
नई दिल्ली:
पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर को लगता है कि कुछ भारतीय खिलाड़ी 2011 विश्वकप में मिली सफलता के बाद बहुत लापरवाह हो गए हैं, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।
गावस्कर से जब पूछा गया कि भारतीय टीम की पिछली 18 महीने में लगातार असफलताओं का कारण क्या है, तो उन्होंने एनडीटीवी से कहा, 2011 विश्वकप की सफलता के बाद कुछ खिलाड़ियों का रवैया बहुत लापरवाह हो गया। उन्होंने ऐसा बर्ताव करना शुरू कर दिया जैसे विश्वकप जीतने के बाद देश उनका कर्जदार है, जिसे स्वीकारा नहीं जा सकता।
इस महान सलामी बल्लेबाज ने इस सवाल का सीधे तौर पर जवाब नहीं दिया कि क्या बीसीसीआई को डंकन फ्लेचर को हटा देना चाहिए, जिन्होंने हालिया वर्षों में भारत का टेस्ट क्रिकेट में सबसे बुरा दौर देखा है। गावस्कर ने कहा, मैं इस बात में धोनी का समर्थक हूं, जब वह कहते हैं कि कोच मैदान में जाकर रन नहीं बना सकता। लेकिन हां, मैं देखना चाहूंगा कि रवैया बहुत फीका है।
गावस्कर से जब पूछा गया कि भारतीय टीम की पिछली 18 महीने में लगातार असफलताओं का कारण क्या है, तो उन्होंने एनडीटीवी से कहा, 2011 विश्वकप की सफलता के बाद कुछ खिलाड़ियों का रवैया बहुत लापरवाह हो गया। उन्होंने ऐसा बर्ताव करना शुरू कर दिया जैसे विश्वकप जीतने के बाद देश उनका कर्जदार है, जिसे स्वीकारा नहीं जा सकता।
इस महान सलामी बल्लेबाज ने इस सवाल का सीधे तौर पर जवाब नहीं दिया कि क्या बीसीसीआई को डंकन फ्लेचर को हटा देना चाहिए, जिन्होंने हालिया वर्षों में भारत का टेस्ट क्रिकेट में सबसे बुरा दौर देखा है। गावस्कर ने कहा, मैं इस बात में धोनी का समर्थक हूं, जब वह कहते हैं कि कोच मैदान में जाकर रन नहीं बना सकता। लेकिन हां, मैं देखना चाहूंगा कि रवैया बहुत फीका है।
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