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एमएस धोनी के 100 करोड़ मानहानि मामले में मद्रास हाई कोर्ट ने दिया सुनवाई शुरू करने का आदेश

MS Dhoni’s 100-crore defamation suit: मद्रास उच्च न्यायालय ने सोमवार को आदेश दिया कि भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी द्वारा दायर 10 साल पुराने मानहानि के मुकदमे में सुनवाई शुरू की जाए.

एमएस धोनी के 100 करोड़ मानहानि मामले में मद्रास हाई कोर्ट ने दिया सुनवाई शुरू करने का आदेश
MS Dhoni: मद्रास हाई कोर्ट ने दिया सुनवाई शुरू करने का आदेश
  • एमएस धोनी ने 2014 में कुछ मीडिया संस्थानों और पत्रकारों के खिलाफ 100 करोड़ रुपये की मानहानि का दावा किया था.
  • धोनी ने 2013 आईपीएल सट्टेबाजी घोटाले के दौरान उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने वाली टिप्पणी करने का आरोप लगाया था.
  • मद्रास उच्च न्यायालय ने धोनी के दावे पर ट्रायल शुरू करने के आदेश दिए हैं.
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MS Dhoni's 100-crore defamation suit: पूर्व भारतीय कप्तान एमएस धोनी वैसे तो कम बोलते हैं और विवाद और कई मसलों पर उनकी प्रतिक्रियाएं भी कम ही आती हैं. लेकिन क्रिकेट खेलते वक्त और क्रिकेट के बाहर भी वो कई मुद्दों को लेकर कड़े फ़ैसले भी लेते नज़र आए हैं. धोनी ने कुछ मीडिया संस्थानों और पत्रकार पर मानहानि का दावा करते हुए एक दशक पहले कोर्ट का रुख किया था, जिस मसले को लेकर अदालती कार्रवाई में हलचल तेज़ हो गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मद्रास उच्च न्यायालय ने सोमवार को आदेश दिया कि धोनी द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे में ट्रायल शुरू किया जाए. धोनी इससे पहले आम्रपालि बिल्डर्स ग्रुप के खिलाफ भी वो सुप्रीम कोर्ट तक का रुख कर चुके हैं. 

क्या है ये मसला?

करीब 10 साल पहले एमएस धोनी ने कुछ मीडिया संस्थानों और पत्रकार पर 100 करोड़ रुपये की मानहानि का दावा ठोका था. मद्रास हाई कोर्ट ने उन मसलों पर कार्रवाई की इजाज़त दे दी है. धोनी ने 2014 में एक केस दर्ज किया जिसमें दो प्रमुख मीडिया चैनलों के साथ पत्रकार से मानहानि की क्षतिपूर्ति के लिए ₹100 करोड़ की मांग की गई. इस केस में आरोप लगाया गया कि 2013 के IPL सट्टेबाजी घोटाले पर टीवी डिबेट के दौरान उनके खिलाफ उनकी छवि और मान को नुकसान पहुंचाने के इरादे से टिप्पणियां की गईं.

क्या है बैकग्राउंड?

2013 में हुई थी IPL में हुई स्पॉट फिक्सिंग की जांच का असर IPL टूर्नामेंट, उसकी दो टीमों और कई खिलाड़ियों पर बड़े स्तर पर पड़ा. चेन्नई और राजस्थान टीमों को इसका भारी नुकसान हुआ. दोनों टीमों, को लोढा कमिटी की सिफारिश पर 2016 और 2017 में दो साल के लिए बैन कर दिया गया था.  

BCCI के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के दामाद, टीम चेन्नई सुपर किंग्स के हेड गुरुनाथ मयप्पन और शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा जैसे बड़े नाम इसके लपेटे में आये और IPL  की छवि दागदार होती दिखी. राजस्थान रॉयल्स के 3 खिलाड़ी एस. श्रीसंत, अंकित चव्हाण और अजीत चंदीला गिरफ्तार तक हो गए. 

चेन्नई टीम का कप्तान होने की वजह से इसके छींटे एमएस धोनी पर भी पड़े. IPL में सबसे ज़्यादा 278 मैच और सबसे ज़्यादा 100 मैच जीतने वाले कप्तान धोनी को 2 साल चेन्नई के बजाए पुणे टीम से मैच खेलना पड़ा. लेकिन धोनी पर निजी तौर पर कोई आरोप साबित नहीं हुआ. जबकि, धोनी के पक्ष का दावा है कि मीडिया के कई संस्थान उनपर टिप्पणी करते वक्त सीमा रेखा लांघते दिखे. 

कब कोर्ट आएंगे एमएसडी?

पूर्व भारतीय कप्तान एमएस धोनी के 100 करोड़ रुपए मानहानि केस में मद्रास हाई कोर्ट ने सुनवाई करने के आदेश दिए हैं. धोनी का बयान एडवोकेट कमिश्नर के माध्यम से रिकॉर्ड किया जाएगा. ऐसे में कोर्ट में बहुत ज़्यादा भीड़ के हालात से बचा जा सकेगा. द हिंदू के अनुसार, धोनी ने अदालत से कहा है कि वह इस साल 20 अक्टूबर से 10 दिसंबर के बीच क्रॉस एक्ज़ामिनेशन के लिए उपलब्ध होंगे.

फास्ट ट्रायल की उम्मीद

इस केस के ट्रायल्स अब तेज़ रफ्तार से होने की उम्मीद की जा रही है. इसके लिए जस्टिस सीवी कार्तिकेयन ने एक एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया है. ये एडवोकेट कमिश्नर एमएस धोनी की ओर गवाह, सबूत और बयान दर्ज करेंगे. धोनी ने हलफनामे में कहा कि वे कोर्ट और कमिश्नर के निर्देशों का पालन करेंगे और चाहते हैं कि ट्रायल में देरी न हो.

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