रवि शास्त्री (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
मौजूदा सीरीज़ में हार के बावजूद टीम इंडिया के कई खिलाड़ियों ने निजी तौर पर शानदार प्रदर्शन किया है। टीम इंडिया के डायरेक्टर रवि शास्त्री जोर देकर कहते हैं कि भारतीय खिलाड़ी रिकॉर्ड के लिए नहीं खेलते।
टीम डायरेक्टर रवि शास्त्री ने कहा, 'अगर भारतीय बल्लेबाज अपने निजी रिकॉर्ड के बारे में सोचते तो विराट कोहली सबसे तेज 7 हजार रन 100 मैच में ही बना लेते। अगर ऐसी बात होती तो रन के स्कोर में रोहित शर्मा के नाम दो दोहरे शतक नहीं होते।'
मैक्सवेल ने कहा, रिकॉर्ड के लिए खेलते हैं भारतीय बल्लेबाज
दरअसल मेलबर्न में हुए तीसरे वनडे मैच के बाद ऑस्ट्रेलिया के ग्लेन मैक्सवेल ने माइंड गेम खेलते हुए भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन को लेकर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया। मेलबर्न वनडे में मैन ऑफ द मैच रहे ग्लेन मैक्सवेल ने कहा था कि भारतीय बल्लेबाज अपने निजी रिकॉर्ड के लिए खेलते हैं और शतक के करीब पहुंचने पर धीमा खेलते हैं। जाहिर तौर पर भारतीय फ़ैन्स, खिलाड़ी और टीम मैनेजमेंट मैक्सवेल के बयान से खफा हैं। चौथे वनडे से पहले टीम इंडिया के डायरेक्टर रवि शास्त्री ने मैक्सवेल की बात को सिरे से खारिज कर दिया।
आंकड़े एक दूसरा पहलू भी बयां करते हैं-
भारत ने पिछले 3 वनडे में 31 से 40 ओवर के बीच 67, 67 और 60 रन बनाए
पर्थ में रोहित शर्मा ने 83 से 100 रन बनाने में 24 गेंद लीं
ब्रिसबेन में 86 से 100 रन बनाने में उन्होंने 21 गेंद खर्च कीं
विराट कोहली ने अपने शतक के आखिरी 16 रन बनाने के लिए 15 गेंद लीं
मेलबर्न में जहां रन-रेट बढ़ाने की जरूरत थी वहां शिखर धवन अपनी लय पाने के लिए धीमा खेलते रहे
मैथ्यू हेडन भी लगा चुके हैं आरोप
मैक्सवेल अकेले खिलाड़ी नहीं हैं जिसने भारतीय बल्लेबाजों पर आरोप लगाया हो। 10 साल पहले ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर मैथ्यू हेडन उपमहाद्वीप के बल्लेबाजों पर निजी रिकॉर्ड के लिए खेलने का आरोप लगा चुके हैं। भारतीय खिलाड़ियों के पास शानदार मौका है कि अपने प्रदर्शन से मैक्सवेल जैसे आलोचकों को करारा जवाब दे सकें।
टीम डायरेक्टर रवि शास्त्री ने कहा, 'अगर भारतीय बल्लेबाज अपने निजी रिकॉर्ड के बारे में सोचते तो विराट कोहली सबसे तेज 7 हजार रन 100 मैच में ही बना लेते। अगर ऐसी बात होती तो रन के स्कोर में रोहित शर्मा के नाम दो दोहरे शतक नहीं होते।'
मैक्सवेल ने कहा, रिकॉर्ड के लिए खेलते हैं भारतीय बल्लेबाज
दरअसल मेलबर्न में हुए तीसरे वनडे मैच के बाद ऑस्ट्रेलिया के ग्लेन मैक्सवेल ने माइंड गेम खेलते हुए भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन को लेकर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया। मेलबर्न वनडे में मैन ऑफ द मैच रहे ग्लेन मैक्सवेल ने कहा था कि भारतीय बल्लेबाज अपने निजी रिकॉर्ड के लिए खेलते हैं और शतक के करीब पहुंचने पर धीमा खेलते हैं। जाहिर तौर पर भारतीय फ़ैन्स, खिलाड़ी और टीम मैनेजमेंट मैक्सवेल के बयान से खफा हैं। चौथे वनडे से पहले टीम इंडिया के डायरेक्टर रवि शास्त्री ने मैक्सवेल की बात को सिरे से खारिज कर दिया।
आंकड़े एक दूसरा पहलू भी बयां करते हैं-
भारत ने पिछले 3 वनडे में 31 से 40 ओवर के बीच 67, 67 और 60 रन बनाए
पर्थ में रोहित शर्मा ने 83 से 100 रन बनाने में 24 गेंद लीं
ब्रिसबेन में 86 से 100 रन बनाने में उन्होंने 21 गेंद खर्च कीं
विराट कोहली ने अपने शतक के आखिरी 16 रन बनाने के लिए 15 गेंद लीं
मेलबर्न में जहां रन-रेट बढ़ाने की जरूरत थी वहां शिखर धवन अपनी लय पाने के लिए धीमा खेलते रहे
मैथ्यू हेडन भी लगा चुके हैं आरोप
मैक्सवेल अकेले खिलाड़ी नहीं हैं जिसने भारतीय बल्लेबाजों पर आरोप लगाया हो। 10 साल पहले ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर मैथ्यू हेडन उपमहाद्वीप के बल्लेबाजों पर निजी रिकॉर्ड के लिए खेलने का आरोप लगा चुके हैं। भारतीय खिलाड़ियों के पास शानदार मौका है कि अपने प्रदर्शन से मैक्सवेल जैसे आलोचकों को करारा जवाब दे सकें।
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