यह ख़बर 01 मई, 2012 को प्रकाशित हुई थी

संगकारा-वाइट के धमाल से डेक्कन चार्जर्स 13 रन से जीता

खास बातें

  • डेक्कन चार्जर्स द्वारा दिए गए 187 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए पुणे वॉरियर्स की टीम निर्धारित ओवरों में पांच विकेट के नुकसान पर 173 रन ही बना सकी और मैच 13 रनों से हार गई।
कटक:

कप्तान कुमार संगकारा (82 रन) और कैमरन वाइट (74 रन) की आतिशी पारियों से डेक्कन चार्जर्स ने मंगलवार को यहां इंडियन प्रीमियर लीग मैच में पुणे वारियर्स को 13 रन से शिकस्त देकर टूर्नामेंट में दूसरी जीत दर्ज की।

संगकारा (82 रन, 52 गेंद में 10 चौके और दो छक्के) और वाइट (45 गेंद में चार चौके और इतने ही छक्के से 74 रन) के बीच तीसरे विकेट के लिये 157 रन की भागीदारी से चार विकेट पर 186 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया। यह आईपीएल के इतिहास में तीसरे विकेट के लिये सर्वश्रेष्ठ साझेदारी भी है।

इसके जवाब में पुणे वारियर्स की टीम कप्तान सौरव गांगुली (45 रन, 40 गेंद में पांच चौके और एक छक्का) और ऑस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क (41 रन, 31 गेंद में सात चौके) के बीच दूसरे विकेट के लिये 11.3 ओवर में 90 रन की साझेदारी के बावजूद 20 ओवर में पांच विकेट पर 173 रन ही बना सकी।

पुणे वारियर्स 10 मैचों में आठ अंक से तालिका में सातवें स्थान जबकि चार्जर्स नौ मैचों में पांच अंक से अंतिम और नौंवे स्थान पर बरकरार है। डेक्कन चार्जर्स ने पुणे वारियर्स के खिलाफ ही टूर्नामेंट में अपनी पहली जीत दर्ज की थी।

पुणे वारियर्स ने भी डेक्कन की तरह अपना पहला विकेट पहली गेंद पर मनीष पांडे (शून्य) के रूप में खोया। इसके बाद आईपीएल में पदार्पण कर रहे क्लार्क ने गांगुली का अच्छा साथ निभाया किन्तु वह 12वें ओवर की चौथी गेंद पर कैच आउट से बचने के बावजूद रन आउट हो गये।

अक्तूबर 2010 के बाद पहली बार किसी ट्वेंटी-20 मैच में खेल रहे क्लार्क ने वीर प्रताप सिंह की गेंद उठा दी लेकिन शिखर धवन इसे कैच नहीं कर सके जबकि वह गेंद के नीचे ही थे। वहीं अमित मिश्रा काफी सतर्क थे, उन्होंने तुंरत गेंद उठाकर विकेटकीपर पार्थिव पटेल की ओर फेंकी और क्लार्क दूसरा रन लेने के प्रयास में रन आउट हुए। अगले ही ओवर में टीम ने गांगुली का विकेट खो दिया जिससे कप्तान खुद काफी हताश दिखे।

स्टीव स्मिथ (नाबाद 47) और रोबिन उथप्पा (26 रन, 18 गेंद में एक चौका और एक छक्का) ने हालांकि अंत में कुछ अच्छे स्ट्रोक्स खेले, दोनों ने चौथे विकेट के लिये 36 गेंद में 62 रन की भागीदारी की, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।

टीम को अंतिम ओवर में 23 रन चाहिए थे। पहली गेंद खाली गयी, मिथुन मन्हास (07) ने दूसरी गेंद में छक्का जड़ा और अगली दो गेंद पर एक एक रन जुड़े। पांचवीं गेंद पर मन्हास आउट हुए और छठी गेंद पर एक रन बना। वीर प्रताप, अंकित शर्मा, ए आशीष रेड्डी और धवन ने एक एक विकेट प्राप्त किया।

इससे पहले डेक्कन चार्जर्स की ओर से संगकारा और वाइट ने पुणे वारियर्स के गेंदबाजों की धज्जियां उड़ाकर अंतिम छह ओवरों में 95 रन जुटाये। चौदह ओवर बाद टीम का स्कोर 91 रन था। टीम का 18वां और 19वां ओवर महत्वपूर्ण रहा जिसमें संगकारा और वाइट ने 25-25 रन बटोरे। गांगुली के ओवर और टीम के 18वें ओवर में 25 रन ने चार्जर्स की पारी का रंग ही बदल दिया।

टास जीतकर बल्लेबाजी करने उतरी डेक्कन चार्जर्स की शुरूआत अच्छी नहीं रही क्योंकि मालरेन सैमुअल्स ने मैच की पहली गेंद पर पार्थिव पटेल का विकेट झटक लिया। वायने पार्नेल ने मेडन ओवर फेंककर पुणे को अच्छी शुरूआत करायी। मेजबान टीम के लिये चीजें और खराब हो गयी जब भुवनेश्वर कुमार ने धवन (13) को पवेलियन भेजा जिन्होंने सैमुअल्स की गेंदों पर दो चौके जमाकर फार्म में आना शुरू ही किया था।

अगले ही ओवर में चार्जर्स तीसरा विकेट गंवा देती जब विकेटकीपर उथप्पा ने पार्नेल की गेंद पर वाइट का कैच छोड़ दिया। वाइट इस जीवनदान का फायदा उठाते हुए संगकारा के साथ सतर्कता से खेले और 10 ओवर बाद टीम का स्कोर दो विकेट पर 58 रन था।

इन दोनों ने लूज गेंदों पर चौके और छक्के तो जमाये लेकिन पारी की रन गति को बढ़ा नहीं सके। 14वें ओवर तक स्कोर 91 रन था। लेकिन डैन क्रिस्टियन की जगह अंतिम एकादश में वापसी करने वाले संगकारा ने अचानक ही रूख पलटते हुए सैमुअल्स के ओवर में चार चौके से 19 रन जुटाये और टीम ने 100 रन पूरे किये।

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पार्नेल के अगले ओवर में 12 रन बने। वाइट ने भी इस आक्रामकता में संगकारा का साथ निभाया और गांगुली के ओवर में लगातार तीन छक्के और एक चौके से 25 रन बने जिससे टीम प्रतिस्पर्धी स्कोर बनाने की ओर अग्रसर थी। नेहरा के अगले ओवर में भी 25 रन बने, लेकिन संगकारा अंतिम गेंद पर पवेलियन लौट गये। गांगुली और नेहरा के सात ओवरों में 80 बने। वाइट अंतिम ओवर की पहली गेंद पर आउट हुए।