विराट ने कहा है कि वे और धोनी एक जैसा सोचते हैं (फाइल फोटो)
कैनबरा में हार के बाद टीम इंडिया आलोचकों के निशाने पर है, लेकिन विराट कोहली के मुताबिक टीम इंडिया इन सबसे दूर बाकी मैचों को जीतने की रणनीति बना रही है ताकि अगला वनडे और T20 मैचों को जीतकर वो अब भी ऑस्ट्रेलियाई जमीन पर हार-जीत का आंकड़ा बराबर कर सके। बल्लेबाज मानते हैं कि पहले तीन मैचों में गेंदबाज दबाव में प्रदर्शन नहीं कर पाए, लेकिन कैनबरा में हार की जिम्मेदारी लेने से बल्लेबाज पीछे नहीं हट रहे।
विराट कोहली कहते हैं, "पहले तीन मैचों में अहम मौकों पर गेंदबाज दबाव में जरूर प्रदर्शन नहीं कर पाए, लेकिन कैनबरा में मैं और शिखर मैच को 46वें-47वें ओवर में खत्म कर सकते थे। पिछला मैच टीम इंडिया बल्लेबाजों की गलती से हारी है।"
विराट यह भी कहते हैं कि युवा खिलाड़ी भी सीखने की कोशिश में हैं और वो युवा खिलाड़ियों की मदद भी करते हैं। उन्होंने कहा, "गुरकीरत मान और ऋषि धवन अच्छे खिलाड़ी हैं। उनमें काफी दम है। मैं मैदान के बाहर भी उनसे बात करता रहता हूं। वो जितनी जल्दी सीखेंगे उनके और टीम के लिए उतना अच्छा होगा।"
विराट के मुताबिक कप्तान और खिलाड़ियों के बीच कम्यूनिकेशन में कोई कमी नहीं है। वो बताते हैं कि कप्तान एमएस धोनी उनके जरिये गेंदबाजों से भी बात करते रहते हैं। वो बताते हैं कि वो इसीलिए जानबूझकर मिड ऑफ में खड़े रहते हैं। वो कहते हैं कि वो और धोनी एक जैसा ही सोचते हैं और वो समझते हैं कि धोनी कैसी फील्ड चाहते हैं।
सौ बातों की एक बात टीम इंडिया जिन हालात में है, वहां से उनकी वापसी की एक है सूरत नजर आती है। उनके पास अब जवाब देने का एक ही तरीका है कि वो बाकी के मैचों में जीत हासिल करे वरना उनकी हर गलती और बड़ी होती नजर आएगी।
विराट कोहली कहते हैं, "पहले तीन मैचों में अहम मौकों पर गेंदबाज दबाव में जरूर प्रदर्शन नहीं कर पाए, लेकिन कैनबरा में मैं और शिखर मैच को 46वें-47वें ओवर में खत्म कर सकते थे। पिछला मैच टीम इंडिया बल्लेबाजों की गलती से हारी है।"
विराट यह भी कहते हैं कि युवा खिलाड़ी भी सीखने की कोशिश में हैं और वो युवा खिलाड़ियों की मदद भी करते हैं। उन्होंने कहा, "गुरकीरत मान और ऋषि धवन अच्छे खिलाड़ी हैं। उनमें काफी दम है। मैं मैदान के बाहर भी उनसे बात करता रहता हूं। वो जितनी जल्दी सीखेंगे उनके और टीम के लिए उतना अच्छा होगा।"
विराट के मुताबिक कप्तान और खिलाड़ियों के बीच कम्यूनिकेशन में कोई कमी नहीं है। वो बताते हैं कि कप्तान एमएस धोनी उनके जरिये गेंदबाजों से भी बात करते रहते हैं। वो बताते हैं कि वो इसीलिए जानबूझकर मिड ऑफ में खड़े रहते हैं। वो कहते हैं कि वो और धोनी एक जैसा ही सोचते हैं और वो समझते हैं कि धोनी कैसी फील्ड चाहते हैं।
सौ बातों की एक बात टीम इंडिया जिन हालात में है, वहां से उनकी वापसी की एक है सूरत नजर आती है। उनके पास अब जवाब देने का एक ही तरीका है कि वो बाकी के मैचों में जीत हासिल करे वरना उनकी हर गलती और बड़ी होती नजर आएगी।
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