
मुरली विजय ने कहा कि कभी-कभी पुणे जैसे चुनौतीपूर्ण विकेट पर खेलना ठीक रहता है (फोटो AFP)
- बोले, ऐसे विकेट पर आपके जज्बे-तकनीक की परख होती है
- विजय ने माना, डीआरएस टीम के लिए अनुकूल नहीं रहा
- पुणे के विकेट को खराब करार दे चुके हैं मैच रैफरी ब्रॉड
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बेंगलुरू:
टीम इंडिया के ओपनर मुरली विजय, भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पुणे में हुए पहले टेस्ट की पिच कोखराब करार देने वाले आईसीसी मैच रेफरी क्रिस ब्रॉड के राय से सहमत नहीं हैं. उन्होंने कहा कि वहां की पिच को चुनौतीपूर्ण कहा जा सकता है, खराब नहीं. गौरतलब है कि इस टर्नर विकेट पर भारतीय बल्लेबाज, ऑस्ट्रेलिया स्पिनरों के आगे संघर्ष करते नजर आए. ऑस्ट्रेलिया ने सीरीज का यह पहला टेस्ट मैच 333 रन के विशाल अंतर से जीता. विजय ने शनिवार से शुरू होने वाले दूसरे टेस्ट मैच से पूर्व संवाददाताओं से कहा, ‘पुणे का विकेट खराब नहीं था. यह पहली गेंद से ही चुनौतीपूर्ण विकेट था. एक क्रिकेटर होने के नाते हमें सपाट विकेट पर खेलने के बजाय कभी इस तरह के विकेट पर भी खेलना चाहिए. असल में ऐसे विकेट पर खेलना अच्छा रहता है जिसमें आपके जज्बे और तकनीक की परख हो.’
पुणे टेस्ट मैच तीन दिन के अंदर समाप्त हो गया और ब्रॉड ने पिच को नकारात्मक रिपोर्ट दी. अब दूसरे टेस्ट मैच से पूर्व पिच सबसे अधिक चर्चा का विषय बन गई है. विजय को उम्मीद है कि चिन्नास्वामी स्टेडियम का विकेट अच्छा होगा लेकिन निजी तौर पर वह इसको लेकर परेशान नहीं हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं खुले दिमाग के साथ क्रीज पर उतरता हूं. मेरी कोशिश पिच की स्थिति के अनुसार खुद को ढालने की होती है.’पुणे में भारतीय टीम ने आसानी से घुटने टेके. इस बारे में विजय ने कहा कि भारतीय गेंदबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन पहली पारी के खराब प्रदर्शन के कारण काफी रन से पिछड़ने से टीम को नुकसान हुआ. उन्होंने कहा, ‘हमारे गेंदबाजों ने (ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में 260 रन पर रोककर) अच्छा प्रदर्शन किया. पहली पारी में काफी रनों से पिछड़ने के बाद वापसी करना मुश्किल था. हमने अच्छा खेल नहीं दिखाया.’
भारत को विशेषकर स्टीवन स्मिथ के कैच टपकाने और निर्णय समीक्षा प्रणाली (DRS) का सही उपयोग नहीं कर पाने का खामियाजा भुगतना पड़ा. विजय ने कहा, ‘निश्चित तौर पर यह (डीआरएस का उपयोग) हमारे अनुकूल नहीं रहा. मुझे लगता है कि हमें उन 15 सेकेंड का बेहतर उपयोग करना चाहिए.’ टीम ने पुणे की हार पर लंबी चर्चा की और अब वह अगले टेस्ट मैच में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है. विजय ने कहा, ‘हमने इस पर चर्चा की और हम कुछ क्षेत्रों पर काम कर रहे हैं जिनमें हम पिछले टेस्ट मैच में बेहतर कर सकते थे. हम नए सिरे से शुरुआत करने और सभी मौकों का फायदा उठाने के लिए तैयार हैं.’ विजय ने वर्तमान स्थिति की तुलना 2015 के श्रीलंका दौरे से की जहां भारत पहला टेस्ट हार गया था लेकिन इसके बाद उसने शानदार वापसी की. उन्होंने कहा, ‘निश्चित तौर पर इस में समानता है. हम केवल अपने खेल के बारे में सोच रहे हैं और दूसरे टेस्ट मैच में सकारात्मक सोच के साथ उतरना चाहते हैं. पुणे में एक टीम के रूप में हमने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया. हमें इसे स्वीकार करके आगे बढ़ना होगा.’ विजय के लिए यह मैच अच्छा नहीं रहा और वह दो और दस रन ही बना पाए. उनसे पूछा गया कि क्या वह अपनी तकनीक में किसी तरह का बदलाव करेंगे, उन्होंने कहा, ‘मैं तकनीक के बारे में ज्यादा नहीं सोच सकता. एक टीम के रूप में हमने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया और हमें आगे इससे बचना होगा.’
पुणे टेस्ट मैच तीन दिन के अंदर समाप्त हो गया और ब्रॉड ने पिच को नकारात्मक रिपोर्ट दी. अब दूसरे टेस्ट मैच से पूर्व पिच सबसे अधिक चर्चा का विषय बन गई है. विजय को उम्मीद है कि चिन्नास्वामी स्टेडियम का विकेट अच्छा होगा लेकिन निजी तौर पर वह इसको लेकर परेशान नहीं हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं खुले दिमाग के साथ क्रीज पर उतरता हूं. मेरी कोशिश पिच की स्थिति के अनुसार खुद को ढालने की होती है.’पुणे में भारतीय टीम ने आसानी से घुटने टेके. इस बारे में विजय ने कहा कि भारतीय गेंदबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन पहली पारी के खराब प्रदर्शन के कारण काफी रन से पिछड़ने से टीम को नुकसान हुआ. उन्होंने कहा, ‘हमारे गेंदबाजों ने (ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में 260 रन पर रोककर) अच्छा प्रदर्शन किया. पहली पारी में काफी रनों से पिछड़ने के बाद वापसी करना मुश्किल था. हमने अच्छा खेल नहीं दिखाया.’
भारत को विशेषकर स्टीवन स्मिथ के कैच टपकाने और निर्णय समीक्षा प्रणाली (DRS) का सही उपयोग नहीं कर पाने का खामियाजा भुगतना पड़ा. विजय ने कहा, ‘निश्चित तौर पर यह (डीआरएस का उपयोग) हमारे अनुकूल नहीं रहा. मुझे लगता है कि हमें उन 15 सेकेंड का बेहतर उपयोग करना चाहिए.’ टीम ने पुणे की हार पर लंबी चर्चा की और अब वह अगले टेस्ट मैच में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है. विजय ने कहा, ‘हमने इस पर चर्चा की और हम कुछ क्षेत्रों पर काम कर रहे हैं जिनमें हम पिछले टेस्ट मैच में बेहतर कर सकते थे. हम नए सिरे से शुरुआत करने और सभी मौकों का फायदा उठाने के लिए तैयार हैं.’ विजय ने वर्तमान स्थिति की तुलना 2015 के श्रीलंका दौरे से की जहां भारत पहला टेस्ट हार गया था लेकिन इसके बाद उसने शानदार वापसी की. उन्होंने कहा, ‘निश्चित तौर पर इस में समानता है. हम केवल अपने खेल के बारे में सोच रहे हैं और दूसरे टेस्ट मैच में सकारात्मक सोच के साथ उतरना चाहते हैं. पुणे में एक टीम के रूप में हमने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया. हमें इसे स्वीकार करके आगे बढ़ना होगा.’ विजय के लिए यह मैच अच्छा नहीं रहा और वह दो और दस रन ही बना पाए. उनसे पूछा गया कि क्या वह अपनी तकनीक में किसी तरह का बदलाव करेंगे, उन्होंने कहा, ‘मैं तकनीक के बारे में ज्यादा नहीं सोच सकता. एक टीम के रूप में हमने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया और हमें आगे इससे बचना होगा.’
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