मुंबई वनडे में बाएं हाथ के गेंदबाज ट्रेंट बोल्ट ने भारतीय बल्लेबाजों को काफी परेशानी किया (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
टीम इंडिया के दिग्गज बल्लेबाज़ों ने वैसे तो पूरी दुनिया में धूम मचाई है.रोहित शर्मा, शिखर धवन और कप्तान विराट कोहली की प्रतिभा का लोहा हर कोई मानता है. लेकिन मुंबई में ट्रेंट बोल्ट ने जो किया, उसने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या बाएं के तेज़ गेंदबाज़ भारतीय बल्लेबाज़ों की कमज़ोरी हैं? मुंबई में ट्रेंट बोल्ट ने रोहित और शिखर को सस्ते में पेवेलियन भेजा तो विराट भी बोल्ट के गेंदों को संभलकर खेलते हुए ही नज़र आए. बोल्ट ने 10 ओवर की गेंदबाज़ी में सिर्फ़ 35 रन दिए और 4 विकेट हासिल किए. पिछले कुछ सालों में ये कई बार देखा गया है कि बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ टीम इंडिया को लिए परेशानी खड़ी करते हैं और हैरान करने वाले नतीजे सामने आते हैं. 2017 चैंपियंस ट्रॉफ़ी के फ़ाइनल में बाएं हाथ के तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर ने टॉप 3 बल्लेबाज़ों को आउट किया. 2015 में मुस्तफ़िजुर रहमान के कारण टीम इंडिया पहली बार बांग्लादेश में सीरीज़ हार गई. इसी तरह वर्ष 2017 ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ टी 20 सीरीज़ के दूसरे मैच में जेसन बेहरेनडॉर्फ़ ने 4 विकेट लेकर भारतीय टीम को हार के लिए मजबूर कर दिया. टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और Ndtv के क्रिकेट एक्सपर्ट सुनील गावस्कर भी मानते हैं कि हाल के दिनों में बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ों के सामने ये परेशानी खुलकर सामने आई हैं. गावस्कर के मुताबिक "बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ खासतौर पर, जो गेंद को अंदर लेकर आते हैं, वे परेशान करते हैं. इसका एक हल ये है कि मिडिल स्टंप के बजाए लेग स्टंग का गार्ड लीजिए, इससे एलबीडब्लू होने का चांस कम हो जाता है. पहले 7-8 ओवर संभलकर खेल लो तो फिर परेशानी नहीं होगी, क्योंकि सफ़ेद गेंद फिर स्विंग नहीं होती."
वीडियो: गावस्कर बोले, निडर गेंदबाज हैं कुलदीप और चहल
आंकड़े भी इस बात की ओर इशारा करते हैं कि बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ टीम इंडिया के लिए परेशानी का सबब हैं. साल 2014 से लकर अभी तक रोहित शर्मा 11 बार बाएं हाथ के गेंदबाज़ का शिकार बने हैं. शिखर को 10 बार लेफ्ट आर्म तेज़ गेंदबाज़ ने पेवेलियन लौटाया. महेंद्र सिंह धोनी के साथ ऐसा 8 और विराट कोहली के साथ 6 बार हो चुका है. इस समस्या का कोई आसान हल तो नहीं है, लेकिन नेट्स ने अच्छे बाए हाथ के तेंज़ गेंदबाज़ों के निरंतर खेलने से ऐसे गेंदबाज़ों के खिलाफ़ तैयारी ज़रूर की जा सकती है. कुछ उसी तरीके से जैसे ज़हीर खान को नेट्स में खेलकर सचिन एंड कंपनी ने मिचेल जॉनसन और चमिंडा वास का तोड़ ढूंढा था.
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आंकड़े भी इस बात की ओर इशारा करते हैं कि बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ टीम इंडिया के लिए परेशानी का सबब हैं. साल 2014 से लकर अभी तक रोहित शर्मा 11 बार बाएं हाथ के गेंदबाज़ का शिकार बने हैं. शिखर को 10 बार लेफ्ट आर्म तेज़ गेंदबाज़ ने पेवेलियन लौटाया. महेंद्र सिंह धोनी के साथ ऐसा 8 और विराट कोहली के साथ 6 बार हो चुका है. इस समस्या का कोई आसान हल तो नहीं है, लेकिन नेट्स ने अच्छे बाए हाथ के तेंज़ गेंदबाज़ों के निरंतर खेलने से ऐसे गेंदबाज़ों के खिलाफ़ तैयारी ज़रूर की जा सकती है. कुछ उसी तरीके से जैसे ज़हीर खान को नेट्स में खेलकर सचिन एंड कंपनी ने मिचेल जॉनसन और चमिंडा वास का तोड़ ढूंढा था.
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