लोकेश राहुल के साथ बल्लेबाजी करने के लिए आते हुए पार्थिव पटेल
नई दिल्ली:
क्रिकेट के खेल में विकेटकीपर का काम बेहद थका देने वाला होता है. यह थकान उस समय और बढ़ जाती है जब आपको लगातार कई ओवर विकेटकीपिंग करने के बाद पारी भी शुरू करनी पड़े. टीम इंडिया के विकेटकीपर पार्थिव पटेल को इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई टेस्ट में ऐसे ही अनुभव से गुजरना पड़ा. लगातार हावी होती थकान आपके पूरे शरीर को तोड़ देती है और आपके रिफ्लेक्सेस और रनिंग विटवीन द विकेट काफी धीमी हो जाती है, लेकिन पार्थिव ने अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाया और 150 से अधिक ओवर तक विकेटकीपिंग करने के बाद न केवल भारतीय पारी की शुरुआत की बल्कि अर्धशतक भी बनाया.
चेन्नई टेस्ट में पहले बैटिंग को उतरी इंग्लैंड टीम की पारी बेहद लंबी खिंच गई. इंग्लैंड की पारी मैच के दूसरे दिन 157.2 ओवर्स के बाद 477 रन पर समाप्त हुई. क्रिकेट में सबसे ज्यादा थकाने वाला काम विकेटकीपर का ही होता है. दूसरे फील्डर तो इस दौरान कुछ रिलेक्स करने की स्थिति में होते हैं लेकिन विकेटकीपर को हर गेंद पर बारीक नजर जमाकर रखनी होती है. किसी भी गेंद पर कोई कैच या स्टंपिंग मिस होते ही मानो उसकी पूरी मेहनत पर पानी फिर जाता है.
बतौर विकेटकीपर अपनी इस जिम्मेदारी को टीम इंडिया के 'छुटके' खिलाड़ी ने बखूबी निभाया. उन्होंने 157.2 ओवर तक विकेट के पीछे अपना काम पूरी चौकसी से किया और मुरली विजय के चोटिल होने के कारण लोकेश राहुल के साथ बल्लेबाजी की भी शुरुआत की. विकेटकीपिंग के थका देने वाले अनुभव के बाद यह वाकई प्रशंसा के लायक काम था. मैच के दूसरे दिन पार्थिव 28 रन बनाकर नाबाद थे और टीम इंडिया का स्कोर बिना विकेट खोए 60 रन था.
मैच के तीसरे दिन, आज पार्थिव ने न केवल अर्धशतक जमाया बल्कि सीरीज में पहली बार टीम इंडिया के लिए शतकीय साझेदारी भी की. पार्थिव ने लोकेश राहुल के साथ पहले विकेट के लिए 152 रन जोड़े. ओपनिंग पार्टनरशिप हाल के समय में टीम इंडिया के लिए चिंता का विषय रही है और 31 पारी के बाद भारत की ओर से टेस्ट में पहले विकेट के लिए शतकीय साझेदारी हुई है. तीसरे दिन लंच के कुछ देर पहले पार्थिव 71 रन बनाकर आउट हुए. आकर्षक पारी में उन्होंने 112 गेंदों का सामना किया और सात चौके लगाए.
चेन्नई टेस्ट में पहले बैटिंग को उतरी इंग्लैंड टीम की पारी बेहद लंबी खिंच गई. इंग्लैंड की पारी मैच के दूसरे दिन 157.2 ओवर्स के बाद 477 रन पर समाप्त हुई. क्रिकेट में सबसे ज्यादा थकाने वाला काम विकेटकीपर का ही होता है. दूसरे फील्डर तो इस दौरान कुछ रिलेक्स करने की स्थिति में होते हैं लेकिन विकेटकीपर को हर गेंद पर बारीक नजर जमाकर रखनी होती है. किसी भी गेंद पर कोई कैच या स्टंपिंग मिस होते ही मानो उसकी पूरी मेहनत पर पानी फिर जाता है.
बतौर विकेटकीपर अपनी इस जिम्मेदारी को टीम इंडिया के 'छुटके' खिलाड़ी ने बखूबी निभाया. उन्होंने 157.2 ओवर तक विकेट के पीछे अपना काम पूरी चौकसी से किया और मुरली विजय के चोटिल होने के कारण लोकेश राहुल के साथ बल्लेबाजी की भी शुरुआत की. विकेटकीपिंग के थका देने वाले अनुभव के बाद यह वाकई प्रशंसा के लायक काम था. मैच के दूसरे दिन पार्थिव 28 रन बनाकर नाबाद थे और टीम इंडिया का स्कोर बिना विकेट खोए 60 रन था.
मैच के तीसरे दिन, आज पार्थिव ने न केवल अर्धशतक जमाया बल्कि सीरीज में पहली बार टीम इंडिया के लिए शतकीय साझेदारी भी की. पार्थिव ने लोकेश राहुल के साथ पहले विकेट के लिए 152 रन जोड़े. ओपनिंग पार्टनरशिप हाल के समय में टीम इंडिया के लिए चिंता का विषय रही है और 31 पारी के बाद भारत की ओर से टेस्ट में पहले विकेट के लिए शतकीय साझेदारी हुई है. तीसरे दिन लंच के कुछ देर पहले पार्थिव 71 रन बनाकर आउट हुए. आकर्षक पारी में उन्होंने 112 गेंदों का सामना किया और सात चौके लगाए.
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