आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट के पैनल ने अहम फैसला सुनाते हुए चेन्नई सुपरकिंग्स और राजस्थान रॉयल्स पर 2 साल का बैन लगाने की सिफारिश की है।
इसके साथ ही पैनल ने मयप्पन को सट्टेबाजी में शामिल बताते हुए, उन पर आजीवन बैन लगाया है। वहीं कुंद्रा को भी इस मामले में दोषी बताते हुए उन पर भी आजीवन पाबंदी लगाई है।
फैसले की बड़ी बातें
-जीवनभर क्रिकेट से दूर रहेंगे मयप्पन
-चेन्नई सुपरकिंग्स पर दो साल की पाबंदी
-राजस्थान रॉयल्स पर दो साल की पाबंदी
-इंडिया सीमेंट के शेयर 5 प्रतिशत गिरे
-राज कुंद्रा पर जीवनभर का बैन
जस्टिस लोढा की खास बातें
1.यह फैसला बीसीसीआई को लेना है कि CSK और RR को कोई और फ्रैंचाइज़ी खरीदे या नहीं
2.जस्टिस लोढा ने स्पष्ट किया, हमने बीसीसीआई की ओर से काम किया, कानून अपना काम खुद करेगा
3.मुद्गल कमेटी की रिपोर्ट में गुरुनाथ मयप्पन के खिलाफ जो कुछ भी था, हमने उसकी जांच की। मयप्पन के खिलाफ जांच अब भी जारी है।
4.चेन्नई सुपरकिंग्स और राजस्थान रॉयल्स पर दो-दो साल के प्रतिबंध की सिफारिश।
5.चेन्नई सुपरकिंग्स और राजस्थान रॉयल्स का निलंबन तत्काल प्रभाव से लागू होगा।
6.खेल की पवित्रता सबसे महत्वपूर्ण होनी ही चाहिए।
7.वर्ष 2013 में राजस्थान रॉयल्स के तीन खिलाड़ियों को फिक्सिंग के आरोपों में गिरफ्तार किया गया था, इस साल भी एक खिलाड़ी तक पहुंच बनाई गई। इससे ज़ाहिर है, राजस्थान रॉयल्स में सब कुछ ठीक नहीं है।
8.इंडिया सीमेंट्स और चेन्नई सुपरकिंग्स की हरकतों की वजह से खेल की पवित्रता प्रभावित हुई। प्रशंसकों के साथ धोखा किया गया है।
9.राज कुंद्रा और गुरुनाथ मयप्पन पर किसी भी तरह के क्रिकेट मैचों में शिरकत से आजीवन प्रतिबंध हैं।
10.हितों के टकराव और बीसीसीआई में सुधार पर हमने अभी कोई फैसला नहीं किया है।
दरअसल, इंडियन प्रीमियर लीग यानी आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग मामले की तह तक जाकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी बनाई थी।
इस फैसले के बाद बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मयप्पन और राजस्थान रॉयल्स के मालिकों में से एक राज कुंद्रा जिंदगीभर के लिए क्रिकेट से बाहर हो गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने जांच का पूरा ज़िम्मा सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस आर.एम. लोढ़ा की अध्यक्षता वाली कमेटी को सौंप रखा है।
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल 22 जनवरी को मयप्पन और कुंद्रा के खिलाफ सट्टेबाजी के आरोप साबित होने की बात कही थी और सीएसके के टीम प्रिंसिपल रहे मयप्पन और राजस्थान रॉयल्स के सह मालिक कुंद्रा की सजा के निर्धारण के लिए अपने तीन सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की एक समिति का गठन किया था। समिति के सदस्यों में न्यायमूर्ति अशोक भान, न्यायमूर्ति आर.वी. रवींद्रन भी शामिल हैं।
पैनल को 2013 के आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग व सट्टेबाजी प्रकरण की जांच सौंपी गई थी। कमेटी इस मामले में लिप्त सभी लोगों और फ्रेंचाइज़ी के खिलाफ पाए गए सबूत भी सौंपेगी। वैसे जिन लोगों पर मामला साबित होता है, वो भी न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगा सकते हैं।
क्या था पूरा मामला
स्पॉट फिक्सिंग का ये पूरा मामला आईपीएल सीज़न 6 से जुड़ा हुआ है, जब दिल्ली पुलिस ने मुंबई से पूर्व टेस्ट क्रिकेटर एस. श्रीसंत सहित राजस्थान रॉयल्स के 3 खिलाड़ियों को गिरफ्तार किया।
पुलिस के मुताबिक 2013 में मुंबई में राजस्थान रॉयल्स बनाम मुंबई इंडियंस, 5 मई को जयपुर में हुए राजस्थान रॉयल्स बनाम पुणे वॉरियर्स, और नौ मई को मोहाली में हुए राजस्थान रॉयल्स बनाम किंग्स इलेवन पंजाब के बीच मैचों में स्पॉट फिक्सिंग हुई थी।
आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग : कब-कब खुलीं परतें
उस वक्त इस मामले में तीन खिलाड़ियों और 11 सटोरियों को गिरफ़्तार किया गया था। धीरे-धीरे इस मामले में देश में क्रिकेट को चलाने वाले लोग भी जुड़ने लगे, जब पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मयप्पन की गिरफ्तारी हुई। बाद में इस मामले में दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में कुल 42 लोग आरोपी बने, जिनमें से 6 फरार हैं। 23 मई को मामले में सुनवाई पूरी हो चुकी है।
क्रिकेट प्रशासकों और खिलाड़ियों के अलावा इस मामले में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और छोटा शकील भी आरोपी हैं।
साथ में भाषा से इनपुट
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