एमएस धोनी ने क्वार्टरफाइनल में छक्का लगाकर टीम को जीत दिलाई थी...
नई दिल्ली:
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में झारखंड टीम ने नई ऊंचाई छूने की कोशिश की, लेकिन दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान में विजय हजारे वनडे ट्रॉफी के सेमीफाइनल में वह 41 रन से हार गई. बंगाल के साथ हुए इस मुकाबले में उसके सामने 330 रनों का विशाल लक्ष्य था, लेकिन एमएस धोनी और इशांक जग्गी की तूफानी पारियों के बावजूद उसे हार का सामना करना पड़ा. धोनी ने टॉस जीतने के बाद बंगाल के कप्तान मनोज तिवारी को बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया. बंगाल ने 50 ओवर में 4 विकेट पर 329 रन बनाए. अजबाव में धोनी की टीम झारखंड 50 ओवर में 288 रन ही बना पाई. एमएस धोनी ने 60 गेंदों में 70 रन बनाए. धोनी ने दो चौके और चार छक्के उड़ाए. इशांक जग्गी ने 43 गेंदों में 59 रन (3 चौके, 3 छक्के) बनाए. दोनों के बीच 97 रनों की साझेदारी हुई.
झारखंड की शुरुआत अच्छी नहीं रही. उनका पहला विकेट 20 रन पर ही गिर गया, जब ओपनर प्रत्यूष सिंह 10 रन बनाकर चलते बने. बड़े लक्ष्य को देखते हुए झारखंड के बल्लेबाजों को तेजी से रन बनाने की जरूरत थी, लेकिन बंगाल के गेंदबाजों ने उन पर दबाव बनाए रखा और 56 रन पर दूसरा विकेट झटक लिया. विराट सिंह 24 रन बनाकर आउट हुए, जबकि कुमार देवव्रत ने भी धीमी बल्लेबाजी की और 53 गेंदों पर 37 रन बनाए. इसके बाद सौरव तिवारी ने 57 गेंदों में 48 रन बनाए, जिसमें तीन चौके और दो छक्के लगाए. उन्होंने धोनी के साथ 54 रन जोड़े.
बंगाल की ओर से कप्तान मनोज तिवारी 49 गेंदों में 75 रन बनाकर नाबाद रहे, जबकि उनके दोनों ओपनर अभिमन्यु ईशवारण और श्रीवत्स गोस्वामी ने शतक जड़े. गौरतलब है कि यह मैच शुक्रवार को ही होना था, लेकिन जिस होटल में धोनी की टीम ठहरी थी उसके कैंपस में आग लग जाने के कारण मैच स्थगित कर दिया गया था.
बंगाल के दोनों ओपनरों ने ठोका शतक
बंगाल को ओपनर श्रीवत्स गोस्वामी और अभिमन्यु ईशवारण ने शानदार शुरुआत दिलाई और धोनी के गेंदबाजों को कोई मौका नहीं दिया. दोनों ने पहले विकेट के लिए 198 रनों की साझेदारी करके टीम को बड़े स्कोर की ओर अग्रसर कर दिया. गोस्वामी ने 99 गेंदों में 101 रन बनाए, जिसमें 11 चौके और एक छक्का लगाया. उनको मोनू कुमार ने देवव्रत से कैच कराया. इसके बाद अन्य ओपनर अभिमन्यु ईशवारण ने भी 121 गेंदों में 101 रन बना दिए. उन्होंने सात चौके और एक छक्का लगाया. तीसरा विकेट अग्निव पन का गिरा. उन्होंने 19 रन बनाए. इसके बाद कप्तान मनोज तिवारी ने 49 गेंदों में 75 रन ठोक कर टीम का स्कोर 329 रन तक पहुंचा दिया. तिवारी ने सात चौके और दो छक्के लगाए.
फिरोजशाह कोटला मैदान पर खेला जा रहा यह मैच पहले पालम के वायुसेना मैदान पर होना था. शुक्रवार को होटल में हुई घटना के बाद इसे यहां स्थानांतरित कर दिया गया. महेंद्र सिंह धोनी की मौजूदगी को देखते हुए कोटला मैदान की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है.
आग से सुरक्षित निकाला गया था
धोनी के साथियों को दिल्ली के द्वारका क्षेत्र के स्थित एक पांच सितारा होटल से सुरक्षित निकाला गया जब वहां शुक्रवार सुबह आग लग गई. वैसे तो दोनों ही टीमें मैदान पर पहुंच गई थीं, लेकिन धोनी की टीम झारखंड के खिलाड़ी मानसिक रूप से परेशान थे इसलिए बीसीसीआई ने उन्हें मानसिक रूप से उबरने के लिए एक दिन का समय दिया. धोनी और टीम के उनके साथी आईटीसी वेलकम होटल में नाश्ता कर रहे थे जब आपात स्थिति में उन्हें बचाया गया. पुलिस सूत्रों के अनुसार होटल में लगभग 540 अतिथि थे. झारखंड के कोच राजीव कुमार ने कहा था, ‘हां, यह डरावना था क्योंकि सुबह तड़के आग लगी. हमें होटल से बाहर निकाला गया और मैदान में लाया गया.’ मैच रैफरी ने मैच स्थगित करने का फैसला किया क्योंकि टीम की किट होटल में थी और मैच शुरू नहीं किया जा सकता था.
क्वार्टर में विदर्भ को हराया
एमएस धोनी की अगुवाई वाली झारखंड टीम विदर्भ को छह विकेट से हराकर विजय हजारे ट्राफी क्रिकेट टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पहुंची थी. धोनी ने अपनी चिरपरिचित शैली में छक्का लगाकर टीम को जीत दिलाई थी. पूर्व कप्तान धोनी 27 गेंदों में 1 चौका और 1 छक्का लगाकर 18 रन पर नाबाद रहे थे. विदर्भ ने पहले बल्लेबाजी करते हुए नौ विकेट पर 159 रन बनाए थे. जबाव में झारखंड की टीम ने 4 विकेट के नुकसान पर 29 गेंद शेष रहते हुए मैच जीत लिया था.
तमिलनाडु पहुंच चुका है फाइनल में
तमिलनाडु ने विजय हजारे ट्रॉफी क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल में स्थान बना लिया है. विकेटकीपर दिनेश कार्तिक (77)और कप्तान विजय शंकर (नाबाद 53)के अर्धशतकों की बदौलत तमिलनाडु ने वडोदरा को छह विकेट से हराया. तमिलनाडु अगर यह खिताब जीतने में सफल रहा तो यह उसका पांचवां खिताब होगा. इससे पहले 2009-10 सीजन में तमिलनाडु की टीम फाइनल में पहुंची थी.
झारखंड की शुरुआत अच्छी नहीं रही. उनका पहला विकेट 20 रन पर ही गिर गया, जब ओपनर प्रत्यूष सिंह 10 रन बनाकर चलते बने. बड़े लक्ष्य को देखते हुए झारखंड के बल्लेबाजों को तेजी से रन बनाने की जरूरत थी, लेकिन बंगाल के गेंदबाजों ने उन पर दबाव बनाए रखा और 56 रन पर दूसरा विकेट झटक लिया. विराट सिंह 24 रन बनाकर आउट हुए, जबकि कुमार देवव्रत ने भी धीमी बल्लेबाजी की और 53 गेंदों पर 37 रन बनाए. इसके बाद सौरव तिवारी ने 57 गेंदों में 48 रन बनाए, जिसमें तीन चौके और दो छक्के लगाए. उन्होंने धोनी के साथ 54 रन जोड़े.
बंगाल की ओर से कप्तान मनोज तिवारी 49 गेंदों में 75 रन बनाकर नाबाद रहे, जबकि उनके दोनों ओपनर अभिमन्यु ईशवारण और श्रीवत्स गोस्वामी ने शतक जड़े. गौरतलब है कि यह मैच शुक्रवार को ही होना था, लेकिन जिस होटल में धोनी की टीम ठहरी थी उसके कैंपस में आग लग जाने के कारण मैच स्थगित कर दिया गया था.
बंगाल के दोनों ओपनरों ने ठोका शतक
बंगाल को ओपनर श्रीवत्स गोस्वामी और अभिमन्यु ईशवारण ने शानदार शुरुआत दिलाई और धोनी के गेंदबाजों को कोई मौका नहीं दिया. दोनों ने पहले विकेट के लिए 198 रनों की साझेदारी करके टीम को बड़े स्कोर की ओर अग्रसर कर दिया. गोस्वामी ने 99 गेंदों में 101 रन बनाए, जिसमें 11 चौके और एक छक्का लगाया. उनको मोनू कुमार ने देवव्रत से कैच कराया. इसके बाद अन्य ओपनर अभिमन्यु ईशवारण ने भी 121 गेंदों में 101 रन बना दिए. उन्होंने सात चौके और एक छक्का लगाया. तीसरा विकेट अग्निव पन का गिरा. उन्होंने 19 रन बनाए. इसके बाद कप्तान मनोज तिवारी ने 49 गेंदों में 75 रन ठोक कर टीम का स्कोर 329 रन तक पहुंचा दिया. तिवारी ने सात चौके और दो छक्के लगाए.
फिरोजशाह कोटला मैदान पर खेला जा रहा यह मैच पहले पालम के वायुसेना मैदान पर होना था. शुक्रवार को होटल में हुई घटना के बाद इसे यहां स्थानांतरित कर दिया गया. महेंद्र सिंह धोनी की मौजूदगी को देखते हुए कोटला मैदान की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है.
आग से सुरक्षित निकाला गया था
धोनी के साथियों को दिल्ली के द्वारका क्षेत्र के स्थित एक पांच सितारा होटल से सुरक्षित निकाला गया जब वहां शुक्रवार सुबह आग लग गई. वैसे तो दोनों ही टीमें मैदान पर पहुंच गई थीं, लेकिन धोनी की टीम झारखंड के खिलाड़ी मानसिक रूप से परेशान थे इसलिए बीसीसीआई ने उन्हें मानसिक रूप से उबरने के लिए एक दिन का समय दिया. धोनी और टीम के उनके साथी आईटीसी वेलकम होटल में नाश्ता कर रहे थे जब आपात स्थिति में उन्हें बचाया गया. पुलिस सूत्रों के अनुसार होटल में लगभग 540 अतिथि थे. झारखंड के कोच राजीव कुमार ने कहा था, ‘हां, यह डरावना था क्योंकि सुबह तड़के आग लगी. हमें होटल से बाहर निकाला गया और मैदान में लाया गया.’ मैच रैफरी ने मैच स्थगित करने का फैसला किया क्योंकि टीम की किट होटल में थी और मैच शुरू नहीं किया जा सकता था.
क्वार्टर में विदर्भ को हराया
एमएस धोनी की अगुवाई वाली झारखंड टीम विदर्भ को छह विकेट से हराकर विजय हजारे ट्राफी क्रिकेट टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पहुंची थी. धोनी ने अपनी चिरपरिचित शैली में छक्का लगाकर टीम को जीत दिलाई थी. पूर्व कप्तान धोनी 27 गेंदों में 1 चौका और 1 छक्का लगाकर 18 रन पर नाबाद रहे थे. विदर्भ ने पहले बल्लेबाजी करते हुए नौ विकेट पर 159 रन बनाए थे. जबाव में झारखंड की टीम ने 4 विकेट के नुकसान पर 29 गेंद शेष रहते हुए मैच जीत लिया था.
तमिलनाडु पहुंच चुका है फाइनल में
तमिलनाडु ने विजय हजारे ट्रॉफी क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल में स्थान बना लिया है. विकेटकीपर दिनेश कार्तिक (77)और कप्तान विजय शंकर (नाबाद 53)के अर्धशतकों की बदौलत तमिलनाडु ने वडोदरा को छह विकेट से हराया. तमिलनाडु अगर यह खिताब जीतने में सफल रहा तो यह उसका पांचवां खिताब होगा. इससे पहले 2009-10 सीजन में तमिलनाडु की टीम फाइनल में पहुंची थी.
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