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This Article is From Nov 21, 2016

INDvsENG : जयंत यादव ने पहले ही टेस्ट में किया कमाल, उनके जीवन में दो मां का रहा है अहम रोल

INDvsENG : जयंत यादव ने पहले ही टेस्ट में किया कमाल, उनके जीवन में दो मां का रहा है अहम रोल
जयंत यादव को टेस्ट कैप रवि शास्त्री ने सौंपी थी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: इंग्लैंड के खिलाफ विशाखापटनम टेस्ट में कप्तान विराट कोहली ने पिछले मैच में फेल रहे लेग स्पिनर अमित मिश्रा की जगह ऑफ स्पिनर जयंत यादव को मौका दिया. यह उनका पहला टेस्ट मैच रहा. उन्होंने मौके का पूरा फायदा उठाते हुए पहली पारी में 35 रन, तो दूसरी पारी में 27 रनों की अहम पारी खेली और गेंद से भी कमाल करते हुए कुल 4 विकेट (पहली पारी में एक और दूसरी पारी में 3 विकेट) झटककर अपनी उपयोगिता साबित की. इससे पहले उन्हें न्यूजीलैंड के खिलाफ कोलकाता टेस्ट में स्टैंडबाय के रूप में रखा गया था, लेकिन खेलने का मौका नहीं मिला था. इसके बाद उन्हें न्यूजीलैंड के ही खिलाफ वनडे सीरीज के विशाखापटनम में ही खेले गए अंतिम मैच में पहला वनडे खेलने का मौका मिला और उन्होंने 4 ओवर में 8 रन देकर एक विकेट लिया था.

जयंत यादव एक ही मैदान पर अंतरराष्ट्रीय वन-डे और टेस्ट डेब्यू करने वाले चुनिंदा क्रिकेटरों के समूह में भी शामिल हो गए हैं. हालांकि वाइजैग वनडे उनके लिए एक दूसरी वजह से भी चर्चा में रहा था. इस मैच में टीम इंडिया के सभी खिलाड़ियों ने अपनी मां के नाम वाली जर्सी पहनी थी. जाहिर है जयंत यादव ने भी ऐसा किया, लेकिन जब जर्सी पर लिखने के लिए नाम मांगे गए, तो इस खिलाड़ी ने अपनी जर्सी पर 'मां' के दो नाम लिखने मांग रख दी. हम आपको बता रहे हैं कि आखिर जयंत ने ऐसा क्यों किया और क्या उनकी मांग पूरी हुई... साथ ही उनके क्रिकेट करियर के बारे में कुछ खास बाते...

न्यूजीलैंड के खिलाफ अंतिम वनडे में खिलाड़ियों की जर्सी पर मां का नाम लिखने के पीछे का मकसद जीवन में महिलाओं की महत्ता और उनके प्रति सम्मान को दिखाना था. टीम इंडिया ने इसके माध्यम से पुरुषों के जीवन में महिलाओं के महत्व को रेखांकित किया और उनके प्रति नजरिया बदलने का संदेश भी दिया. जब जर्सी पर लिखने के लिए सभी खिलाड़ियों से उनकी मां के नाम मांग गए, तो जयंत यादव ने दो नाम दे दिए और उन्होंने इच्छा जाहिर की उनकी जर्सी पर दोनों नाम लिखे जाएं. आप सोच रहे होंगे कि आखिर जयंत दो नाम क्यों लिखवाना चाहते थे, तो इसका कारण यह रहा...

एक मां ने जन्म दिया, दूसरी ने पाला
वास्तव में, जयंत यादव को जन्म देने वाली मां का नाम लक्ष्मी है. हुआ यह कि कई साल पहले एक हवाई दुर्घटना में उनकी मां का देहांत हो गया था और फिर उनके पिता ने दूसरी शादी कर ली. उनकी दूसरी मां ज्योति यादव ने ही उनका पालन-पोषण किया. खास बात यह कि ज्योति ने जयंत का हर कदम पर साथ दिया. खुद जयंत इसे स्वीकार करते हैं और उन्हें उतना ही सम्मान देते हैं, जितना कि अपनी पहली मां को. उनके अनुसार दोनों ने उनके जीवन और करियर को संवारने में अहम योगदान दिया है. इसीलिए वह दोनों मां का नाम अपनी जर्सी पर चाहते थे. हालांकि तकनीकी कारणों से केवल उनकी पहली मां लक्ष्मी का नाम ही उनकी जर्सी पर लिखा गया...

आप मेरे दिल में रहती हैं...
मैच के बाद जयंत यादव से जब रवि शास्त्री ने इस बारे में पूछा, तो उन्होंने कहा कि वह चाहते थे कि उनकी दोनों मांओं का नाम जर्सी पर हो, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. फिर उन्होंने अपनी दूसरी मां के नाम संदेश में कहा था, 'भले ही आपका नाम जर्सी पर नहीं लिखा है, लेकिन आप मेरे दिल में रहती हैं.'

टीम इंडिया के पूर्व मैनेजर अनिरुद्ध चौधरी ने ट्वीट कर इस बारे में जानकारी देते हुए कहा था, 'उनका (जयंत की मां) का नाम लक्ष्मी था. ज्योति यादवजी उनकी दूसरी मां हैं. उन्होंने उन्हें (जयंत) अपने बच्चे की तरह पाला है. जयंत दोनों नाम अपनी पीठ (जर्सी के पीछे) पर चाहते थे.'
 
क्रिकेट करियर
न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में विशाखापटनम में खेले गए अंतिम मैच में जयंत यादव को खेलने का मौका मिला था और उन्होंने 4 ओवर में 8 रन देकर एक विकेट लिया. उन्होंने 42 प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं और उनके नाम पर 117 विकेट दर्ज हैं. ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई इंडिया-ए की ओर से जयंत ने अच्छा प्रदर्शन किया था. उन्होंने 6 मैचों में 9 विकेट लिए, जिनमें 44 रन देकर 3 विकेट उनका बेस्ट रहा. एक मैच में उन्होंने बल्ले से भी कमाल किया था और 46 रन बनाए थे. ऑस्ट्रेलिया-ए के खिलाफ दाएं हाथ के ऑफब्रेक गेंदबाज जयंत यादव ने साल 2011 में हरियाणा रणजी टीम से अपने फर्स्ट क्लास करियर की शुरुआत की थी. वह पिछले कई सत्र से अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. जयंत ने 2014-15 के सत्र में 32.2 के स्ट्राइक रेट से 33 विकेट लेकर चयनकर्ताओं का ध्यान अपनी ओर खींचा था. इसी प्रदर्शन की वजह से उन्हें लिस्ट-ए के मैचों के लिए इंडिया-ए टीम में भी मौका मिला.

सहवाग ने सौंपी कैप, उनके साथ बनाई थी सेंचुरी
जयंत यादव को टेस्ट कैप जहां टीम इंडिया के पूर्व कप्तान रवि शास्त्री ने सौंपी, वहीं वनडे कैप वीरेंद्र सहवाग ने सौंपी थी. उन्होंने पिछले रणजी सत्र में 21 विकेट लिए थे. इतना ही नहीं उन्होंने कर्नाटक के खिलाफ बल्लेबाजी में भी अपने हाथ दिखाए और सहवाग के साथ साझेदारी करते हुए शानदार शतक जड़ा था. जयंत टीम इंडिया के ऑफ स्पिनर आर अश्विन के फैन हैं. वे उनसे लगातार संपर्क में रहते हैं और समय-समय पर सलाह भी लेते रहते हैं. वे अपने तरकश में नई गेंदें लाने के लिए हमेशा सोचते और उन्हें आजमाते रहते हैं.

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