ऑकलैंड : सुरेश रैना (नाबाद 110) और महेंद्र सिंह धोनी (नाबाद 85) ने पांचवें विकेट के लिए रिकॉर्ड साझेदारी करके भारत को ईडन पार्क मैदान पर शनिवार को खेले गए आईसीसी विश्व कप-2015 के पूल-बी के अंतिम मैच में जिम्बाब्वे पर छह विकेट से जीत दिला दी। यह भारत की लगातार छठी जीत है।
भारत के लिए यह जीत उतनी आसान नहीं रही, जितनी दिख रही है। भारत ने जिम्बाब्वे द्वारा दिए गए 288 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए एक समय 92 रनों पर रोहित शर्मा (16), शिखर धवन (4), विराट कोहली (38) और अजिंक्य रहाणे (19) के रूप में चार अहम विकेट गंवा दिए थे लेकिन अपने करियर का पांचवां शतक लगाने वाले रैना और धोनी ने समय की मिसाल पेश कर 196 रनों की साझेदारी के साथ अपनी टीम को 48.4 ओवरों में जीत तक पहुंचा दिया।
मैन ऑफ द मैच चुने गए रैना ने 104 गेंदों का सामना कर नौ चौके और चार छक्के लगाए जबकि अपने करियर का 57वां अर्धशतक लगाने वाले धोनी ने 76 गेंदों पर आठ चौके और दो छक्के लगाए। धोनी ने छक्के के साथ भारत को जीत दिलाई।
इन दोनों ने रोबिन सिंह और अजय जडेजा द्वारा 1999 विश्व कप में पांचवें विकेट के लिए की गई 141 रनों की साझेदारी को पीछे छोड़ा। यह विश्व कप में भारत की लगातार 10वीं जीत है। भारत ने विश्व कप में अब तक के सबसे बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए जीत हासिल की है।
यही नहीं, इन दोनों ने इस विश्व कप में भारत के लिए किसी भी विकेट के लिए अब तक की सबसे बड़ी साझेदारी की। दोनों ने धवन और रोहित के आयरलैंड के खिलाफ पहले विकेट के लिए जोड़े गए 174 रनों के रिकॉर्ड को तोड़ा।
एक समय भारत ने 21 रन के कुल योग पर अपने दोनों सलामी बल्लेबाजों के विकेट गंवा दिए थे। रोहित ने 21 गेंदों पर दो चौके लगाए। धवन तो 20 गेंदों पर सिर्फ एक चौका लगा सके। इसके बाद कोहली और रहाणे ने तीसरे विकेट के लिए 50 रन जोड़े लेकिन अर्धशतकीय साझेदारी होने के साथ रहाणे दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से रन आउट हो गए।
रहाणे का विकेट 71 के कुल योग पर गिरा। इसके बाद कोहली को 92 के कुल योग पर रजा ने बोल्ड किया। कोहली ने 48 गेंदों पर चार चौके लगाए। कोहली की विदाई के बाद रैना और धोनी ने संयम के साथ खेलते हुए भारत लगातार छठी जीत तक पहुंचाया।
भारत अपने सभी मैच जीतकर ग्रुप-बी में शीर्ष पर है। वह पहले ही क्वार्टर फाइनल में जगह पक्की कर चुका है। वहीं, जिम्बाब्वे को छह मैचों में एक जीत मिली और उसके केवल दो अंक हैं।
इससे पहले, अपने विदाई मैच में शानदार शतक लगाने वाले कार्यकारी कप्तान ब्रेंडन टेलर (138) और सीन विलियम्स (50) की शानदार पारियों की बदौलत जिम्बाब्वे ने टॉस हारने के बाद बल्लेबाजी करते हुए खराब शुरूआत से उबरते हुए 48.5 ओवरों का सामना कर 287 रन बनाए।
एक समय जिम्बाब्वे ने 11, 13 और 33 रनों के कुल योग पर अपने तीन विकेट गंवा थे। चामू चिभाबा (7) को मोहम्मद समी ने चलता किया जबकि हेमिल्टन मासाकाद्जा (2) को उमेश यादव ने चलता किया। सोलोमन मिरे (9) का विकेट मोहित शर्मा ने लिया।
इसके बाद हालांकि अपने करियर का आठवां शतक लगाने वाले टेलर और विलियम्स ने चौथे विकेट के लिए 93 रन जोड़ते हुए टीम को मजबूती दी। विलियम्स का विकेट 126 के कुल योग पर गिरा। विलियम्स ने 57 गेंदों का सामना कर तीन चौके और इतने ही छक्के लगाए।
विलियम्स की विदाई के बाद टेलर ने क्रेग इर्विन (27) के साथ पांचवें विकेट के लिए 109 रन जोड़े। इसी साझेदारी के दौरान टेलर ने अपना शतक पूरा किया और साथ ही सर्वाधिक रनों की दौड़ में जिम्बाब्वे की ओर से तीसरे सबसे सफल एकदिवसीय बल्लेबाज बने। उनके नाम 5258 रन हैं। एंडी फ्लावर (6786) और ग्रांट फ्लावर (6571) ही उनसे आगे हैं।
टेलर ने 99 गेंदों पर शतक पूरा किया। उनकी 110 गेंदों की पारी में 15 चौके और पांच छक्के शामिल हैं। टेलर और इर्विन के आउट होने के बाद सिकंदर रजा (28) और रेगिस चाकाब्वा (10) ने 35 रनों की साझेदारी की लेकिन इसके बाद जिम्बाब्वे की टीम लय से भटक गई और अंतिम पांच ओवरों में 36 रन जोड़ते हुए चार विकेट गंवाए।
भारत की ओर से मोहम्मद समी, उमेश यादव और मोहित शर्मा ने तीन-तीन विकेट लिए जबकि रविचंद्रन अश्विन को एक सफलात मिली। अश्विन हालांकि काफी महंगे साबित हुए। उन्होंने अपने कोटे के 10 ओवरों में 75 रन खर्च किए। भारतीय गेंदबाजों ने लगातार छठे मैच में विपक्षी टीम के सभी विकेट चटकाए।
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