धर्मशाला टेस्ट की दूसरी पारी में भुवनेश्वर ने स्मिथ को बोल्ड कर दिया (फाइल फोटो)
धर्मशाला:
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चार टेस्ट मैच की सीरीज में मेहमान टीम के कप्तान स्टीव स्मिथ टीम इंडिया के लिए मुसीबत बने रहे. स्मिथ को आउट करने के लिए टीम इंडिया के गेंदबाजों को एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ा. कंगारू टीम के कप्तान ने सीरीज के चार मैचों में (धर्मशाला टेस्ट को मिलाकर) तीन शतक लगाए जिसमें नाबाद 178 रन उनका सर्वोच्च स्कोर रहा. टीम इंडिया के लिए राहत की बात यह रही कि धर्मशाला टेस्ट की पहली पारी में शतक बनाने वाले स्मिथ दूसरी पारी में जल्दी ही आउट हो गए. स्मिथ दूसरी पारी में केवल 17 रन बना पाए. उन्हें भुवनेश्वर कुमार ने बोल्ड किया.
स्टीव स्मिथ को आउट करने के लिए टीम इंडिया की रणनीति अब तक कोई खास परिणाम नहीं दे पाई थी लेकिन दूसरी पारी में अत्याधिक आक्रामक होने का खामियाजा ऑस्ट्रेलियाई कप्तान को भुगतना पड़ा. भुवनेश्वर ने पारी के नौवें ओवर में जब स्मिथ का बहुमूल्य विकेट लिया तो सारे खिलाड़ियों की खुशी देखते ही बन रही थी. भुवी ने इस ओवर में गेंदों को ऑफ स्टंप से बाहर रखने की नीति अपनाई. उनकी पहली दो गेंदों को ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने चौके के लिए बाउंड्री के बाहर भेज दिया. ओवर की तीसरी गेंद पर स्मिथ में फिर ऐसा ही शॉट दोहराने की कोशिश की, लेकिन यह 'छोटी' गेंद ऑस्ट्रेलियाई कप्तान के बल्ले के निचले हिस्से से लगकर विकेट में जा घुसी. दूसरे शब्दों में कहें तो स्मिथ को बेहद जोखिम भरा शॉट खेलने की कोशिश के कारण विकेट गंवाना पड़ा. स्मिथ के इस तरह से आउट होने ने वर्ष 1996 के वर्ल्डकप के दौरान भारत के वेंकटेश प्रसाद और पाकिस्तान के आमिर सोहेल के बीच हुई 'मैदानी जंग' की याद ताजा कर दी. बेंगलुरू में खेले गए वर्ल्डकप के इस सेमीफाइनल में सोहेल ने पिछली गेंद पर प्रसाद को चौका जड़ा था और इसी तरह के शॉट को दोहराने कीकोशिश में वे बोल्ड हो गए थे.
500 रन के आंकड़े से एक रन दूर रह गए
मौजूदा सीरीज के चार टेस्ट की आठ पारियों में स्मिथ ने एक बार नाबाद रहते हुए 71.28 के औसत से 499 रन बनाए. इस सीरीज में उन्होंने टेस्ट करियर के 5000 रन पूरे किए लेकिन सीरीज में 500 रन का आंकड़ा छूने से वे महज एक रन पीछे रह गए. स्मिथ ने पुणे, रांची और धर्मशाला टेस्ट में शतक बनाया. ऑस्ट्रेलिया की ओर स रनों के मामले में ओपनर मैट रेनशॉ दूसरे स्थान पर रहे. उन्होंने 232 रन बनाए. टीम के अनुभवी बल्लेबाज डेविड वॉर्नर से सीरीज में बड़े स्कोर की उम्मीद लगाई जा रही थी लेकिन वे केवल एक अर्धशतक बना सके.
स्टीव स्मिथ को आउट करने के लिए टीम इंडिया की रणनीति अब तक कोई खास परिणाम नहीं दे पाई थी लेकिन दूसरी पारी में अत्याधिक आक्रामक होने का खामियाजा ऑस्ट्रेलियाई कप्तान को भुगतना पड़ा. भुवनेश्वर ने पारी के नौवें ओवर में जब स्मिथ का बहुमूल्य विकेट लिया तो सारे खिलाड़ियों की खुशी देखते ही बन रही थी. भुवी ने इस ओवर में गेंदों को ऑफ स्टंप से बाहर रखने की नीति अपनाई. उनकी पहली दो गेंदों को ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने चौके के लिए बाउंड्री के बाहर भेज दिया. ओवर की तीसरी गेंद पर स्मिथ में फिर ऐसा ही शॉट दोहराने की कोशिश की, लेकिन यह 'छोटी' गेंद ऑस्ट्रेलियाई कप्तान के बल्ले के निचले हिस्से से लगकर विकेट में जा घुसी. दूसरे शब्दों में कहें तो स्मिथ को बेहद जोखिम भरा शॉट खेलने की कोशिश के कारण विकेट गंवाना पड़ा. स्मिथ के इस तरह से आउट होने ने वर्ष 1996 के वर्ल्डकप के दौरान भारत के वेंकटेश प्रसाद और पाकिस्तान के आमिर सोहेल के बीच हुई 'मैदानी जंग' की याद ताजा कर दी. बेंगलुरू में खेले गए वर्ल्डकप के इस सेमीफाइनल में सोहेल ने पिछली गेंद पर प्रसाद को चौका जड़ा था और इसी तरह के शॉट को दोहराने कीकोशिश में वे बोल्ड हो गए थे.
500 रन के आंकड़े से एक रन दूर रह गए
मौजूदा सीरीज के चार टेस्ट की आठ पारियों में स्मिथ ने एक बार नाबाद रहते हुए 71.28 के औसत से 499 रन बनाए. इस सीरीज में उन्होंने टेस्ट करियर के 5000 रन पूरे किए लेकिन सीरीज में 500 रन का आंकड़ा छूने से वे महज एक रन पीछे रह गए. स्मिथ ने पुणे, रांची और धर्मशाला टेस्ट में शतक बनाया. ऑस्ट्रेलिया की ओर स रनों के मामले में ओपनर मैट रेनशॉ दूसरे स्थान पर रहे. उन्होंने 232 रन बनाए. टीम के अनुभवी बल्लेबाज डेविड वॉर्नर से सीरीज में बड़े स्कोर की उम्मीद लगाई जा रही थी लेकिन वे केवल एक अर्धशतक बना सके.
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