राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन की हंगामेदार ईजीएम के बाद पठान समूह ने मोदी को निकाला

फाइल फोटो

जयपुर:

राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन की विशेष बैठक के दौरान आज जमकर हंगामा हुआ। आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी विरोधी अमीन पठान गुट ने यह बैठक एसोसिएशन के अध्यक्ष ललित मोदी के खिलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के लिए बुलाई थी, जहां एक के मुकाबले 17 वोटों से उन्हें इस पद से हटा दिया गया।

खेल परिषद के प्रमुख जेसी महांती की अध्यक्षता में हुई ईजीएम काफी हंगामेदार रही। मोदी गुट ने आरोप लगाया कि उनके वोटरों को लेकर आ रही गाड़ियों पर विरोधी गुट के हथियारबंद उपद्रवियों ने हमला किया। कई जिला अधिकारी बुरी तरह से घायल हो गए और उन्हें देर से पहुंचने के कारण बैठक में भाग नहीं लेने दिया गया।

दूसरी ओर स्वास्थ्य सचिव और राजस्थान खेल विभाग के प्रभारी महांती ने कहा कि ईजीएम 11 फरवरी के हाईकोर्ट के फैसले के तहत बुलाई गई और निर्धारित समय पर 11 बजे शुरू हुई। उन्होंने कहा कि उस समय 33 में से 23 जिला ईकाइयां ही मौजूद थी। इनमें से अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 17 वोट पड़े, जबकि एक वोट उसके खिलाफ गया।

मोदी गुट के सीनियर सदस्य और झुंझनू जिला संघ के सचिव राजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि यह सोची समझी साजिश थी। उन्होंने कहा, 'हमें 17 जिलों का समर्थन हासिल था, लेकिन हमारी बसों पर हमला किया गया। ईजीएम में पहुंचने की कोई समय सीमा नहीं था और इसका समय 11 से दो बजे तक था। खेल परिषद द्वारा तय शर्तों में कहा गया कि वोटिंग 12 बजे होगी, लेकिन हमें यह कहकर प्रवेश नहीं दिया गया कि देरी हो चुकी है। हम बैठक स्थल के बाहर ही बैठे थे और नतीजे घोषित कर दिए गए।'

मोदी गुट के आरोपों के बारे में पूछने पर महांती ने कहा कि बैठक 11 बजे शुरू हो गई थी और उसके बाद किसी को प्रवेश नहीं दिया गया। उन्होंने कहा, '11 बजे 23 सदस्य मौजूद थे और हमने उसी संख्या के आधार पर गणना की। इनमें से पांच विवादित थे और 18 ने मतदान किया। इनमें से 17 अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में और एक खिलाफ पड़ा।' जिला सदस्यों की गाड़ियों पर हमले के बारे में पूछने पर कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है।

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उन्होंने कहा, 'मुझे हाईकोर्ट ने काम सौंपा था। स्टेडियम के बाहर जो हुआ, वह मेरे कार्यक्षेत्र में नहीं है। मुझे कुछ पदाधिकारियों ने इस बारे में पत्र लिखा लेकिन अदालत इस पर गौर करेगी। उस समय तक बैठक शुरू हो चुकी थी और उसके बाद किसी को अनुमति नहीं दी गई।' मोदी, उपाध्यक्ष महमूद अब्दी, सचिव सुमेंद्र तिवारी और कोषाध्यक्ष पवन गोयल के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव से इन शीर्ष चार पदों पर नए सिरे से चुनाव होंगे।