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This Article is From Mar 15, 2019

Ipl 2019: इसलिए चेन्नई सुपर किंग्स ने खारिज किया यो-यो टेस्ट, ट्रेनर ने उठाया विराट की सोच पर सवाल

Ipl 2019: इसलिए चेन्नई सुपर किंग्स ने खारिज किया यो-यो टेस्ट, ट्रेनर ने उठाया विराट की सोच पर सवाल
फ्लाइट में धोनी और जाधव के साथ शार्दूल ठाकुर (बाएं)
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आईपीएल का आगाज 23 मार्च से
चेन्नई और बेंगलोर के बीच होगी पहली टक्कर
धोनी सहित सितारा खिलाड़ी चेन्नई पहुंचे
नई दिल्ली:

टीम इंडिया के लिए भारतीय कप्तान विराट कोहली (#Viratkohli) और टीम मैनेजमेंट ने भले ही खिलाड़ियों के लिए टीम में सेलेक्शन का पैमाना 'यो-यो टेस्ट' पास करने को भले ही अनिवार्य बना दिया हो, लेकिन आईपीएल (Ipl 2019) की टीमें इस अनिवार्य तौर पर अपनाने के लिए राजी नहीं हैं. महेंद्र सिह धोनी के नेतृत्व वाली चेन्नई सुपर किंग्स (#ChennaiSuperkings) की टीम इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 12वें संस्करण में फिटनेस टेस्ट नहीं देगी. वहीं, चेन्नई सुपर किंग्स और भारतीय टीम के पूर्व ट्रेनर ने विराट कोहली (#ViratKohli) की सोच पर ही सवाल उठा दिए हैं.

पूर्व भारतीय ट्रेनर रामजी श्रीनिवासन, जो इस सीजन के पहले मैच तक के लिए चेन्नई टीम से जुड़े हैं, ने खिलाड़ियों की फिटनेस को मापने के लिए दो किमी या 2.4 किमी दौड़ और स्प्रिंट रिपीट टेस्ट को खिलाड़ियों की फिटनेस मापने के पैमाने के रूप में चुना है. रामजी ने  बातचीत में बताया कि कैसे उन्होंने यो-यो टेस्ट जैसे सामान्य टेस्ट पैरामीटर के बजाय खिलाड़ियों की व्यक्तिगत जरूरतों को ध्यान में रखते हुए स्मार्ट टेस्ट और डिजाइन टेस्ट को प्राथमिकता दी है.

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उन्होंने कहा कि मैंने खिलाड़ियों की फिटनेस जांच के लिए दो किमी या 2.4 किमी दौड़ को चुना है. केवल इसलिए कि राष्ट्रीय टीम यो-यो टेस्ट करती है तो इसका मतलब यह नहीं है कि मुझे भी इस प्रक्रिया का पालन करने की जरूरत हो. रामजी ने कहा कि मेरा मानना है कि खिलाड़ियों की खास जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उनके लिए चुनौतियों को तैयार करने की जरूरत है. उदाहरण के रूप में देखें तो जब मैं भारतीय टीम के साथ था, तब मैंने धोनी के लिए जो टेस्ट तैयार किया था, वह सचिन तेंदुलकर के लिए नहीं था. 

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उन्होंने कहा कि ठीक वैसे ही अगर विराट कोहली डेडलिफ्ट करना चाहते हैं और उनका शरीर उनका साथ देता है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि धोनी को भी वैसा ही करना होगा. यो-यो टेस्ट फुटबॉल जैसे खेलों के लिए अधिक अनुकूल है. धोनी के बारे में पूछे जाने पर रामजी ने कहा कि एमएस पूरी तरह से अलग हैं. वह चीजों को बहुत आसान रखना पसंद करते हैं. वह क्लीन-एंड-जर्क और अन्य तरह की पावर लिफ्टिंग नहीं करते हैं. वह एक स्मार्ट ट्रेनर हैं. वह इस तरह से अभ्यास करते हैं जो आसान होता है और उनके स्किल्स को बढ़ाने में मदद करता है. रामजी को लगता है कि भारत में एक 'झुंड मानसिकता' है, जिसमें यदि कोई व्यक्ति कुछ करता है और वह इसमें सफलता हासिल करता है, तो दूसरे लोग भी उसका अनुसरण करते हैं. 
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उन्होंने कहा कि केवल इसलिए कि यूसेन बोल्ट फिट रहने के लिए दौड़ता है तो इसका मतलब यह नहीं है कि मुझे भी ऐसा ही करना चाहिए. भारत में, 'झुंड मानसिकता' को खत्म करना होगा. रामजी ने एक तरह से विराट कोहली की सोच पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि हां, एक निश्चित फिटनेस प्रणाली का पालन करने से कोहली को जो परिणाम मिला है, वह निर्विवाद है. लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है कि कोई अन्य खिलाड़ी भी उसी प्रणाली का पालन करके उसी तरह का परिणाम हासिल कर लेगा" 

 

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