आईपीएल सट्टेबाजी और स्पॉट फिक्सिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए बीसीसीआई में एन श्रीनिवासन के दबदबे को एक झटके में खत्म कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले की 10 अहम बातों पर एक नज़र-
1. एन श्रीनिवासन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ सकते। बीसीसीआई अध्यक्ष पद पर श्रीनिवासन के बने रहने पर उनके व्यावसायिक हितों का टकराव है।
2. बीसीसीआई को अपना चुनाव 6 सप्ताह के अंदर कराना होगा।
3. सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई के नियम 6.2.4 को रद्द कर दिया है। इस नियम के चलते ही बोर्ड के सदस्यों को व्यावसायिक गतिविधियों में शामिल होने की इजाजत थी।
कोर्ट के इन तीनों फैसलों को अगर मिलाकर देखा जाए, तो श्रीनिवासन के लिए एक उम्मीद बचती है कि अगर वह चेन्नई सुपरकिंग्स से नाता पूरी तरह तोड़ लेते हैं, तो वह फिर बीसीसीआई चुनाव लड़ सकते हैं।
4. गुरुनाथ मयप्पन क्रिकेट में दिलचस्पी रखने वाले युवा नहीं थे, बल्कि चेन्नई सुपर किंग्स के अधिकारी थे।
5. मयप्पन सट्टेबाजी के मामले में दोषी हैं।
6. राजस्थान रॉयल्स के मालिक राज कुंद्रा भी सट्टेबाजी के दोषी हैं।
7. गुरुनाथ मयप्पन और राज कुंद्रा की सजा और दोनों टीमों की किस्मत पर फैसला एक स्वतंत्र समिति करेगी।
8. सुप्रीम कोर्ट ने तीन न्यायाधीशों की स्वतंत्र समिति भी बनाई है। जस्टिस आरएम लोढा के अलावा इस समिति में अशोक भान और आरवी रविंद्रन शामिल हैं।
9. तीन न्यायाधीशों की यह समिति छह महीने में अपना रिपोर्ट सौंपेगी।
10. भारतीय क्रिकेट बोर्ड एक सावर्जनिक इकाई है, ऐसे में उसे सारे कानून मानने होंगे।
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