स्टीवन स्मिथ (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
सोलह साल पहले कप्तान स्टीव वॉ की ऑस्ट्रेलियाई टीम फ़ाइनल फ़्रंटियर पर फ़तह हासिल करने की तमन्ना के साथ भारत आई थी. सीरीज़ के पहले टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने दिल्ली में भारत को पटखनी दे दी थी और कोलकाता के दूसरे टेस्ट में भी पहली पारी में 445 के स्कोर के साथ मेहमान टीम हावी नज़र आ रही थी. हरभजन सिंह को पहली पारी में हैट्रिक विकेट हासिल हुए थे (रिकी पॉन्टिंग, एडम गिलक्रिस्ट और शेन वॉर्न के पांचवें, छठे और सातवें विकेट). उसके बाद दूसरी पारी में वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ की ऐतिहासिक पारियों के अलावा भज्जी का दूसरी पारी में छह विकेट हासिल करना ना सिर्फ़ भारत के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ, ऑस्ट्रेलियाई दबदबा भी चकनाचूर हो गया.
फ़ॉलोआन के बावजूद जीत हासिल करने का कारनामा क्रिकेट इतिहास में इंग्लैंड के अलावा सिर्फ़ भारतीय टीम ने कर दिखाया. दरअसल भारतीय टीम 2001 और फिर 2008 में ऑस्ट्रेलिया के मिशन फ़ाइनल फ़्रंटियर को फ़ेल करने में कामयाब रही. पहले स्टीव वॉ फिर रिकी पॉन्टिंग के टेस्ट में 16 लगातार जीत का सिलसिला भारत आकर टूट गया. इस बार दुनिया के नंबर 1 टेस्ट बल्लेबाज़ स्टीवन स्मिथ भी इतिहास बनाने का इरादा लेकर आए हैं. पहले टेस्ट से पहले कप्तान विराट कोहली ने भी स्टीवन की जमकर तारीफ़ की.
उनका कहना है कि एक लेग स्पिनर ऑलराउंडर से लेकर दुनिया के नंबर 1 बल्लेबाज़ बनने का स्मिथ का सफर वाकई काबिले तारीफ़ है. दूसरी तरफ़ स्मिथ ने कहा है कि वो अपनी टीम को स्लेजिंग से नहीं रोकेंगे. हालांकि, विराट के ख़िलाफ़ भी स्लेजिंग को लेकर वो ज़रूर सचेत हैं.
दरअसल इस बार क़रीब महीने भर पहले से ही ऑस्ट्रेलियाई टीम के मौजूदा और पूर्व खिलाड़ी भारत के ख़िलाफ़ सावधानी से बयानबाज़ी कर रहे हैं. हालात कुछ इस तरह हैं जैसे ऑस्ट्रेलियाई खेमा भारत की तरह और भारतीय खेमा ऑस्ट्रेलिया की तरह व्यवहार कर रहा है. क्रिकेटर हरभजन सिंह ने कहा, "अगर ऑस्ट्रेलिया अच्छा खेलती है तो 3-0 से हारेगी वरना नतीजा 4-0 तय है."
पुणे टेस्ट से पहले स्टीवन स्मिथ हरभजन का जवाब संभलकर और विनम्रता से देते नज़र आए. स्मिथ ने टेस्ट मैच से पहले प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा, "हम जानते हैं कि हमें अंडरडॉग माना जा रहा है. इसलिए हरभजन ने कहा कि हम 4-0 से हारेंगे. लेकिन हम ऐसा नहीं सोचते." वो ये भी कहते हैं कि एक कप्तान होने के नाते वो हमेशा ऐसे मौक़े की तलाश में रहेंगे कि कब और कैसे भारत के ख़िलाफ़ आक्रमण के मौक़े ढूंढे जाएं. वो कहते हैं कि ये एक 'टफ़' सीरीज़ होगी.
कोच अनिल कुंबले और कप्तान विराट कोहली एक सुर में कहते हैं कि वो ऑस्ट्रेलियाई टीम को ख़ास तवज्जो नहीं दे रहे. विराट तो यहां तक कहते हैं, "मेरे ख़याल से इंग्लैंड भी एक टॉप क्वालिटी टीम थी. उनके पास इस ऑस्ट्रेलियाई टीम से ज़्यादा अनुभव था. लेकिन हमने पिछली सीरीज़ के अनुभवों से समझ लिया है कि अगर इन हालात में विपक्षी टीम पर लगातार दबाव बनाया जाए तो कामयाबी मिल सकती है. हमने तब भी ऐसा ही किया था और अब भी ऐसा ही करेंगे."
ये सीरीज़ टेस्ट में बेस्ट का ऐलान करेगी. कई जानकार कह रहे हैं कि सीरीज़ के बाद दुनिया की नंबर 1 टीम भारत (ICC रैंकिंग में 121 प्वाइंट) और दुनिया की नंबर 2 ऑस्ट्रेलिया (ICC रैंकिंग में 109 प्वाइंट) टीम के बीच फ़ासला और बड़ा हो जाएगा. ऑस्ट्रेलियाई टीम एशिया में लगातार 9 टेस्ट हार चुकी है.
ये सिलसिला यहां थम जाएगा, ऐसा इस वक्त कहना मुश्किल नज़र आ रहा है. वैसे वीरेंद्र सहवाग का मानना है कि Dij लॉ ऑफ़ एवरेजेज़ लगता है तो भारतीय टीम सीरीज़ में एक टेस्ट ड्रॉ खेल सकती है या हार भी सकती है. स्मिथ की टीम चाहे तो सहवाग के बयान से अपने हौसले बुलंद कर सकती है.
कमाल की बात है कि इस बार ऑस्ट्रेलियाई तेवर बदले-बदले या संभले-संभले नज़र आते हैं. रणनीति, माइंडगेम और विपक्षी खिलाड़ी से लेकर स्लेजिंग तक कंगारू तेवर लगाम में कसे दिख रहे हैं. दूसरी तरफ़ भारतीय टीम एक ही अंदाज़ में बात कर रही है. कोच अनिल कुंबले की तरह कप्तान विराट का फ़ोकस अपनी टीम के लक्ष्य पर है जबकि मेहमान टीम भारतीय रणनीति के मुताबिक एडजस्ट करती नज़र आती है.
पुणे की पिच को लेकर तस्वीर साफ़ दिख रही है. इसलिए पहले टेस्ट की रणनीति या टीम चयन को लेकर कोई बड़ा सरप्राइज़ सामने नज़र आता नहीं दिखता. पिच क्यूरेटर पांडुरंग सलगावकर कहते हैं कि पिच दूसरे-तीसरे दिन से टर्न करेगी मगर ये पिच ज़बरदस्त टर्नर साबित नहीं होगी. कप्तान विराट कोहली भी कुछ ऐसी ही पिच की उम्मीद कर रहे हैं.
आमतौर पर स्लेजिंग को बड़ा हथियार बनाने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम, विराट कोहली के प्रति अपने रवैये को लेकर सावधान है. मगर विराट इन सबसे बेपरवाह दिखते हैं. NDTV से बात करते हुए पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर भी कहते हैं कि सीरीज़ से पहले स्लेजिंग पर ज़रूरत से ज़्यादा ज़ोर दिया जा रहा है. लगातार 19 टेस्ट में हार से दूर रहे कप्तान विराट का इशारा साफ़ है कि टीम इंडिया पिछली सीरीज़ की तरह ही ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ भी लगातार दबाव बनाकर उन्हें तोड़ने की कोशिश करेगी.
फ़ॉलोआन के बावजूद जीत हासिल करने का कारनामा क्रिकेट इतिहास में इंग्लैंड के अलावा सिर्फ़ भारतीय टीम ने कर दिखाया. दरअसल भारतीय टीम 2001 और फिर 2008 में ऑस्ट्रेलिया के मिशन फ़ाइनल फ़्रंटियर को फ़ेल करने में कामयाब रही. पहले स्टीव वॉ फिर रिकी पॉन्टिंग के टेस्ट में 16 लगातार जीत का सिलसिला भारत आकर टूट गया. इस बार दुनिया के नंबर 1 टेस्ट बल्लेबाज़ स्टीवन स्मिथ भी इतिहास बनाने का इरादा लेकर आए हैं. पहले टेस्ट से पहले कप्तान विराट कोहली ने भी स्टीवन की जमकर तारीफ़ की.
उनका कहना है कि एक लेग स्पिनर ऑलराउंडर से लेकर दुनिया के नंबर 1 बल्लेबाज़ बनने का स्मिथ का सफर वाकई काबिले तारीफ़ है. दूसरी तरफ़ स्मिथ ने कहा है कि वो अपनी टीम को स्लेजिंग से नहीं रोकेंगे. हालांकि, विराट के ख़िलाफ़ भी स्लेजिंग को लेकर वो ज़रूर सचेत हैं.
दरअसल इस बार क़रीब महीने भर पहले से ही ऑस्ट्रेलियाई टीम के मौजूदा और पूर्व खिलाड़ी भारत के ख़िलाफ़ सावधानी से बयानबाज़ी कर रहे हैं. हालात कुछ इस तरह हैं जैसे ऑस्ट्रेलियाई खेमा भारत की तरह और भारतीय खेमा ऑस्ट्रेलिया की तरह व्यवहार कर रहा है. क्रिकेटर हरभजन सिंह ने कहा, "अगर ऑस्ट्रेलिया अच्छा खेलती है तो 3-0 से हारेगी वरना नतीजा 4-0 तय है."
पुणे टेस्ट से पहले स्टीवन स्मिथ हरभजन का जवाब संभलकर और विनम्रता से देते नज़र आए. स्मिथ ने टेस्ट मैच से पहले प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा, "हम जानते हैं कि हमें अंडरडॉग माना जा रहा है. इसलिए हरभजन ने कहा कि हम 4-0 से हारेंगे. लेकिन हम ऐसा नहीं सोचते." वो ये भी कहते हैं कि एक कप्तान होने के नाते वो हमेशा ऐसे मौक़े की तलाश में रहेंगे कि कब और कैसे भारत के ख़िलाफ़ आक्रमण के मौक़े ढूंढे जाएं. वो कहते हैं कि ये एक 'टफ़' सीरीज़ होगी.
कोच अनिल कुंबले और कप्तान विराट कोहली एक सुर में कहते हैं कि वो ऑस्ट्रेलियाई टीम को ख़ास तवज्जो नहीं दे रहे. विराट तो यहां तक कहते हैं, "मेरे ख़याल से इंग्लैंड भी एक टॉप क्वालिटी टीम थी. उनके पास इस ऑस्ट्रेलियाई टीम से ज़्यादा अनुभव था. लेकिन हमने पिछली सीरीज़ के अनुभवों से समझ लिया है कि अगर इन हालात में विपक्षी टीम पर लगातार दबाव बनाया जाए तो कामयाबी मिल सकती है. हमने तब भी ऐसा ही किया था और अब भी ऐसा ही करेंगे."
ये सीरीज़ टेस्ट में बेस्ट का ऐलान करेगी. कई जानकार कह रहे हैं कि सीरीज़ के बाद दुनिया की नंबर 1 टीम भारत (ICC रैंकिंग में 121 प्वाइंट) और दुनिया की नंबर 2 ऑस्ट्रेलिया (ICC रैंकिंग में 109 प्वाइंट) टीम के बीच फ़ासला और बड़ा हो जाएगा. ऑस्ट्रेलियाई टीम एशिया में लगातार 9 टेस्ट हार चुकी है.
ये सिलसिला यहां थम जाएगा, ऐसा इस वक्त कहना मुश्किल नज़र आ रहा है. वैसे वीरेंद्र सहवाग का मानना है कि Dij लॉ ऑफ़ एवरेजेज़ लगता है तो भारतीय टीम सीरीज़ में एक टेस्ट ड्रॉ खेल सकती है या हार भी सकती है. स्मिथ की टीम चाहे तो सहवाग के बयान से अपने हौसले बुलंद कर सकती है.
कमाल की बात है कि इस बार ऑस्ट्रेलियाई तेवर बदले-बदले या संभले-संभले नज़र आते हैं. रणनीति, माइंडगेम और विपक्षी खिलाड़ी से लेकर स्लेजिंग तक कंगारू तेवर लगाम में कसे दिख रहे हैं. दूसरी तरफ़ भारतीय टीम एक ही अंदाज़ में बात कर रही है. कोच अनिल कुंबले की तरह कप्तान विराट का फ़ोकस अपनी टीम के लक्ष्य पर है जबकि मेहमान टीम भारतीय रणनीति के मुताबिक एडजस्ट करती नज़र आती है.
पुणे की पिच को लेकर तस्वीर साफ़ दिख रही है. इसलिए पहले टेस्ट की रणनीति या टीम चयन को लेकर कोई बड़ा सरप्राइज़ सामने नज़र आता नहीं दिखता. पिच क्यूरेटर पांडुरंग सलगावकर कहते हैं कि पिच दूसरे-तीसरे दिन से टर्न करेगी मगर ये पिच ज़बरदस्त टर्नर साबित नहीं होगी. कप्तान विराट कोहली भी कुछ ऐसी ही पिच की उम्मीद कर रहे हैं.
आमतौर पर स्लेजिंग को बड़ा हथियार बनाने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम, विराट कोहली के प्रति अपने रवैये को लेकर सावधान है. मगर विराट इन सबसे बेपरवाह दिखते हैं. NDTV से बात करते हुए पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर भी कहते हैं कि सीरीज़ से पहले स्लेजिंग पर ज़रूरत से ज़्यादा ज़ोर दिया जा रहा है. लगातार 19 टेस्ट में हार से दूर रहे कप्तान विराट का इशारा साफ़ है कि टीम इंडिया पिछली सीरीज़ की तरह ही ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ भी लगातार दबाव बनाकर उन्हें तोड़ने की कोशिश करेगी.
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