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शिखर धवन-विराट कोहली की शानदार बल्लेबाजी से टीम इंडिया ने पहला मैच 9 विकेट से जीता था (फाइल फोटो)
पल्लेकेले:
विराट कोहली की अगुवाई में भारतीय क्रिकेट टीम कल दूसरे वनडे मैच के लिए कल यहां उतरेगी तो उसका इरादा लगातार हार से बेजार श्रीलंकाई टीम की मुसीबतें और बढ़ाकर अपना विजय अभियान जारी रखने का होगा. टेस्ट सीरीज में 3-0 से मिली जीत के बाद वनडे में भी भारत का यह प्रदर्शन जारी रहा जिसमें पहला वनडे उसने 9 विकेट से जीता. श्रीलंका टीम का प्रदर्शन इतना खराब रहा है कि उसके प्रशंसकों ने इसकी वजह पूछने के लिये टीम बस रोक दी. मुख्य कोच निक पोथास ने परोक्ष रूप से कहा कि टीम में सब कुछ ठीक नहीं है. उन्होंने टीम मैनेजर असांका गुरुसिंघे के दखल की ओर इशारा किया था.
भारतीय सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने नाबाद 132 रन बनाकर श्रीलंकाई गेंदबाजों पर जो दबाव बनाया , उससे वे उबर ही नहीं सके. कप्तान कोहली ने भी नाबाद 82 रन बनाए. भारतीय अंतिम एकादश में किसी बदलाव की उम्मीद नहीं है. अभी पांच में से एक ही मैच खेला गया है और कोहली ने वेस्टइंडीज में भी टीम में ज्यादा बदलाव नहीं किये थे. यहां भी हालात वही है. दाम्बुला में भारत ने दो लेग स्पिनर या बाएं हाथ के दो स्पिनरों को नहीं उतारा जिससे युजवेंद्र चहल और अक्षर पटेल का लेग ब्रेक और बायें हाथ की स्पिन गेंदबाजी का संयोजन उतारा गया. श्रीलंका में वनडे विकेट तीन स्पिनरों को उतारने के लायक नहीं है. ऐसे में कुलदीप यादव को मनीष पांडे, अजिंक्य रहाणे और शारदुल ठाकुर के साथ फिर बाहर रहना पड़ सकता है.
यह भी पढ़ें : भारत ने श्रीलंका को 9 विकेट से हराया, सीरीज में बनाई 1-0 की बढ़त
यह भी देखना होगा कि कोहली बल्लेबाजी क्रम में क्या बदलाव करते हैं ताकि केएल राहुल और केदार जाधव को कुछ समय मिल सके. श्रीलंकाई टीम भारत को आउट करने में नाकाम रही है और उसकी चयन नीतियों पर भी सवाल उठने लगे हैं. टेस्ट कप्तान और श्रीलंका के सबसे आक्रामक बल्लेबाज दिनेश चांदीमल को अंतिम ग्यारह में जगह नहीं मिली. वहीं आम तौर पर पारी का आगाज करने वाले कप्तान उपुल थरंगा चौथे नंबर पर उतरे जहां चांदीमल बल्लेबाजी करते हैं. इससे इन अटकलों को बल मिला कि श्रीलंकाई ड्रेसिंग रूम में सब कुछ ठीक नहीं है. पोथास ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में भी चांदीमल को बाहर करने के फैसले पर उंगली उठाई थी. टीम मैनेजर गुरुसिंघे और मुख्य चयनकर्ता सनथ जयसूर्या के दखल के बारे में पूछने पर उन्होंने ‘टू मेनी कुक्स’ कहा.
वीडियो : पहला वनडे बेहद आसानी से जीती टीम इंडिया
श्रीलंकाई टीम भारत को चुनौती देने में एक बार फिर पूरी तरह नाकाम रही. टेस्ट सीरीज में जहां पहले और सातवें नंबर की टीम का फर्क दिखा, वहीं दाम्बुला वनडे में भी पता चल गया कि तीसरे नंबर पर काबिज भारत और आठवें नंबर की श्रीलंका के प्रदर्शन में कितना अंतर है. श्रीलंका को 2019 विश्वकप के लिये स्वत: क्वालीफाई करना है तो उसे दो मैच जरूर जीतने होंगे ताकि 30 सितंबर की समय सीमा तक वेस्टइंडीज उसे पछाड़ न दे. इसके लिए श्रीलंका के बल्लेबाजों को जिम्मेदाराना प्रदर्शन करना होगा. पहले वनडे में 28वें ओवर तक श्रीलंका के तीन विकेट पर 150 रन थे और धनुष्का गुणतिलका, निरोशन डिकवेला तथा कुशाल मेंडिस ने उपयोगी पारियां खेली थी. उन्होंने भारतीय तेज आक्रमण का बखूबी सामना किया लेकिन निचले क्रम के बल्लेबाज साथ नहीं दे सके.
भारतीय सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने नाबाद 132 रन बनाकर श्रीलंकाई गेंदबाजों पर जो दबाव बनाया , उससे वे उबर ही नहीं सके. कप्तान कोहली ने भी नाबाद 82 रन बनाए. भारतीय अंतिम एकादश में किसी बदलाव की उम्मीद नहीं है. अभी पांच में से एक ही मैच खेला गया है और कोहली ने वेस्टइंडीज में भी टीम में ज्यादा बदलाव नहीं किये थे. यहां भी हालात वही है. दाम्बुला में भारत ने दो लेग स्पिनर या बाएं हाथ के दो स्पिनरों को नहीं उतारा जिससे युजवेंद्र चहल और अक्षर पटेल का लेग ब्रेक और बायें हाथ की स्पिन गेंदबाजी का संयोजन उतारा गया. श्रीलंका में वनडे विकेट तीन स्पिनरों को उतारने के लायक नहीं है. ऐसे में कुलदीप यादव को मनीष पांडे, अजिंक्य रहाणे और शारदुल ठाकुर के साथ फिर बाहर रहना पड़ सकता है.
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यह भी देखना होगा कि कोहली बल्लेबाजी क्रम में क्या बदलाव करते हैं ताकि केएल राहुल और केदार जाधव को कुछ समय मिल सके. श्रीलंकाई टीम भारत को आउट करने में नाकाम रही है और उसकी चयन नीतियों पर भी सवाल उठने लगे हैं. टेस्ट कप्तान और श्रीलंका के सबसे आक्रामक बल्लेबाज दिनेश चांदीमल को अंतिम ग्यारह में जगह नहीं मिली. वहीं आम तौर पर पारी का आगाज करने वाले कप्तान उपुल थरंगा चौथे नंबर पर उतरे जहां चांदीमल बल्लेबाजी करते हैं. इससे इन अटकलों को बल मिला कि श्रीलंकाई ड्रेसिंग रूम में सब कुछ ठीक नहीं है. पोथास ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में भी चांदीमल को बाहर करने के फैसले पर उंगली उठाई थी. टीम मैनेजर गुरुसिंघे और मुख्य चयनकर्ता सनथ जयसूर्या के दखल के बारे में पूछने पर उन्होंने ‘टू मेनी कुक्स’ कहा.
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श्रीलंकाई टीम भारत को चुनौती देने में एक बार फिर पूरी तरह नाकाम रही. टेस्ट सीरीज में जहां पहले और सातवें नंबर की टीम का फर्क दिखा, वहीं दाम्बुला वनडे में भी पता चल गया कि तीसरे नंबर पर काबिज भारत और आठवें नंबर की श्रीलंका के प्रदर्शन में कितना अंतर है. श्रीलंका को 2019 विश्वकप के लिये स्वत: क्वालीफाई करना है तो उसे दो मैच जरूर जीतने होंगे ताकि 30 सितंबर की समय सीमा तक वेस्टइंडीज उसे पछाड़ न दे. इसके लिए श्रीलंका के बल्लेबाजों को जिम्मेदाराना प्रदर्शन करना होगा. पहले वनडे में 28वें ओवर तक श्रीलंका के तीन विकेट पर 150 रन थे और धनुष्का गुणतिलका, निरोशन डिकवेला तथा कुशाल मेंडिस ने उपयोगी पारियां खेली थी. उन्होंने भारतीय तेज आक्रमण का बखूबी सामना किया लेकिन निचले क्रम के बल्लेबाज साथ नहीं दे सके.
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