AI prediction on Guwahati's pitch: पिछले दिनों ईडेन गॉर्डन में मेहमान दक्षिण अफ्रीका (Ind vs Rsa) के खिलाफ चर्चा का केंद्र पिच बन गई. पूर्व क्रिकेटरों के एक बड़े वर्ग ने ऐसी पिच बनवाने के लिए भारतीय प्रबंधन को जमकर कोसा. सवाल खड़े गए कि पिच पर चार दिन वॉटरिंग न करके इसे स्पिनरों का मददगार क्यों बनाया गया, वगैरह..वगैरह? अब जब सिर पर दूसरा टेस्ट (Ind vs Rsa 2nd Test) सिर पर सवार है, तो करोड़ों फैंस के ज़हन में यही सवाल गूंज रहा है कि गुवाहाटी की पिच कैसी होगी? यह पिच कैसे काम करेगी? और इससे ऊपर बड़ा सवाल कि भारतीय प्रबंधन क्या करे और कैसी पिच तैयार करवाए? बहरहाल, ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI predicion on pitch) ने बता गिया है कि गुवाहाटी की पिच दिन-दर-दिन कैसा बर्ताव करेगी और टीम को क्या फैसला लेना चाहिए.
कुछ ऐसी है बरसापारा स्टेडियम की पिच
गुवाहाटी की पिच लाल मिट्टी की पिच है, जिस पर घास भी है. यह ठीक ऐसी पिच है, जिसका इस्तेमाल पिछले महीने विंडीज के खिलाफ अहमदाबाद में किया गया था. हालांकि, यह घास ग्रीन है और मैच से पहले कुछ घास पिच से हटाई भी जाएगी. इस पिच पर वीरवार को वॉटरिंग भी की गई.
AI (ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की पहले दिन की भविष्यवाणी
लाल मिट्टी वाली पिच आम तौर पर शुरुआत में पेसरों को मदद करती है और इसमें थोड़ा उछाल भी होता है. हालांकि, घास कम है, लेकिन घास का पिच पर कवर होने और वॉटरिंग होने से मिश्रित असर यह होगा कि पिच के नीचे नमी रहेगी. इससे गेंद अच्छा कैरी करेगा और उछाल भी होगी. पहले सेशन में गेंद दोनों तरफ सीम हो सकती है. कुल मिलाकर अनुमान यह है कि नई गेंद सीम और स्विंग करेगी, बाउंस अच्छा रहेगा और पहले सेशन में बल्लेबाजी मुश्किल होगी.

मैच के मिड्ल फेस (दूसरे से तीसरे दिन) का अनुमान
AI (ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के हिसाब से दूसरे से तीसरे दिन का समय बल्लेबाजी के लिए सर्वश्रेष्ठ समय है. जब एक बार नमी खत्म हो जाएगी और घास भी फ्लैट हो जाएगी, तो फिर लाल मिट्टी वाली पिच पहले दिन के मुकाबले सख्त हो जाती है. पेस इस पर समान हो जाती है और गेंद बल्ले पर अच्छी तरह आती है. ऐसे में अगर बल्लेबाज खुद को अमल में लाते हैं, तो रन निकलेंगे. मैच के शुरुआती दो दिन स्पिनरों को हल्की मदद मिलेगी
मैच का आखिरी चरण (4-5 दिन)
AI (ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के अनुसार मैच के चौथे से पांचवें दिन मैच पर स्पिनर हावी रहेंगे. जब लाल मिट्टी वाली पिच काली मिट्टी वाली की तुलना में सूखती है, तो तुलनात्मक रूप से तेजी से टूटती है. दरारें पड़ने लगती हैं. सतह ढीली होने पर धूल उड़ती है, घुमाव मिलता है और उछाल में विविधता आएगी. ऐसे में पैरों के निशान स्पिनरों के लिए रफ बनाएंगे. इससे गुवाही की पिच से अच्छा घुमाव मिलेगा. लाल मिट्टी की पिच के कारण पेसरों को थोड़ी रिवर्स स्विंग भी मिल सकती है. बल्लेबाजी बेहतर करना मुश्किल होगा.
कुल मिलाकर भविष्यवाणी
पारंपरिक लाल मिट्टी वाली पिच शुरुआत से जीवंत रहती है. फिर बल्लेबाजी के लिए अच्छी होती है. और फिर टर्निंग ट्रैक में बदल जाती है. ऐसे में इस पिच पर टॉस जीतकर पहले बॉलिंग चुनने वाली टीम को खासा फायदा मिल सकता है. अब देखने की बात होगी कि पिच को लेकर 'गंभीर इंटेलिजेंस' कैसे गुवाहाटी में काम करता है. और वह इस लाल मिट्टी वाली पिच पर टॉस जीतने की सूरत में क्या फैसला लेते हैं या हारने पर भारत की किस्मत में क्या आता है.
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