप का सेमीफाइनल सबसे ज्यादा दबाव वाला मैच था लेकिन टूर्नामेंट में उनका सर्वश्रेष्ठ मैच 2003 में पाकिस्तान के खिलाफ विश्वकप का मैच रहा।

तेंदुलकर ने कहा, ‘‘मोहाली में विश्वकप 2011 सेमीफाइनल मेरे जीवन का सबसे दबाव वाला मैच था। अलग ही तरह का अनुभव था जिसे बयां कर पाना मुश्किल है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि इससे बेहतर विश्व कप मैच मैने खेला होगा।’’

भारत को रविवार को विश्वकप का पहला मैच पाकिस्तान से खेलना है और तेंदुलकर ने कहा कि चिर प्रतिद्वंद्वी का सामना करने का अहसास अलग ही है।

उन्होंने एक चैनल से कहा, ‘‘विश्वकप से साल भर पहले ही से लोगों की रुचि पैदा होने लगती है। लोग हमसे कहने लगते हैं कि यह मैच जरूर जीतना है। बाद में चाहे जो भी हो, हम उसकी परवाह नहीं करते। शुक्र है कि हम उस तरीके से नहीं सोचते।’’ तेंदुलकर ने कहा कि भारत पाकिस्तान के पांच विश्वकप मैचों में स्टेडियम के भीतर जबर्दस्त ऊर्जा देखने को मिलती है।

पाकिस्तान के खिलाफ तीन बार मैन ऑफ द मैच रह चुके इस बल्लेबाज ने कहा, ‘‘मैच के बाद का जश्न, परिवार और दोस्तों से बात करना। पूरा देश उस मैच का जश्न मना रहा होता है।’’

विश्वकप 2003 में शोएब अख्तर के ओवर के बारे में तेंदुलकर ने कहा, ‘‘हमें पता था कि हम पाकिस्तान के खिलाफ पहले दौर का मुकाबला जीत चुके हैं और हमने उन्हें बैकफुट पर ला दिया है।’’ शोएब के उस ओवर में तेंदुलकर ने 18 रन बनाये थे। यह पूछने पर कि वह भारत-पाकिस्तान मैच का दबाव कैसे झेलते थे, उन्होंने कहा, ‘‘मैं मैच से पहले अपने कमरे में ही रहने की कोशिश करता हूं। अपने ख्यालों में और अपनी दुनिया में। मुझे अपना सामान पहले ही बांध लेने की आदत है। मैं अंतिम समय में ऐसा नहीं करता। यह सब तैयारी का हिस्सा है।’’

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तेंदुलकर ने कहा कि वह संगीत सुनते रहते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं हर तरह का संगीत सुनता हूं.. किशोर कुमार, लता मंगेशकर, आशा भोसले, मोहम्मद रफी से लेकर यू टू, डायर स्ट्रेट्स, सोनू निगम।’’ पाकिस्तानी खिलाड़ियों से अपने संबंधों के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘मैदान के बाहर हम दुश्मन नहीं हैं। जब हम एक दूसरे से खेलते हैं तो हम जीतना चाहते हैं। यह मायने नहीं रखता कि वसीम और मैं दोस्त हैं या नहीं। हम मैदान के बाहर एक दूसरे का सम्मान करते हैं।’’